West Bengal: WBNUJS के 14वें दीक्षांत समारोह में CJI ललित हुए शामिल, ममता बनर्जी ने भी लॉ पासआउट्स को दी बधाई


सीजेआई यूयू ललित

सीजेआई यूयू ललित
– फोटो : ANI

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भारत के प्रधान न्यायाधीश यू यू ललित रविवार को पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज (WBNUJS) के 14 वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। यहां लॉ ग्रेजुएट्स को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे हर सुझाव के लिए स्वीकार करने के लिए तैयार रहे। साथ ही मानव जाति और समाज के कल्याण के लिए दया भावना के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति का क्षमता निर्माण कभी नहीं रुकता है और व्यक्ति मृत्यु तक सीखता रहता है। गौरतलब है कि सीजेआई यूयू ललित पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज के चांसलर भी हैं। 

पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज के दीक्षांत समारोह में संबोधित करते हुए उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे कहीं से भी मिलने वाले और किसी भी तरह के सुझाव के लिए अपना दिमाग खुला रखें। उन्होंने कहा कि यहीं से आपको अपने काम को बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। इस दौरान उन्होंने अपने अध्ययन को जारी रखने की बात भी कही।   

उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में क्षमता निर्माण का गुण और मानव जाति के लिए दया कि भावना किसी व्यक्ति को किसी भी समस्या का समाधान खोजने में कभी असफल नहीं होने देती है। उन्होंने आगे कहा कि एक वकील के रूप में, कोई भी कानून का छात्र बनना कभी नहीं छोड़ता है। एक पेशेवर, एक शिक्षाविद और एक न्यायाधीश के रूप में आपको हर गुजरता दिन कुछ ना कुछ सिखाता रहता है, लेकिन लॉ स्कूल इसकी नींव होती है।

न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि विश्वविद्यालय की दीवारों से बाहर निकलकर दुनिया को गले लगाने के बाद, कानून स्नातकों को समाज को कुछ ऐसा वापस देने का प्रयास करना चाहिए जो उन्हें मिला है।

इस दीक्षांत समारोह में बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति हसन फोएज़ सिद्दीकी भी शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि स्नातक, जो कानून से लेकर सिविल सेवा तक विभिन्न व्यवसायों का चयन कर सकते हैं, उन्हें इसे जुनून, गरिमा और सम्मान की भावना के साथ करना चाहिए। वहीं, इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं। उन्होंने पासआउट्स को बधाई दी और इस दिन को उनके लिए ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए वकीलों को आगे आना चाहिए।

वहीं, WBNUJS के कुलपति निर्मल कांति चक्रवर्ती ने बताया कि दीक्षांत समारोह के दौरान 400 छात्रों ने अपनी डिग्री प्राप्त की। इनमें से 270 छात्र मौजूद थे। उन्होंने कहा कि लगभग 80 छात्र पदक विजेता हैं। साथ ही उन्होने यह भी बताया कि डिग्री प्राप्त करने वालों में पीएचडी (डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी), एलएलएम (मास्टर ऑफ लॉ) और बीए एलएलबी (ऑनर्स) हैं।

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भारत के प्रधान न्यायाधीश यू यू ललित रविवार को पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज (WBNUJS) के 14 वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। यहां लॉ ग्रेजुएट्स को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे हर सुझाव के लिए स्वीकार करने के लिए तैयार रहे। साथ ही मानव जाति और समाज के कल्याण के लिए दया भावना के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति का क्षमता निर्माण कभी नहीं रुकता है और व्यक्ति मृत्यु तक सीखता रहता है। गौरतलब है कि सीजेआई यूयू ललित पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज के चांसलर भी हैं। 

पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज के दीक्षांत समारोह में संबोधित करते हुए उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे कहीं से भी मिलने वाले और किसी भी तरह के सुझाव के लिए अपना दिमाग खुला रखें। उन्होंने कहा कि यहीं से आपको अपने काम को बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। इस दौरान उन्होंने अपने अध्ययन को जारी रखने की बात भी कही।   

उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में क्षमता निर्माण का गुण और मानव जाति के लिए दया कि भावना किसी व्यक्ति को किसी भी समस्या का समाधान खोजने में कभी असफल नहीं होने देती है। उन्होंने आगे कहा कि एक वकील के रूप में, कोई भी कानून का छात्र बनना कभी नहीं छोड़ता है। एक पेशेवर, एक शिक्षाविद और एक न्यायाधीश के रूप में आपको हर गुजरता दिन कुछ ना कुछ सिखाता रहता है, लेकिन लॉ स्कूल इसकी नींव होती है।

न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि विश्वविद्यालय की दीवारों से बाहर निकलकर दुनिया को गले लगाने के बाद, कानून स्नातकों को समाज को कुछ ऐसा वापस देने का प्रयास करना चाहिए जो उन्हें मिला है।

इस दीक्षांत समारोह में बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति हसन फोएज़ सिद्दीकी भी शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि स्नातक, जो कानून से लेकर सिविल सेवा तक विभिन्न व्यवसायों का चयन कर सकते हैं, उन्हें इसे जुनून, गरिमा और सम्मान की भावना के साथ करना चाहिए। वहीं, इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं। उन्होंने पासआउट्स को बधाई दी और इस दिन को उनके लिए ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए वकीलों को आगे आना चाहिए।

वहीं, WBNUJS के कुलपति निर्मल कांति चक्रवर्ती ने बताया कि दीक्षांत समारोह के दौरान 400 छात्रों ने अपनी डिग्री प्राप्त की। इनमें से 270 छात्र मौजूद थे। उन्होंने कहा कि लगभग 80 छात्र पदक विजेता हैं। साथ ही उन्होने यह भी बताया कि डिग्री प्राप्त करने वालों में पीएचडी (डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी), एलएलएम (मास्टर ऑफ लॉ) और बीए एलएलबी (ऑनर्स) हैं।





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