Chhath Pooja: आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा महापर्व, राजधानी में पारंपरिक कार्यक्रमों की धूम


छठ पूजा 2022...

छठ पूजा 2022…
– फोटो : amar ujala

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‘बाट जे पूछेला बटोहिया, ई दल कहवां जाए, तूं आन्हर रे बटोहिया ई दल सूरज बाबा के जाए…, कोपि-कोपि बोलेली छठ माता सुनुए सेवक लोग… ले ले अईह हो भईया गेहूं के मोटरिया…, उग हो सुरूज देव…, कांचे ही बांसा के बहंगिया बहंगी लचकत जाए… व केरवा पे फरेला घवध से ओ पे सुगा मंडराय… जैसे गीतों को गाते हुए राजधानी में पूर्वांचल के लोगों ने यमुना नदी किनारे समेत दो हजार स्थानों पर बने कृत्रिम घाटों, पश्चिम यमुना नहर, झीलों और तालाबों पर छठ पूजा के मौके पर रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया। वह इन स्थानों पर आज सुबह उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देंगे। लिहाजा इन स्थानों पर कल रातभर सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।

छठ पर्व के तहत आस्था, श्रद्धा और विश्वास के साथ श्रद्धालुओं की टोली रविवार दोपहर बाद गाजे-बाजे के साथ यमुना किनारे पुराना यमुना पुल, कुदसिया घाट, गीता कालोनी, बस अड्डा, चंदगी राम अखाड़ा, वजीराबाद घाट, आईटीओ, कालिंदी कुंज आदि स्थानों घाटों के अलावा जहांगीरपुरी, नरेला, उत्तम नगर, डाबड़ी, ककरौला, बदरपुर, सरिता विहार, आश्रम, जैतपुर, संगम विहार, देवली, महरौली, पालम, महावीर एंकलेव, इंद्रप्रस्थ एक्सटेंशन, नांगलोई, सुलतानपुरी, मंगोलपुरी, बुराड़ी आदि इलाकों में बने कृत्रिम घाटों के साथ-साथ पश्चिम यमुना नहर, भलस्वा झील और तालाबों के लिए गीत गाते हुए निकलनी शुरू हुई। भोजपुरी गीतों पर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया। 

सायंकाल में सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालु सूर्यास्त होने से काफी पहले ही पानी में खड़े होने लग गए थे। इस बीच श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को प्रणाम किया। तत्पश्चात अर्घ्य के रूप में पूजन सामग्री भावनात्मक रूप से उन्हें समर्पित की। महिलाओं के सिरों पर अर्घ्य के सामान से भरी टोकरियां रखी हई थी। इसके बाद श्रद्धालुओं ने सोमवार सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठ घाटों पर डेरा डाल लिया। 

बोट क्लब पर वीआईपी ने की पूजा, आम लोग भगाए
कर्तत्व पथ स्थित बोट क्लब पर छठ पूजा के मामले में दिल्ली पुलिस का दोहरा चेहरा देखने को मिला। दिल्ली पुलिस ने यहां पर वीआईपी लोगों को छठ पूजा कराई, जबकि आम लोगों को भगा दिया। दिल्ली पुलिस ने कृषि भवन व शास्त्री भवन की ओर बोट क्लब पर पूजा करने को नहीं रोका। बताया जा रहा है कि यहां पर केंद्र सरकार में उच्च पदों पर कार्यरत पूर्वांचल के अधिकारी व दिल्ली पुलिस के अधिकारी अपने परिवार समेत कारों में पूजा करने आए, वहीं दिल्ली पुलिस ने उद्योग भवन की ओर बोट क्लब पर श्रद्धालुओं को पूजा नहीं करने दी, जबकि यहां पर श्रद्धालुओं पूजा करने की पूरी तैयारी कर ली थी। 

पूर्वाचलवासियों की भावनाएं हुईं आहत : अनिल 
ग्रेस ने छठ महापर्व के आयोजन के मामले में केजरीवाल सरकार को आड़े हाथों लिया है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने पूर्वांचल क्षेत्र के 50 लाख से अधिक लोगों को उनके सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार छठ पूजा की अनुमति नहीं देकर धार्मिक भावनाओं को आहत किया है । उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने झूठा बयान जारी किया है कि यमुना के किनारों छठ पूजा के लिए नेेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अनुमति नहीं दी है।

