ED Raids: ‘राष्ट्रवाद’ की लहर के बीच कांग्रेस के लिए भारी हैं अगले दो सप्ताह, ये है पुलिसिया अभ्यास की कहानी


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ईडी ने नेशनल हेराल्ड केस में यंग इंडिया का दफ्तर सील किया तो कांग्रेस में उबाल आ गया। कांग्रेस मुख्यालय, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आवास पर अतिरिक्त पुलिसिया पहरा बैठा दिया गया। एक बार तो कांग्रेसी नेताओं को भी यह भ्रम हो चला था कि कर्नाटक से आते ही राहुल गांधी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ईडी की कार्रवाई और तिरंगा यात्रा, इन दोनों का कुछ मतलब है।

राष्ट्रवाद की इस लहर के बीच कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए अगले दो सप्ताह भारी हैं। भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी, जिनके द्वारा किए गए केस के आधार पर ही कांग्रेसी नेताओं से पूछताछ हुई है, वे कहते हैं कि नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी जेल जा सकते हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए ईडी के पास ठोस आधार एवं पर्याप्त सबूत हैं।

खड़गे और बंसल भी झेल चुके हैं सवालों की बौछार

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, भाजपा तिरंगा यात्रा के जरिए राष्ट्रवाद की लहर लाना चाहती है। अभी तो कोई चुनाव भी नहीं है। मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में ‘2024’ भाजपा के लिए महफूज बताया जा रहा है। नेशनल हेराल्ड केस में थोड़ा पीछे चलें तो सिलसिलेवार कड़ियां नजर आती हैं। गत अप्रैल में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पूछताछ के लिए बुलाया गया। उसके बाद कांग्रेस नेता पवन बंसल, प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए। धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के आपराधिक प्रावधानों के तहत उनका बयान दर्ज किया गया। नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) करती है, जबकि इसका मालिकाना हक ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ के हाथ में है। मल्लिकार्जुन खड़गे ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ के सीईओ हैं। पवन बंसल, एजेएल के प्रबंध निदेशक होने के अलावा कांग्रेस पार्टी के अंतरिम कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाले हैं।

अगर बयान मेल नहीं खाते तो गिरफ्तारी संभव

इन दोनों नेताओं से पूछताछ के बाद ईडी ने राहुल गांधी को समन किया था। उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी पूछताछ की गई। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि अमूमन हर केस में गिरफ्तारी हो, ऐसा नहीं है। पहले प्रॉपर्टी अटैच होती है। अगर कोई व्यक्ति पूछताछ में सहयोग नहीं करता या जांच एजेंसी के पास मौजूद पुख्ता सबूतों के साथ उसके बयान मेल नहीं खाते तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। इसमें जांच एजेंसी का पक्ष यह होता है, अगर संबंधित व्यक्त्ति जांच में सहयोग नहीं कर रहा और तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर बता रहा है, तो उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाती है। नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी को शुरू से ही यह लगता है कि देर सवेर कांग्रेसी नेताओं को जेल में जाना पड़ेगा।

ऐसे वक्त में गिरफ्तारी का उतना विरोध नहीं हो सकेगा

भाजपा द्वारा तिरंगा यात्रा के दौरान राष्ट्रवाद का मुद्दा खूब भुनाया जा रहा है। इसमें खुद पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी जी जान से लगे हैं। भाजपाई मुख्यमंत्री भी अपने राज्यों में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। जब यह आयोजन अपने पीक पर होगा तो ईडी, कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर सकती है। राजनीतिक जानकार भी कहते हैं कि ऐसे वक्त में गिरफ्तारी का उतना विरोध नहीं हो सकेगा, जितना सामान्य तौर पर होता है। कहीं न कहीं इसका आभास कांग्रेस नेताओं को भी है। गुरुवार को राहुल गांधी ने कह दिया, हम प्रधानमंत्री मोदी से डरते नहीं है। उन्हें जो करना है कर लें। हमारा काम संविधान की रक्षा के लिए लड़ना है। देश के सम्मान के लिए लड़ना है। यह जंग जारी रहेगी। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा, अब सत्याग्रह नहीं, रण होगा। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल के बयान पर कहा, देश का कानून सबके लिए एक है। वह न तो कांग्रेस अध्यक्ष के लिए बदल सकता है और न ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के लिए। उनका इशारा साफ संकेत दे रहा था। पात्रा ने कहा, वे भारत के कानून से भिड़ना चाहते हैं। न उन्हें कानून से रण करने दिया जाएगा न ही भागने दिया जाएगा।

