Exclusive Interview: विमल कुमार ने अमर उजाला से कहा- सिंधु का स्वर्ण पक्का, मलेशिया हमारा मुख्य प्रतिद्वंदी


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बैडमिंटन को राष्ट्रमंडल खेलों में 1966 में जगह मिली थी। भारत को पहला पदक कांस्य के रूप में इन्हीं खेलों में मिला था। दिनेश खन्ना ने यह पदक दिलवाया था। अब तक राष्ट्रमंडल खेलों में बैडमिंटन में भारत सात स्वर्ण, सात रजत और 11 कांस्य सहित कुल 25 पदक जीत चुका है। इस बार भी देश को अपने शटलरों से पदक की आस है। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की दावेदारी को लेकर अपने पूर्व भारतीय बैडमिंटन कोच विमल कुमार से बात की।

2019 में द्रोणाचार्य अवॉर्ड जीत चुके विमल कुमार 1988 और 1989 में राष्ट्रीय चैंपियन थे। उन्होंने 1986 एशियाई खेलों में पुरुष टीम के साथ कांस्य पदक जीता था। वह बैडमिंटन में राष्ट्रीय कोच रह चुके हैं। इसके अलावा विमल कुमार ने दिग्गज महिला खिलाड़ी साइना नेहवाल को भी कोचिंग दी है। उन्होंने इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को मजबूत बताया है। विमल का मानना है कि पीवी सिंधु का स्वर्ण पदक करीब-करीब पक्का है। भारत को एक से ज्यादा स्वर्ण इस बार मिलेंगे।
पढ़ें विमल कुमार से खास बातचीत के अंश:

सवाल: राष्ट्रमंडल खेलों में जो भारतीय बैडमिंटन टीम गई है, उसे आप किस तरह से देखते हैं?
विमल कुमार: हमारी टीम अच्छी है। पदक जीतने की उम्मीद है, लेकिन कुछ समस्याएं हैं। पुरुष युगल के खिलाड़ी सात्विकसाईराज रैंकिरेड्डी को चोट लगी थी। लक्ष्य सेन के कंधे और किदांबी श्रीकांत के टखने में समस्या है। भारत के लिए यह चिंता की बात है। मुझे लगता है कि मैच से पहले सभी फिट हो जाएंगे। अगर हमारे खिलाड़ी अपनी पूरी क्षमता से खेलेंगे तो हमारे पास टीम स्पर्धा में स्वर्ण जीतने का मौका होगा। मलेशिया की टीम अच्छी है, लेकिन एकल में उनके शीर्ष खिलाड़ी ली जी जिया नहीं खेल रहे हैं तो हमें फायदा होगा। पुरुष एकल और महिला एकल में मलेशिया के खिलाफ हम मजबूत होंगे। पुरुष युगल और महिला युगल में भी मौका है, लेकिन उसमें मलेशिया मजबूत है। हमारा मुख्य प्रतिद्वंदी मलेशिया ही होगा। कनाडा, इंग्लैंड और सिंगापुर से भी टक्कर मिल सकती है।
बैडमिंटन में किस खिलाड़ी से पदक का भरोसा है?
विमल कुमार: एकल में स्वर्ण पदक की पक्की उम्मीद पीवी सिंधु से ही है। महिला एकल में मलेशिया और सिंगापुर की खिलाड़ी टक्कर नहीं दे पाएंगी। कनाडा की मिशेल ली अच्छी है, लेकिन उन्हें सिंधु को हराने के लिए काफी मेहनत करनी होगी। मुझे लगता है कि इस बार सिंधु स्वर्ण जीत लेगी।
सिंधु पर फाइनल का दबाव होता है। इसके लिए उन्हें क्या करना चाहिए?
विमल कुमार: पहले तो उन्हें फाइनल में जगह बनानी होगी। उन्हें फाइनल के बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए। वह जानती हैं कि उन्हें क्या करना है। वह विश्व चैंपियन भी रह चुकी हैं। बड़े मुकाबलों में खेलने का अनुभव उन्हें मिलेगा। सिंधु को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए, लेकिन किसी को आसान मानकर नहीं चलना होगा। मैं फिर से कहता हूं सिंधु जरूर स्वर्ण पदक जीतेंगी।
साइना नेहवाल इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में नहीं खेल रही हैं। उनसे कहां गलती हुई?
विमल कुमार: उनसे गलती नहीं हुई है। जब चयन प्रक्रिया हो रही थी तब साइना नहीं खेल पाई थीं। पिछले दो-तीन सालों से साइना को कई चोटों का सामना करना पड़ा है। अगर वह लगातार चोटिल नहीं होती तो राष्ट्रमंडल खेलों में खेल रही होतीं। जब आपकी उम्र बढ़ती है तो ऐसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। यह खेल का हिस्सा है।
क्या साइना नेहवाल का करियर समाप्त हो गया?
विमल कुमार: मुझे नहीं लगता कि साइना का करियर का समाप्त हो गया। अगर वह फिटनेस पर काम करती हैं तो अभी भी खेल सकती है। उन्हें एक बार में एक या दो महत्वपूर्ण टूर्नामेंट पर ध्यान देना चाहिए। ऐसा करने पर वह बेहतर तरीके से रिटायर हो सकती हैं। हाल ही में वह सिंगापुर ओपन के क्वार्टरफाइनल में पहुंची थीं। मुझे इससे खुशी हुई थी। वह इसी तरह अपनी फिटनेस पर ध्यान देंगी तो आगे बेहतर खेल सकती हैं।
पुरुष एकल में कई खिलाड़ी सामने आ रहे हैं, लेकिन महिलाओं में नहीं। अभी भी साइना-सिंधु से हम पदक की उम्मीद करते हैं। इस पर आपका क्या कहना है?
विमल कुमार:
महिलाओं में भी नई खिलाड़ी आ रही हैं, लेकिन उन्हें समय देना होगा। इस प्रक्रिया में समय लगेगा। हम सीधे साइना या सिंधु से तुलना नहीं कर सकते हैं। चार-पांच नई खिलाड़ी एक साथ तैयार हो रही हैं। उनमें उन्नति हुड्डा, मालविका बंसोड़ भी हैं। हमें थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत है। उन्हें सपोर्ट करने की जरूरत है। आने वाले दो साल बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगर हम उन्हें सपोर्ट करेंगे तो आगे आएंगे। 