कालिंदी कुंज पर पुलिस ने बैरिकेड लगा दिया है। इस पर लिखा है कि मूर्ति विसर्जन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा के पास कालिंदी कुंज इलाके के यमुना तट पर जहां श्रद्धालुओं को छठ पूजा करने की इजाजत दी है जबकि दिल्ली में श्रद्धालुओं पर 50 हजार रुपये के जुर्माना का बोर्ड बैरिकेड पर लगा दिया गया। 

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कार्यक्रम में हुए शामिल
दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता पटेल नगर में बिहारी सेवा संगठन समिति की ओर से आयोजित छठ महोत्सव में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि इस महापर्व पर भी केजरीवाल का रवैया शर्मनाक है। हर बार उन्हें पूर्वांचलवासियों के पर्व से तकलीफ होती है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने छठ पर्व के प्रारंभिक अर्घ्य के अवसर पर सोनिया विहार स्थित छठ पूजा घाट पर श्रद्धालुओं का स्वागत किया और उनको छठ की बधाई दी। 

भीड़ के कारण छोटे पड़े घाट, बेबस नजर आया प्रशासन और पुलिस
कोरोना के बाद पूरे उत्साह के साथ मनाए जा रहे महापर्व छठ के अवसर पर व्रतियों की भीड़ के सामने प्रशासन द्वारा बनाए गए कृत्रिम घाट छोटे पड़ गए। मजबूरन व्रतियों को यमुना में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य  देना पड़ा। 

भीड़ के चलते पुलिस व प्रशासन भी बेबस नजर आए। छठ महापर्व के तीसरे दिन रविवार दोपहर से ही छठव्रती यमुना किनारे आईटीओ (यमुना घाट), कश्मीरी गेट (यमुना बाजार घाट) व अन्य जगह पर बनाए गए कृत्रिम घाट पर जुटना शुरू हो गए। धीरे-धीरे घाटों पर भारी भीड़ उमड़ी, जिस कारण प्रशासन द्वारा बनाए गए कृत्रिम घाटों पर जगह नहीं बची और लोग अर्घ्य देने के लिए यमुना में उतर गए।

हालांकि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यमुना में छठ पर्व बनाने के लिए प्रतिबंध लगा रखा है। बावजूद इसके भीड़ यमुना में आने लगी, हालांकि पुलिस व प्रशासन ने रोकने की कोशिश जरूर की, लेकिन भीड़ के सामने फेल हो गए। छठव्रतियों की माने तो आईटीओ स्थित यमुना घाट पर शाम करीब चार बजे से लोग जुटना शुरू हो गए थे। 

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‘बाट जे पूछेला बटोहिया, ई दल कहवां जाए, तूं आन्हर रे बटोहिया ई दल सूरज बाबा के जाए…, कोपि-कोपि बोलेली छठ माता सुनुए सेवक लोग… ले ले अईह हो भईया गेहूं के मोटरिया…, उग हो सुरूज देव…, कांचे ही बांसा के बहंगिया बहंगी लचकत जाए… व केरवा पे फरेला घवध से ओ पे सुगा मंडराय… जैसे गीतों को गाते हुए राजधानी में पूर्वांचल के लोगों ने यमुना नदी किनारे समेत दो हजार स्थानों पर बने कृत्रिम घाटों, पश्चिम यमुना नहर, झीलों और तालाबों पर छठ पूजा के मौके पर रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया। वह इन स्थानों पर आज सुबह उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देंगे। लिहाजा इन स्थानों पर कल रातभर सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।

छठ पर्व के तहत आस्था, श्रद्धा और विश्वास के साथ श्रद्धालुओं की टोली रविवार दोपहर बाद गाजे-बाजे के साथ यमुना किनारे पुराना यमुना पुल, कुदसिया घाट, गीता कालोनी, बस अड्डा, चंदगी राम अखाड़ा, वजीराबाद घाट, आईटीओ, कालिंदी कुंज आदि स्थानों घाटों के अलावा जहांगीरपुरी, नरेला, उत्तम नगर, डाबड़ी, ककरौला, बदरपुर, सरिता विहार, आश्रम, जैतपुर, संगम विहार, देवली, महरौली, पालम, महावीर एंकलेव, इंद्रप्रस्थ एक्सटेंशन, नांगलोई, सुलतानपुरी, मंगोलपुरी, बुराड़ी आदि इलाकों में बने कृत्रिम घाटों के साथ-साथ पश्चिम यमुना नहर, भलस्वा झील और तालाबों के लिए गीत गाते हुए निकलनी शुरू हुई। भोजपुरी गीतों पर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया। 