जोखिम भी गहराता जा रहा है

राजनीतिक जानकार रशीद किदवई यह बात स्वीकार करते हैं कि मौजूदा स्थिति में ऐसा कुछ संभव है। जिस तरह से ईडी और तिरंगा यात्रा, दोनों जोरशोर से आगे बढ़ रहे हैं, उसमें कांग्रेसी युवराज के लिए जोखिम भी गहराता जा रहा है। यूं कहें कि भाजपा, अभ्यास कर रही है। वह चेक कर रही है कि राहुल की गिरफ्तारी का सही वक्त क्या हो सकता है। वैसे तो तिरंगा यात्रा कभी भी निकाल सकते हैं। हर भारतवासी को तिरंगे पर गर्व है। वह भारत की शान है। हालांकि अब आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, उसके तहत ही कई कार्यक्रम हो रहे हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दोनों ईडी के सवालों की बौछार झेल चुके हैं, लेकिन जांच एजेंसी संतुष्ट है या नहीं, अभी ऐसा कोई संकेत नहीं आया है। कई बार तो ईडी पूछताछ के बाद ही आरोपी को गिरफ्तार कर लेती है। शिवसेना नेता संजय राउत को घर से ही गिरफ़्तार कर लिया गया। विपक्ष कमजोर है, एकजुट नहीं है, इसलिए कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी होती है तो उसमें हैरत की कोई बात नहीं होगी।

विस्तार

ईडी ने नेशनल हेराल्ड केस में यंग इंडिया का दफ्तर सील किया तो कांग्रेस में उबाल आ गया। कांग्रेस मुख्यालय, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आवास पर अतिरिक्त पुलिसिया पहरा बैठा दिया गया। एक बार तो कांग्रेसी नेताओं को भी यह भ्रम हो चला था कि कर्नाटक से आते ही राहुल गांधी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ईडी की कार्रवाई और तिरंगा यात्रा, इन दोनों का कुछ मतलब है।

राष्ट्रवाद की इस लहर के बीच कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए अगले दो सप्ताह भारी हैं। भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी, जिनके द्वारा किए गए केस के आधार पर ही कांग्रेसी नेताओं से पूछताछ हुई है, वे कहते हैं कि नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी जेल जा सकते हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए ईडी के पास ठोस आधार एवं पर्याप्त सबूत हैं।

खड़गे और बंसल भी झेल चुके हैं सवालों की बौछार

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, भाजपा तिरंगा यात्रा के जरिए राष्ट्रवाद की लहर लाना चाहती है। अभी तो कोई चुनाव भी नहीं है। मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में ‘2024’ भाजपा के लिए महफूज बताया जा रहा है। नेशनल हेराल्ड केस में थोड़ा पीछे चलें तो सिलसिलेवार कड़ियां नजर आती हैं। गत अप्रैल में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पूछताछ के लिए बुलाया गया। उसके बाद कांग्रेस नेता पवन बंसल, प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए। धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के आपराधिक प्रावधानों के तहत उनका बयान दर्ज किया गया। नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) करती है, जबकि इसका मालिकाना हक ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ के हाथ में है। मल्लिकार्जुन खड़गे ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ के सीईओ हैं। पवन बंसल, एजेएल के प्रबंध निदेशक होने के अलावा कांग्रेस पार्टी के अंतरिम कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाले हैं।

