वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, टोक्यो/बीजिंग
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Mon, 23 May 2022 07:32 PM IST
सार
जो बाइडन ने सोमवार को कहा कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो उनका देश सैन्य हस्तक्षेप करेगा। बाइडन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद स्वशासित द्वीप की रक्षा करने का दबाव और भी बढ़ गया है।
चीन से लीक हुए ऑडियो में कई चौंकाने वाले खुलासे।
– फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सोमवार को क्वाड समिट के लिए जापान पहुंचे। माना जा रहा है कि बैठक में चारों देश- अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र और चीन की दादागिरी से निपटने के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन पर बात करेंगे। हालांकि, बाइडन ने टोक्यो पहुंचते ही समिट को लेकर अपने इरादे जाहिर कर दिए। उन्होंने सीधे ताइवान का मुद्दा उठाते हुए चीन को चेतावनी जारी कर दी।
जापान में बाइडन के चीन के खिलाफ दिखाए गए इस आक्रामक रुख को लेकर जहां ज्यादातर विश्लेषक चौंके हैं, वहीं कुछ का मानना है कि बाइडन इस बार स्पष्ट तौर पर क्वाड के लक्ष्यों को स्पष्ट करने के लिए ऐसा माहौल बना रहे हैं। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान की वजह एक वायरल ऑडियो क्लिप बताई जा रही है, जिसमें कथित तौर पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आवाज है। कहा जा रहा है कि अमेरिका ने ऑडियो को गंभीरता से लिया है और इसीलिए बाइडन ने आनन-फानन में जापान में यह बयान दे दिया।
पहले जानें- जो बाइडन ने जापान में क्या कहा?
जो बाइडन ने सोमवार को कहा कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो उनका देश सैन्य हस्तक्षेप करेगा। बाइडन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद स्वशासित द्वीप की रक्षा करने का दबाव और भी बढ़ गया है। संवाददाता सम्मेलन में जब बाइडन से सवाल किया गया कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है, तो क्या वह सैन्य हस्तक्षेप करके इसकी रक्षा करने के इच्छुक हैं। इसके जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “हां, ‘हमने यह प्रतिबद्धता जताई है।”
क्यों चौंकाने वाला है बाइडन का बयान?
ताइवान को लेकर बाइडन का यह बयान व्हाइट हाउस की किसी प्रेस रिलीज या मंत्री के जरिए सामने नहीं आया, बल्कि इस बार उन्होंने खुद मीडिया के सामने यह बात कह दी। आमतौर पर अमेरिका ताइवान को ऐसी स्पष्ट सुरक्षा गारंटी देने से परहेज करता रहा है। उसकी ताइवान के साथ कोई आपसी रक्षा संधि तक नहीं है। इसके बजाय वह इस बारे में रणनीतिक अस्पष्टता की नीति अपनाता रहा है कि अगर चीन ने आक्रमण किया तो वह कितना हस्तक्षेप करने को तैयार है।
पर बाइडन को अचानक क्यों देना पड़ा ये बयान?
जो बाइडन की तरफ से जापान में उतरते ही इस तरह के बयान आने की एक वजह चीनी मूल की मानवाधिकार कार्यकर्ता जेनिफर जेंग की तरफ से वायरल की गई ऑडियो क्लिप है। 57 मिनट की इस क्लिप को LUDE मीडिया के यूट्यूब चैनल पर भी डाला गया है। दावा किया जा रहा है कि इसमें चीनी सेना के उच्चाधिकारियों की आवाजें हैं और यह पहला ऐसा ऑडियो है, जो इस उच्चस्तर से लीक हुआ है।
यूट्यूब चैनल ने दावा किया है कि यह रिकॉर्डिंग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लीक की, जो कि ताइवान पर कब्जे के चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की योजना को दुनिया के सामने लाना चाहते थे। इस क्लिप में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) और चीन की सेना- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अफसरों के बीच ताइवान और देश के आगे की युद्ध नीतियों को लेकर तैयारी पर बातचीत शामिल थी।
रिपोर्ट्स की मानें तो ऑडियो क्लिप में जिन लोगों की आवाजें पहचानी गई हैं, उनमें कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से गुआंगदोंग से पार्टी सचिव, उप सचिव और गवर्नर की आवाजें शामिल हैं। इसके अलावा पीएलए के जिन अधिकारियों की आवाजें ऑडियो में सुनी जा सकती हैं, उनमें गुआंगदोंग सैन्य क्षेत्र के मेजर जनरल झोउ हे, गुआंगदोंग प्रांतीय कमेटी के सदस्य वांग शूजिन और गुआंगदोंग सैन्य क्षेत्र के राजनीतिक अफसर शामिल हैं।
लीक ऑडियो में किस मुद्दे पर हो रही बात?