सायंकाल में सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालु सूर्यास्त होने से काफी पहले ही पानी में खड़े होने लग गए थे। इस बीच श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को प्रणाम किया। तत्पश्चात अर्घ्य के रूप में पूजन सामग्री भावनात्मक रूप से उन्हें समर्पित की। महिलाओं के सिरों पर अर्घ्य के सामान से भरी टोकरियां रखी हई थी। इसके बाद श्रद्धालुओं ने सोमवार सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठ घाटों पर डेरा डाल लिया। 

बोट क्लब पर वीआईपी ने की पूजा, आम लोग भगाए

कर्तत्व पथ स्थित बोट क्लब पर छठ पूजा के मामले में दिल्ली पुलिस का दोहरा चेहरा देखने को मिला। दिल्ली पुलिस ने यहां पर वीआईपी लोगों को छठ पूजा कराई, जबकि आम लोगों को भगा दिया। दिल्ली पुलिस ने कृषि भवन व शास्त्री भवन की ओर बोट क्लब पर पूजा करने को नहीं रोका। बताया जा रहा है कि यहां पर केंद्र सरकार में उच्च पदों पर कार्यरत पूर्वांचल के अधिकारी व दिल्ली पुलिस के अधिकारी अपने परिवार समेत कारों में पूजा करने आए, वहीं दिल्ली पुलिस ने उद्योग भवन की ओर बोट क्लब पर श्रद्धालुओं को पूजा नहीं करने दी, जबकि यहां पर श्रद्धालुओं पूजा करने की पूरी तैयारी कर ली थी। 

पूर्वाचलवासियों की भावनाएं हुईं आहत : अनिल 

ग्रेस ने छठ महापर्व के आयोजन के मामले में केजरीवाल सरकार को आड़े हाथों लिया है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने पूर्वांचल क्षेत्र के 50 लाख से अधिक लोगों को उनके सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार छठ पूजा की अनुमति नहीं देकर धार्मिक भावनाओं को आहत किया है । उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने झूठा बयान जारी किया है कि यमुना के किनारों छठ पूजा के लिए नेेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अनुमति नहीं दी है।

कालिंदी कुंज पर पुलिस ने बैरिकेड लगा दिया है। इस पर लिखा है कि मूर्ति विसर्जन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा के पास कालिंदी कुंज इलाके के यमुना तट पर जहां श्रद्धालुओं को छठ पूजा करने की इजाजत दी है जबकि दिल्ली में श्रद्धालुओं पर 50 हजार रुपये के जुर्माना का बोर्ड बैरिकेड पर लगा दिया गया। 

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कार्यक्रम में हुए शामिल

दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता पटेल नगर में बिहारी सेवा संगठन समिति की ओर से आयोजित छठ महोत्सव में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि इस महापर्व पर भी केजरीवाल का रवैया शर्मनाक है। हर बार उन्हें पूर्वांचलवासियों के पर्व से तकलीफ होती है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने छठ पर्व के प्रारंभिक अर्घ्य के अवसर पर सोनिया विहार स्थित छठ पूजा घाट पर श्रद्धालुओं का स्वागत किया और उनको छठ की बधाई दी। 

भीड़ के कारण छोटे पड़े घाट, बेबस नजर आया प्रशासन और पुलिस

कोरोना के बाद पूरे उत्साह के साथ मनाए जा रहे महापर्व छठ के अवसर पर व्रतियों की भीड़ के सामने प्रशासन द्वारा बनाए गए कृत्रिम घाट छोटे पड़ गए। मजबूरन व्रतियों को यमुना में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य  देना पड़ा। 

भीड़ के चलते पुलिस व प्रशासन भी बेबस नजर आए। छठ महापर्व के तीसरे दिन रविवार दोपहर से ही छठव्रती यमुना किनारे आईटीओ (यमुना घाट), कश्मीरी गेट (यमुना बाजार घाट) व अन्य जगह पर बनाए गए कृत्रिम घाट पर जुटना शुरू हो गए। धीरे-धीरे घाटों पर भारी भीड़ उमड़ी, जिस कारण प्रशासन द्वारा बनाए गए कृत्रिम घाटों पर जगह नहीं बची और लोग अर्घ्य देने के लिए यमुना में उतर गए।

हालांकि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यमुना में छठ पर्व बनाने के लिए प्रतिबंध लगा रखा है। बावजूद इसके भीड़ यमुना में आने लगी, हालांकि पुलिस व प्रशासन ने रोकने की कोशिश जरूर की, लेकिन भीड़ के सामने फेल हो गए। छठव्रतियों की माने तो आईटीओ स्थित यमुना घाट पर शाम करीब चार बजे से लोग जुटना शुरू हो गए थे। 





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