राहुल द्रविड़ ने साफ तौर पर कहा कि वह रिद्धिमान साहा के खुलासों से आहत नहीं हैं। भारतीय कोच ने कहा कि यह अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज सच्चाई और स्पष्टता का हकदार है। साहा ने भारत की तरफ से 40 टेस्ट मैच खेले हैं।
कोलकाता। भारत दौरे पर आई वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ टीम इंडिया का प्रदर्शन काफी शानदार रहा। वनडे और टी-20 मैचों की श्रृंखला में भारत ने एकतरफा जीत हासिल की और वेस्टइंडीज को क्लीन स्वीप कर दिया। लेकिन श्रीलंका के खिलाफ होने वाले दो टेस्ट के लिए टीम के चयन के बाद से बवाल शुरू हो गया है। दरअसल, विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा टेस्ट टीम में शामिल नहीं होने के बाद कई बड़े खुलासे कर दिए हैं। रिद्धिमान साहा ने अपने खुलासों के जरिए बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और कोच राहुल द्रविड़ पर कई सवाल खड़े किए हैं। हालांकि रिद्धिमान साहा के खुलासों के बाद राहुल द्रविड़ ने भी चुप्पी तोड़ी है। वेस्टइंडीज से मिली जीत के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में द्रविड़ ने साफ तौर पर कहा कि वह रिद्धिमान साहा के खुलासों से आहत नहीं हैं। भारतीय कोच ने कहा कि यह अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज सच्चाई और स्पष्टता का हकदार है। साहा ने भारत की तरफ से 40 टेस्ट मैच खेले हैं।
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दरअसल, रिद्धिमान साहा ने दावा किया था कि दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला के बाद राहुल द्रविड़ ने आपसी बातचीत में उन्हें संन्यास लेने पर विचार करने की सलाह दी थी। इसके बाद विकेटकीपर बल्लेबाज ने यह भी दावा किया कि शायद यही कारण है कि उन्हें श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट टीम में शामिल नहीं किया गया। इसको लेकर राहुल द्रविड़ ने साफ तौर पर कहा कि साहा से बात करने के पीछे उनका इरादा यह सुनिश्चित करना था कि उन्हें यह स्पष्ट तौर पर पता हो कि टीम में उनकी स्थिति क्या है और उन्हें इसका पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं वास्तव में आहत नहीं हूं। मैं साहा तथा भारतीय क्रिकेट में उनकी उपलब्धियों और योगदान का बहुत सम्मान करता हूं। मेरी बातचीत इसी संदर्भ में थी। मुझे लगता है कि वह सच्चाई और स्पष्टता के हकदार हैं।
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पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि वह आगे भी खिलाड़ियों से इस तरह की स्पष्ट बातचीत जारी रखेंगे भले ही उन्हें यह रास आये या नहीं। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातचीत मैं लगातार खिलाड़ियों के साथ करता हूं। मैं यह उम्मीद भी नहीं करता कि मैं खिलाड़ियों के बारे में जो कुछ कहता हूं वे हमेशा उससे सहमत होंगे। द्रविड़ ने कहा कि आप खिलाड़ियों के साथ कड़ी बातचीत कर सकते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आप बातों को दबाकर रखें और बातचीत न करें। द्रविड़ ने कहा कि वह अंतिम एकादश का चयन करने से पहे खिलाड़ियों से बात करने की रणनीति अपनाते हैं। उन्होंने कहा किमैं हमेशा अंतिम एकादश के चयन से पहले इस तरह की बातचीत में विश्वास रखता हूं और यह सवाल सुनने के लिये तैयार रहता हूं कि कोई खिलाड़ी क्यों नहीं खेल रहा है। खिलाड़ी का निराश और आहत होना स्वाभाविक है।