अगर बयान मेल नहीं खाते तो गिरफ्तारी संभव

इन दोनों नेताओं से पूछताछ के बाद ईडी ने राहुल गांधी को समन किया था। उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी पूछताछ की गई। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि अमूमन हर केस में गिरफ्तारी हो, ऐसा नहीं है। पहले प्रॉपर्टी अटैच होती है। अगर कोई व्यक्ति पूछताछ में सहयोग नहीं करता या जांच एजेंसी के पास मौजूद पुख्ता सबूतों के साथ उसके बयान मेल नहीं खाते तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। इसमें जांच एजेंसी का पक्ष यह होता है, अगर संबंधित व्यक्त्ति जांच में सहयोग नहीं कर रहा और तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर बता रहा है, तो उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाती है। नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी को शुरू से ही यह लगता है कि देर सवेर कांग्रेसी नेताओं को जेल में जाना पड़ेगा।

ऐसे वक्त में गिरफ्तारी का उतना विरोध नहीं हो सकेगा

भाजपा द्वारा तिरंगा यात्रा के दौरान राष्ट्रवाद का मुद्दा खूब भुनाया जा रहा है। इसमें खुद पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी जी जान से लगे हैं। भाजपाई मुख्यमंत्री भी अपने राज्यों में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। जब यह आयोजन अपने पीक पर होगा तो ईडी, कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर सकती है। राजनीतिक जानकार भी कहते हैं कि ऐसे वक्त में गिरफ्तारी का उतना विरोध नहीं हो सकेगा, जितना सामान्य तौर पर होता है। कहीं न कहीं इसका आभास कांग्रेस नेताओं को भी है। गुरुवार को राहुल गांधी ने कह दिया, हम प्रधानमंत्री मोदी से डरते नहीं है। उन्हें जो करना है कर लें। हमारा काम संविधान की रक्षा के लिए लड़ना है। देश के सम्मान के लिए लड़ना है। यह जंग जारी रहेगी। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा, अब सत्याग्रह नहीं, रण होगा। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल के बयान पर कहा, देश का कानून सबके लिए एक है। वह न तो कांग्रेस अध्यक्ष के लिए बदल सकता है और न ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के लिए। उनका इशारा साफ संकेत दे रहा था। पात्रा ने कहा, वे भारत के कानून से भिड़ना चाहते हैं। न उन्हें कानून से रण करने दिया जाएगा न ही भागने दिया जाएगा।

जोखिम भी गहराता जा रहा है

राजनीतिक जानकार रशीद किदवई यह बात स्वीकार करते हैं कि मौजूदा स्थिति में ऐसा कुछ संभव है। जिस तरह से ईडी और तिरंगा यात्रा, दोनों जोरशोर से आगे बढ़ रहे हैं, उसमें कांग्रेसी युवराज के लिए जोखिम भी गहराता जा रहा है। यूं कहें कि भाजपा, अभ्यास कर रही है। वह चेक कर रही है कि राहुल की गिरफ्तारी का सही वक्त क्या हो सकता है। वैसे तो तिरंगा यात्रा कभी भी निकाल सकते हैं। हर भारतवासी को तिरंगे पर गर्व है। वह भारत की शान है। हालांकि अब आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, उसके तहत ही कई कार्यक्रम हो रहे हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दोनों ईडी के सवालों की बौछार झेल चुके हैं, लेकिन जांच एजेंसी संतुष्ट है या नहीं, अभी ऐसा कोई संकेत नहीं आया है। कई बार तो ईडी पूछताछ के बाद ही आरोपी को गिरफ्तार कर लेती है। शिवसेना नेता संजय राउत को घर से ही गिरफ़्तार कर लिया गया। विपक्ष कमजोर है, एकजुट नहीं है, इसलिए कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी होती है तो उसमें हैरत की कोई बात नहीं होगी।



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