सवालः बैडमिंटन में 18-26 साल की उम्र आदर्श मानी जाती है, इस पर आपका क्या कहना है?
विमल कुमार: ऐसा नहीं है। कई खिलाड़ी देरी से परिपक्व होते हैं। हमारे श्रीकांत 29 साल की उम्र में पदक जीते। प्रणय 30 साल की उम्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। बैडमिंटन में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए आपको शारीरिक रूप से बहुत ज्यादा फिट रहना पड़ता है। इसलिए खिलाड़ियों को अपनी फिटनेस बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए। कई बार हमें लगता है कि आधी ट्रेनिंग से हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। शरीर के हिसाब से ट्रेनिंग जरूरी है और खाने-पीने का ध्यान रखना चाहिए। जब आप युवा होते हैं तो इन चीजों को नजरअंदाज कर सकते हैं, लेकिन 25 साल की उम्र के बाद आपको इन चीजों का विशेष ध्यान रखना होता है। भरपूर नींद लेनी होती है और अच्छी आदतें अपनानी होती हैं।
सवालः भारत में बैडमिंटन खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए किस उम्र से ट्रेनिंग देना चाहिए। क्या डाइट होनी चाहिए? 
विमल कुमार: बैडमिंटन खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए उन्हें आठ से नौ साल की उम्र से ट्रेनिंग देनी शुरू कर देनी चाहिए। इससे पहले भी ट्रेनिंग शुरू की जा सकती है। बैडमिंटन बहुत ही तकनीक वाला और शारीरिक जरूरत वाला खेल है। छोटी-छोटी चीजें सही होनी जरूरी हैं। अगर तकनीक सही होगी तो शरीर को बाद में तैयार किया जा सकता है। हमारा खेल भी क्रिकेट या हॉकी की तरह है। हमारे पास कई नैचुरल टैलेंट हैं। कई जगह पर अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन हम उन्हें पहचान नहीं पा रहे हैं। एक बार हम उनकी पहचान कर लेते हैं फिर कई खिलाड़ी मिल सकते हैं। कई लोग दक्षिण भारत में आकर तैयारी कर रहे हैं। हमें उत्तर भारत में भी ट्रेनिंग सेंटर बनाने की जरूरत हैं। वहीं काफी प्रतिभा है। यूपी, पंजाब और हरियाणा में ध्यान देने पर हमें अच्छे खिलाड़ी मिल सकते हैं। 

