Farmani Naaz: फरमानी नाज की तरह इन गीतकारों ने भी तोड़ीं मजहबी दीवारें, मुस्लिम होकर लिखे शानदार भजन


इन दिनों शिवभजन ‘हर हर शंभू…’ काफी चर्चा में है। साथ ही चर्चा में हैं इसे अपनी सुरीली आवाज देने वाली फरमानी नाज। दरअसल, फरमानी नाज एक अलग मजहब से ताल्लुक रखती हैं, उसके बाद भी उन्होंने यह आध्यात्मिक गाना गाया है। बस इसी बात पर हंगामा बरपा हुआ है। तमाम कट्टरपंथी और उलेमा इस बात पर फरमानी नाज की लानत-मलानत कर रहे हैं। मगर, फरमानी पर इसका रत्तीभर भी असर नहीं पड़ रहा। उनका मानना है, ‘कलाकार का कोई धर्म नहीं होता’। फरमानी की बात सच है। कलाकार का वाकई कोई धर्म नहीं होता। फरमानी से पहले और भी कई मुस्लिम गीतकार यह बात साबित कर चुके हैं। अलग धर्म होने के बाद भी उन्होंने शानदार भजन कलमबद्ध किए। कौन से हैं वे भजन, आइए जानते हैं….

जावेद अख्तर 

फिल्म ‘लगान’ का गाना ‘ओ पालन हारे निर्गुण और न्यारे…’ तो आपने सुना ही होगा! इस गाने को लिखने वाले मशहूर गीतकार जावेद अख्तर हैं। बता दें कि जावेद अख्तर खुद को नास्तिक बताते हैं। उसके बावजूद उन्होंने यह शानदार गीत लिखा। इस गाने को लता मंगेशकर और उदित नारायण ने अपनी आवाज दी। वहीं एआर रहमान ने इसे कंपोज किया। बता दें कि जावेद अख्तर भले ही खुद को नास्तिक बताते हैं, मगर वह सभी धर्मों का समान सम्मान करते हैं। कुछ वर्ष पहले एक कन्नड़ रियलिटी शो में एक मुस्लिम युवती के भजन गाने पर भी काफी हंगामा हुआ था। तब जावेद अख्तर उस युवती के समर्थन में उतरे थे और कहा था, ‘जो कोई भजन गाने पर मुस्लिम लड़की पर हमला कर रहा, वह न सिर्फ कट्टर है, बल्कि भारतीय संगीत की महान विरासत से भी अनभिज्ञ है।’

शकील बदायुनी 

दिवंगत कवि, शायर और मशहूर गीतकार शकील बदायुनी ने तो कई आध्यात्मिक गाने लिखे हैं। मगर, उनके लिखे भजन, ‘मन तड़पत हरि दर्शन…’ की बात ही अलग है। दिलचस्प बात यह है कि इस गाने को बॉलीवुड के मशहूर सिंगर रहे मोहम्मद रफी साहब ने अपनी आवाज दी थी। साथ ही इसके संगीतकार थे नौशाद। कुल मिलाकर, तीनों कलाकारों ने अलग धर्म होने के बाद भी इस भजन को खूबसूरत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शकील बदायुनी ने यह गाना फिल्म ‘बैजू बावरा’ के लिए लिखा था। बता दें कि शकील साहब ने इसके अलावा ‘ओ दुनिया के रखवाले’,’मोहे पनघट पे नंदलाल’, जैसे भी कई गाने लिखे, जो आज भी खूब पसंद किए जाते हैं।

साहिर लुधियानवी

फिल्म ‘नील कमल’ के गाने ‘रोम-रोम में बसने वाले राम’ को लिखने वाले कोई और नहीं, बल्कि मशहूर शायर और गीतकार साहिर लुधियानवी थे। फिल्म में यह गाना वहीदा रहमान और अभिनेता मनोज कुमार पर फिल्माया गया था। बता दें कि साहिर लुधियानवी ने कई बॉलीवुड फिल्मों के लिए शानदार गाने लिखे। मगर, उनका लिखा यह गाना सुनने वालों को एक अलग ही आध्यात्मिक दुनिया की सैर कराता प्रतीत होता है। अलग धर्म से संबंध रखने के बाद भी साहिर लुधियानवी साहब ने बड़ी खूबसूरती से इस गाने को लिखा।



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