बिहार: तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर ‘सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने’ का आरोप लगाया


पीटीआई, पटना।
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 21 Apr 2022 01:22 AM IST

सार

तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर रोजगार के अवसर पैदा करने, कानून व्यवस्था बनाए रखने और किसानों के मुद्दों को हल करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तथाकथित डबल इंजन सरकार के तहत बिहार में शिक्षा, पलायन और बेरोजगारी की समस्या अपने चरम पर है।

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बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) नीत सरकार ‘‘सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडा’’ चला रही है।

उन्होंने राज्य सरकार पर रोजगार के अवसर पैदा करने, कानून व्यवस्था बनाए रखने और किसानों के मुद्दों को हल करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया। यादव ने बुधवार को राज्य के निवासियों को ‘दिल की बात’ शीर्षक वाले पत्र में लिखा, ‘‘केंद्र सरकार की एजेंसियों – सीएजी (भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) और नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट ने बिहार सरकार को लगभग सभी संकेतकों पर विफल दिखाया। बिहार सरकार लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए गंभीर नहीं है। राजग सरकार राज्य में केवल सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ा रही है।’’

उन्होंने कहा कि तथाकथित डबल इंजन सरकार के तहत बिहार में शिक्षा, पलायन और बेरोजगारी की समस्या अपने चरम पर है। राजद नेता ने कहा, ‘‘कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है और हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार व्याप्त है।’’

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 17 साल से बिहार पर शासन कर रहीं राजग की पार्टियां लोगों की भलाई के लिए कभी नहीं सोचेंगी।

नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) के अनुसार, बिहार में ‘‘बहुआयामी गरीब’’ लोगों का अनुपात सबसे अधिक है, जो राज्य की आबादी का 51.91 प्रतिशत है। एमपीआई के तहत गरीबी को समान रूप से तीन आयामों – स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर पर मापा गया है।

विस्तार

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) नीत सरकार ‘‘सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडा’’ चला रही है।

उन्होंने राज्य सरकार पर रोजगार के अवसर पैदा करने, कानून व्यवस्था बनाए रखने और किसानों के मुद्दों को हल करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया। यादव ने बुधवार को राज्य के निवासियों को ‘दिल की बात’ शीर्षक वाले पत्र में लिखा, ‘‘केंद्र सरकार की एजेंसियों – सीएजी (भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) और नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट ने बिहार सरकार को लगभग सभी संकेतकों पर विफल दिखाया। बिहार सरकार लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए गंभीर नहीं है। राजग सरकार राज्य में केवल सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ा रही है।’’

उन्होंने कहा कि तथाकथित डबल इंजन सरकार के तहत बिहार में शिक्षा, पलायन और बेरोजगारी की समस्या अपने चरम पर है। राजद नेता ने कहा, ‘‘कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है और हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार व्याप्त है।’’

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 17 साल से बिहार पर शासन कर रहीं राजग की पार्टियां लोगों की भलाई के लिए कभी नहीं सोचेंगी।

नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) के अनुसार, बिहार में ‘‘बहुआयामी गरीब’’ लोगों का अनुपात सबसे अधिक है, जो राज्य की आबादी का 51.91 प्रतिशत है। एमपीआई के तहत गरीबी को समान रूप से तीन आयामों – स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर पर मापा गया है।



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