सवालः फिलहाल आप क्या कर रहे हैं और कोई ऐसा खिलाड़ी, जिसे आप तैयार कर रहे हैं?
विमल कुमार: मैं फिलहाल प्रकाश पादुकोण एकेडमी में काम कर रहा हूं और अपने काम का मजा ले रहा हूं। कई खिलाड़ी को ट्रेनिंग दे रहा हूं। कई बहुत जूनियर खिलाड़ी हैं, जो अभी सीख रहे हैं। कुछ सीनियर खिलाड़ी भी हैं, जिनको ट्रेनिंग दे रहा हूं। ये सभी अच्छा खेल रहे हैं। अब मैं 13 साल से कम उम्र के खिलाड़ियों पर ज्यादा ध्यान दे रहा हूं। मेरी उम्र भी बढ़ रही है और उसका असर हो रहा है, लेकिन फिलहाल मैं अपने काम का मजा ले रहा हूं।
ये खिलाड़ी पेश करेंगे भारतीय चुनौती
एकल मुकाबलों में दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु, आकर्षी कश्यप, विश्व चैंपियनशिप के रजत और कांस्य विजेता क्रमश: किदांबी श्रीकांत और लक्ष्य सेन भारतीय चुनौती पेश करेंगे। वहीं, 2018 के रजत विजेता चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रैंकिरेड्डी पुरुष युगल में, महिला युगल में गायत्री गोपीचंद और त्रीसा जॉली तथा मिश्रित युगल में सुमित रेड्डी और अश्विनी पोनप्पा पर दारोमदार रहेगा। मिश्रित टीम में सभी खिलाड़ी भारतीय चुनौती को पेश करेंगे।

2018 में चैंपियन बनी थी भारतीय टीम
2018 में गोल्ड कोस्ट, ऑस्ट्रेलिया में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने दो स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य पदक जीता था। भारतीय टीम ओवरऑल चैंपियन रही थी। 2018 में साइना नेहवाल ने पीवी सिंधु को हराकर महिला एकल का स्वर्ण जीता था। 2018 में भारतीय मिक्स्ड टीम ने मलेशिया जैसी शक्तिशाली टीम को हराकर पहली बार स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा पुरुष एकल में किदांबी श्रीकांत और पुरुष युगल में सात्विकसाईराज रैंकिरेड्डी और चिराग शेट्टी ने रजत पदक जीता। अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी ने महिला युगल में कांस्य जीता था।

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बैडमिंटन को राष्ट्रमंडल खेलों में 1966 में जगह मिली थी। भारत को पहला पदक कांस्य के रूप में इन्हीं खेलों में मिला था। दिनेश खन्ना ने यह पदक दिलवाया था। अब तक राष्ट्रमंडल खेलों में बैडमिंटन में भारत सात स्वर्ण, सात रजत और 11 कांस्य सहित कुल 25 पदक जीत चुका है। इस बार भी देश को अपने शटलरों से पदक की आस है। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की दावेदारी को लेकर अपने पूर्व भारतीय बैडमिंटन कोच विमल कुमार से बात की।

2019 में द्रोणाचार्य अवॉर्ड जीत चुके विमल कुमार 1988 और 1989 में राष्ट्रीय चैंपियन थे। उन्होंने 1986 एशियाई खेलों में पुरुष टीम के साथ कांस्य पदक जीता था। वह बैडमिंटन में राष्ट्रीय कोच रह चुके हैं। इसके अलावा विमल कुमार ने दिग्गज महिला खिलाड़ी साइना नेहवाल को भी कोचिंग दी है। उन्होंने इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को मजबूत बताया है। विमल का मानना है कि पीवी सिंधु का स्वर्ण पदक करीब-करीब पक्का है। भारत को एक से ज्यादा स्वर्ण इस बार मिलेंगे।



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