पोलिश सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी, निकोडेम पोपलावस्की (Nikodem Popławski) का मानना है कि हरेक ब्लैक होल में एक नया ब्रह्मांड होता है। डेली स्टार से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमारा पूरा ब्रह्मांड एक ब्लैक होल के अंदर मौजूद हो सकता है, जो दूसरे ब्रह्मांड का हिस्सा है। माना जाता है कि ब्लैक होल का साइज अलग-अलग हो सकता है। यह बहुत छोटे आकार से लेकर आकाशगंगाओं के केंद्र में मौजूद विशाल ‘दानव’ के जैसे हो सकते हैं।
उदाहरण के लिए, M87 नाम की आकाशगंगा के केंद्र में स्थित ब्लैक होल का द्रव्यमान हमारे सूर्य के द्रव्यमान का लगभग साढ़े छह अरब गुना माना जाता है। निकोडेम पोपलावस्की कहते हैं कि ब्लैक होल चाहे छोटे हों या बड़े, उनमें से हरेक के अंदर एक संपूर्ण ब्रह्मांड छिपा हो सकता है। यह एक बेबी यूनिवर्स हो सकता है, जो बिलकुल अलग हो अपने समय के साथ।
ब्लैक होल की मौजूदगी के बारे में सबसे पहले बात साल 1783 में अंग्रेजी दार्शनिक और गणितज्ञ जॉन मिशेल ने की थी। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में आइंस्टीन का सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत (theory of general relativity) आने के बाद यह कॉन्सेप्ट फिजिक्स का हिस्सा बन गया। तब से साइंटिस्ट लगातार अपने मॉडल को रिफाइन कर रहे हैं कि कोई ब्लैक होल कैसा दिख सकता है और यह कैसे व्यवहार करता है।
निकोडेम कहते हैं कि हरेक ब्लैक होल एक नया बेबी ब्रह्मांड पैदा करता है। नए ब्रह्मांड के दूसरी साइड पैरंट ब्रह्मांड भी प्रकट होता है। इसी हिसाब से हमारा अपना ब्रह्मांड, दूसरे ब्रह्मांड में मौजूद ब्लैक होल का आंतरिक भाग हो सकता है। इसके साथ ही निकोडेम को यह भी लगता है कि दूसरे ब्रह्मांड की यात्रा करने के लिए हमारे पास कोई विकल्प होने की संभावना नहीं है। पृथ्वी का सबसे नजदीकी ब्लैक होल हमसे 1500 प्रकाश वर्ष दूर है, जिसे Gaia BH1 कहा जाता है। यह हमारे सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 10 गुना होने का अनुमान है। लेकिन कई और ब्लैक होल भी हमारे ग्रह के आसपास हो सकते हैं।