1. जिस बैठक का ऑडियो लीक हुआ है, उसमें ताइवान की स्वतंत्रता में जुटी सेना को ध्वस्त करने और युद्ध से न हिचकने को लेकर बातचीत की गई है। साथ ही इसमें देश की स्वायत्ता और अखंडता की रक्षा को लेकर भी बार-बार बयान दिए गए हैं। बैठक में साझा नागरिक-सैन्य कमान शुरू करने की बात कही गई है, जो कि योजनाबद्ध तरीके से ताइवान की सामान्य स्थिति को युद्ध में बदलने का काम कर सके।
2. बैठक में मौजूद अधिकारियों के बीच उन कंपनियों पर भी चर्चा हुई, जिन्हें ताइवान के खिलाफ युद्ध शुरू करने से पहले ड्रोन्स और नावों के उत्पादन की जिम्मेदारी दी गई है। इन अधिकारियों ने चार कंपनियों के बारे में बात की। इनमें- झुहाई ऑर्बिटा, शेनजेन एयरोस्पेस दोंगफैंगोंग सैटेलाइट कंपनी, फोशान डेलिया और जी हुआ लैबोरेट्री शामिल हैं। क्लिप में एक अधिकारी कहता है- “हमारे पास पृथ्वी की निचली कक्षा में 16 सैटेलाइट्स हैं, जिनमें 0.5 से 10 मीटर तक की हाई-ऑप्टिकल रेजोल्यूशन सेंसिंग और इमेजिंग क्षमताएं हैं।”
3. क्लिप के मुताबिक, ताइवान पर हमले का काम गुआंगदोंग प्रांत को सौंपा गया था और इसे 20 वर्गों में बांटा गया है। ऑपरेशन के लिए करीब 1.40 लाख सैन्यकर्मियों के अलावा 953 शिप्स, 1653 मानवरहित उपकरण, 20 एयरपोर्ट्स और डॉक्स, छह रिपेयरिंग और शिपबिल्डिंग यार्ड्स, 14 इमरजेंसी ट्रांसफर सेंटर और अन्य संसाधन जैसे- डिपो, अस्पताल, ब्लड स्टेशन्स, तेल डिपो और गैस स्टेशन मुहैया कराने की बात कही गई है।
4. इस ऑडियो से साफ है कि अभियान के लिए नए सैनिकों की भर्ती की जानी है। इसके लिए प्रांत से ही 15 हजार 500 लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। क्लिप में अधिकारियों को यह कहते सुना जा सकता है कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सात तरह के युद्धक संसाधनों के बीच सहयोग बिठाना है। इनमें 10 हजार टन के 64 रोल ऑन-रोल ऑफ शिप्स, 38 एयरक्राफ्ट्स, 588 ट्रेन के डिब्बे और एयरपोर्ट और डॉक्स शामिल हैं। क्लिप में अधिकारी पर्ल रिवर डेल्टा क्षेत्र (जिसमें ग्वांगझू, शेनजेन, फोशान, हॉन्गकॉन्ग और मकाऊ जैसे इलाके आते हैं) की सुरक्षा पर बात करते सुने जा सकते हैं।