न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, उदयपुर
Published by: रोमा रागिनी
Updated Sat, 14 May 2022 06:39 PM IST
सार
कांग्रेस के चिंतन शिविर में पार्टी के भावी अध्यक्ष का नाम तय होने की उम्मीद की जा रही है। सबकी नजर इसी खबर पर लगी हुई है कि राहुल कांग्रेस की बागड़ोर फिर संभालेंगे या नहीं। इस बीच, प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनाने की सुगबुगाहट भी तेज हो गई है।
प्रियंका गांधी, आचार्य प्रमोद और राहुल गांधी
– फोटो : Social Media
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विस्तार
राजस्थान के उदयपुर में चल रहे कांग्रेस के नव संकल्प चिंतन शिविर में प्रियंका गांधी को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाने की मांग उठी है। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने यह कहकर इस मांग को हवा दे दी कि प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी की सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं। अगर राहुल गांधी पार्टी की जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करना चाहते तो प्रियंका को अध्यक्ष बनना चाहिए।
यह मांग तब उठी, जब कांग्रेस संगठनात्मक फेरबदल और सुधारों पर चर्चा कर रही है। उत्तर प्रदेश के नेता आचार्य प्रमोद ने हिंदुत्व का मसला उठाया और यह भी कहा कि लीडरशिप को इस मोर्चे पर पार्टी की विरासत को कायम रखना चाहिए। बहुसंख्यक आबादी का भरोसा फिर से जीतना चाहिए। पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है और इसी असली हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चिंतन, मंथन और परिवर्तन की बात की और युवाओं को नेतृत्व कर पार्टी को फिर सत्ता में लाने के लिए कोशिश करने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में भी 2023 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस को सचिन पायलट युवा नेतृत्व को आगे लाने पर फोकस करना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं कि अशोक गहलोत को लोग पसंद नहीं करते।
राहुल को जिम्मेदारी लेनी चाहिए
आचार्य प्रमोद ने कहा कि देश के करोड़ों लोग और लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी को संभाले। उन्होंने नैतिक आधार पर इस्तीफा दिया था, कुछ लोगों ने उनके फैसले की आलोचना भी की थी। हम फिर से चाहते हैं कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल लेनी चाहिए। अगर किसी कारण से वे ऐसा नहीं करना चाहते तो देश के करोड़ों लोग चाहते हैं कि सबसे लोकप्रिय नेता प्रियंका गांधी वाड्रा इस जिम्मेदारी को संभाले।
हिंदुत्व पर भाजपा का एकाधिकार नहीं
आचार्य प्रमोद कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की पैनल के सदस्य हैं। चिंतन शिविर के दौरान चर्चा में उन्होंने पार्टी नेताओं को हिंदुत्व पर लौटने की अपील की। यह भी कहा कि हिंदुत्व पर भाजपा का एकाधिकार नहीं है। वह खुद को जरूर हिंदुत्व की इकलौती प्रतिनिधि के तौर पर पेश करती रही है। कांग्रेस वैसे तो सभी धर्मों का सम्मान करती है और सही मायने में हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व करती है। वंदे मातरम और भारत माता की विरासत को फिर से जीतना होगा। यह कांग्रेस की ही विरासत है।
कांग्रेस में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा
कांग्रेस में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को पार्टी संगठन के हर स्तर पर 50% आरक्षण देने का प्रस्ताव आया है। सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण पर बनी समिति ने इस मुद्दे पर चर्चा की। वरिष्ठ कांग्रेस नेता के राजू ने कहा कि इस प्रस्ताव को कांग्रेस कार्यसमिति को भेजा जाएगा। कांग्रेस में सोशल जस्टिस एडवायजरी काउंसिल बनाने की सिफारिश भी पार्टी अध्यक्ष को की जाएगी। यह एडवायजरी अलग-अलग मुद्दों पर विचार करेगी और अपनी सिफारिशें सीधे अध्यक्ष को भेजेगी।