अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने इस एस्टरॉयड को ऑब्जर्व किया। ‘एस्टरॉयड 2022 UF4′ हमारे ग्रह के इतना करीब आ गया था कि दोनों के बीच दूरी 45 लाख किलोमीटर रह गई थी। 140 फीट चौड़ा यह एस्टरॉयड एक हवाई जहाज के आकार का है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह एस्टरॉयड अपोलो ग्रुप से संबंधित है और 376 दिनों में सूर्य की एक परिक्रमा करता है। इसकी सूर्य से अधिकतम दूरी 21.3 करोड़ किलोमीटर और निकटतम दूरी 9.2 करोड़ किलोमीटर है। अगली बार यह एस्टरॉयड साल 2055 में हमारी पृथ्वी के करीब आएगा। हालांकि तब यह आज से भी ज्यादा दूर होगा और दोनों के बीच दूरी लगभग 82 लाख किलोमीटर होगी।
DART मिशन की कामयाबी के बाद से यह कहा जा सकता है कि हमारा ग्रह भविष्य में एस्टरॉयड के खतरे से काफी हद तक सुरक्षित हो गया है। पिछले महीने 26 सितंबर को नासा का डबल एस्टरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (DART) स्पेसक्राफ्ट जानबूझकर डिमोर्फोस (Dimorphos) नाम के एक एस्टरॉयड से टकराया था। टक्कर करके नासा यह जानना चाहती थी कि इससे एस्टरॉयड की कक्षा में बदलाव होता है या नहीं। अपनी जांच के बाद नासा यह बता चुकी है कि DART मिशन सफल रहा है।
यह प्रयोग ग्रह रक्षा के लिए दुनिया का पहला स्पेस टेस्ट था। यह भी पहली हुआ जब हबल स्पेस टेलीस्कोप और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने एकसाथ एक ही खगोलीय लक्ष्य को ऑब्वर्ज किया। इस टक्कर के असर से वह डिडिमोस (Didymos) के चारों ओर एक छोटी व तेज कक्षा में चला गया। ध्यान रहे कि डिमोर्फोस, डिडिमोस की परिक्रमा करता है।
DART की टक्कर ने डिमोर्फोस की कक्षा को 11 घंटे 55 मिनट से 11 घंटे और 23 मिनट तक छोटा कर दिया। नासा ने उम्मीद लगाई थी कि इस टक्कर से डिमोर्फोस की गति में 10 मिनट तक का बदलाव हो सकता है, लेकिन परिणाम उम्मीद से बेहतर रहे हैं और डिमोर्फोस की कक्षीय अवधि 32 मिनट तक तेज हुई है।