मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना: पुनर्वास की मांग वाली याचिका खारिज, राज्य सरकार के पास जाने की सलाह


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अहमदाबाद/नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Wed, 02 Feb 2022 11:03 PM IST

सार

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना से विस्थापित परिवारों ने लगाई पुनर्वास की गुहार, सूरत-भरूच-वापी-विलिमोरा स्टेशनों के बीच काम तेज करने का निर्देश

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गुजरात हाईकोर्ट ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की वजह से विस्थापित हो रहे परिवारों के पुनर्वास की मांग करने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि अदालत ने कहा है कि ये लोग राज्य सरकार के पास जा सकते हैं। उसे इनके दावों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए।      

हाईकोर्ट ने मंगलवार को बंधकाम मजदूर संगठन की जनहित याचिका पर आदेश पारित किया। याचिका में 68 से 70 परिवारों के पुनर्वास की मांग की गई थी। इन परिवारों को अहमदाबार के साबरमती इलाके के पास की झुग्गियों से बुलेट ट्रेन परियोजना की वजह से हटाया जा रहा है।  हलांकि अदालत ने नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसी) को दी गई जमीन पर बसे कुछ लोगों के पुनर्वास के आदेश दिए हैं। 

अपनी अपील में कामगार यूनियन ने दावा किया है कि राज्य और रेलवे के अधिकारियों ने बुलेट ट्रेन परियोजना के कारण अवैधानिक तरीके से उनकी झुग्गियों को गिराया है। राज्य सरकार की नीतियों के अनुसार, बिना पुनर्वास ऐसा करना अवैधानिक है। याचिका में अदालत से उन्हें राहत देने की अपील की गई है।

बुलेट ट्रेन: गुजरात में 237 किमी पर पिलर 2024 तक पूरे करने का लक्ष्य
बुलेट ट्रेन योजना का काम रेल मंत्रालय फिर फास्ट ट्रैक पर दौड़ा रहा है। रेलवे ने तय किया है कि दिसंबर 2024 तक अहमदाबाद-मुंबई के चार स्टेशनों के बीच वाइडक्ट (जिस पिलर पर ट्रेन चलनी है) तैयार कर लिए जाएंगे। सूरत-भरूच-वापी और विलिमोरा स्टेशन के बीच 237 किलोमीटर का वाइडक्ट तैयार हो जाएगा। संभव है इसके बाद इस सेक्शन पर बुलेट ट्रेन का ट्रायल रन भी शुरू हो जाए। लक्ष्य हर माह 10 किमी पिलर तैयार करने का है।

अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट लक्ष्य से काफी पीछे है। अब रेल मंत्रालय ने निश्चित किया है कि हर महीने पांच किमी वाइडक्ट तैयार किया जाए। मानसून खत्म होने के बाद हर महीने 10 किमी का वाइडक्ट पूरा किया जाएगा, ताकि देश की पहली बुलेट ट्रेन जल्द से जल्द चल सके। मुंबई-अहमदाबाद के बीच 508 किमी लंबी देश की पहली हाई स्पीड रेल लाइन का निर्माण नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन कर रहा है।

कारपोरेशन के अनुसार, बुलेट ट्रेन का 352 किमी मार्ग गुजरात के 8 जिलों से गुजरेगा। वलसाड जिले में 167 पिलर निर्माण और वापी स्टेशन का काम प्रगति पर है। इस एलिवेटेड स्टेशन का वास्तुशिल्प स्थानीय क्षेत्र के अनुरूप होगा। नवसारी जिले में भी 238 पिलर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। अहमदाबाद जिले में साबरमती टर्मिनल हब भवन तैयार हो रहा है। इस स्टेशन को रेलवे, मेट्रो व बस स्टेशन से जोड़ा जाएगा।

विस्तार

गुजरात हाईकोर्ट ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की वजह से विस्थापित हो रहे परिवारों के पुनर्वास की मांग करने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि अदालत ने कहा है कि ये लोग राज्य सरकार के पास जा सकते हैं। उसे इनके दावों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए।      

हाईकोर्ट ने मंगलवार को बंधकाम मजदूर संगठन की जनहित याचिका पर आदेश पारित किया। याचिका में 68 से 70 परिवारों के पुनर्वास की मांग की गई थी। इन परिवारों को अहमदाबार के साबरमती इलाके के पास की झुग्गियों से बुलेट ट्रेन परियोजना की वजह से हटाया जा रहा है।  हलांकि अदालत ने नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसी) को दी गई जमीन पर बसे कुछ लोगों के पुनर्वास के आदेश दिए हैं। 

अपनी अपील में कामगार यूनियन ने दावा किया है कि राज्य और रेलवे के अधिकारियों ने बुलेट ट्रेन परियोजना के कारण अवैधानिक तरीके से उनकी झुग्गियों को गिराया है। राज्य सरकार की नीतियों के अनुसार, बिना पुनर्वास ऐसा करना अवैधानिक है। याचिका में अदालत से उन्हें राहत देने की अपील की गई है।

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