नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाओं के लिए आज बजेगी घंटी: स्कूल पहुंचने पर शिक्षकों को देना होगा सहमति पत्र, बिना इसके नहीं मिलेगा प्रवेश


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Vikas Kumar
Updated Mon, 14 Feb 2022 12:25 AM IST

सार

स्कूलों को निर्देश है कि शिक्षकों को पहले दिन बच्चों व अभिभावकों के साथ गर्मजोशी से पेशा आना होगा। साथ ही उनका पूरा सहयोग करना होगा। कक्षा शुरू होने पर शुरुआती एक सप्ताह में अधिक दबाव नहीं बनाया जाएगा।

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राजधानी कोरोना संक्रमण के कम होते नए मामलों के बीच सोमवार से नर्सरी से लेकर आठवीं तक की ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हो रही हैं। बच्चों को अपने साथ सहमति पत्र लेकर स्कूल पहुंचना होगा। सहमति पत्र होने पर ही स्कूल प्रशासन की ओर से बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। वहीं, कोई भी स्कूल किसी भी बच्चे या अभिभावक पर स्कूल पहुंचने को लेकर दबाव नहीं बनाएगा। इससे पहले बीते सोमवार को कक्षा नौवीं से लेकर 12वीं तक के स्कूलों को खोल दिया गया था। 

स्कूल खोलने को लेकर बीते दिनों दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों व बच्चों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए थे। इसके तहत कोई भी स्कूल एक सप्ताह तक पाठ्य पुस्तकें लाने के लिए दबाव नहीं बनाएंगे। स्कूलों को निर्देश है कि शिक्षकों को पहले दिन बच्चों व अभिभावकों के साथ गर्मजोशी से पेशा आना होगा। साथ ही उनका पूरा सहयोग करना होगा। कक्षा शुरू होने पर शुरुआती एक सप्ताह में अधिक दबाव नहीं बनाया जाएगा। बल्कि, बच्चों से उनके अनुभव को साझा करने के लिए कहेंगे। साथ ही विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के बीच मेल-जोल बढ़ाने को लेकर प्रयास करेंगे। लंबे समय बाद स्कूल पहुंचने पर कोई भी बच्चा अकेला महसूस न करे, इसके लिए शिक्षकों को बच्चों का जोड़ा या समूह का गठन करना होगा। बच्चों को चित्रकारी व कविता के माध्यम से अपने अनुभवों को साझा करने के लिए मौका दिया जाएगा। 

बिना सहमति पत्र के नहीं मिलेगा प्रवेश
शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि स्कूल पहुंचने के लिए छात्रों को अपने साथ अभिभावकों से मिला सहमति पत्र ले जाना होगा। यदि बच्चा बिना सहमति पत्र के स्कूल पहुंचता है तो उसे स्कूल प्रशासन की ओर से प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस दिशा में स्कूलों की ओर से पूर्व में ही सहमति पत्र को जारी कर दिया गया था। स्कूल पहुंचने पर सहमति पत्र को स्कूल प्रशासन को जमा करना होगा। 

क्षमता के हिसाब से बच्चों को बुला रहे हैं स्कूल
स्कूल खुलने के आदेश के बाद सभी स्कूलों ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस दिशा में शुरुआती दिनों में कुछ स्कूलों ने अपनी क्षमता के हिसाब से बच्चों को स्कूल बुलाने की योजना बनाई है। ऐसे में कई निजी स्कूलों की ओर से अलग-अलग कक्षा के बच्चों को अलग-अलग दिन आने के लिए संदेश जारी किए गए हैं। स्कूलों की ओर से हाईब्रिड मोड यानि ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। 

अधिकांश स्कूलों में बंद रहेगी कैंटीन सेवा
कोरोनो को देखते हुए अधिकांश स्कूलों में कैंटिन सेवा को बंद रखा जाएगा। ऐसे में स्कूल प्रशासन ने बच्चों को घर से ही लंच व पानी लाने के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं। साथ ही बच्चों के अपने साथ स्टेशनरी का पूरा सामान लाने का भी निर्देश है, जिससे बच्चों के बीच चीजों का आदान-प्रदान कम से कम हो सके। स्कूल में रहने के दौरान बच्चों को मास्क अनिवार्य रूप से लगाकर रहना होगा। साथ ही स्कूलों की ओर से थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइजेशन की सुविधा दी जाएगी। कक्षा में बच्चों के बैठने के लिए अतिरिक्त बेंच की सुविधा के साथ जगह-जगह चिन्ह भी बनाए गए हैं,  जिससे शारीरिक दूरी का पालन किया जा सके।

कुछ अभिभावकों ने जताई असहमति
सोमावर से स्कूल खुलने पर बच्चों को स्कल भेजने को लेकर कुछ अभिभावकों ने असहमति जताई है। लक्ष्मी नगर स्थित बाल भवन स्कूल की एक शिक्षिका ने बताया कि एक कक्षा में करीब 13 बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल भेजने की सहमति दी है। हालांकि, कुछ अभिभावक अपने बच्चों के भेजने के लिए भयभीत हैं। ऐसे में कुछ अभिभावक अपने बच्चों की ऑनलाइन मोड में पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं। विश्वास नगर स्थित एक अभिभावक ने कहा कि उनका बच्चा स्थानीय इलाके में कक्षा सातवीं का छात्र है। क्योंकि, अभी कोरोना के मामले एक हजार के करीब बने हुए हैं। ऐसे में  बच्चे को स्कूल भेजना चिंताजनक है। थोड़े और हालात सुधरने पर बच्चे को स्कूल भेजने पर विचार किया जाएगा। 

विस्तार

राजधानी कोरोना संक्रमण के कम होते नए मामलों के बीच सोमवार से नर्सरी से लेकर आठवीं तक की ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हो रही हैं। बच्चों को अपने साथ सहमति पत्र लेकर स्कूल पहुंचना होगा। सहमति पत्र होने पर ही स्कूल प्रशासन की ओर से बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। वहीं, कोई भी स्कूल किसी भी बच्चे या अभिभावक पर स्कूल पहुंचने को लेकर दबाव नहीं बनाएगा। इससे पहले बीते सोमवार को कक्षा नौवीं से लेकर 12वीं तक के स्कूलों को खोल दिया गया था। 

स्कूल खोलने को लेकर बीते दिनों दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों व बच्चों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए थे। इसके तहत कोई भी स्कूल एक सप्ताह तक पाठ्य पुस्तकें लाने के लिए दबाव नहीं बनाएंगे। स्कूलों को निर्देश है कि शिक्षकों को पहले दिन बच्चों व अभिभावकों के साथ गर्मजोशी से पेशा आना होगा। साथ ही उनका पूरा सहयोग करना होगा। कक्षा शुरू होने पर शुरुआती एक सप्ताह में अधिक दबाव नहीं बनाया जाएगा। बल्कि, बच्चों से उनके अनुभव को साझा करने के लिए कहेंगे। साथ ही विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के बीच मेल-जोल बढ़ाने को लेकर प्रयास करेंगे। लंबे समय बाद स्कूल पहुंचने पर कोई भी बच्चा अकेला महसूस न करे, इसके लिए शिक्षकों को बच्चों का जोड़ा या समूह का गठन करना होगा। बच्चों को चित्रकारी व कविता के माध्यम से अपने अनुभवों को साझा करने के लिए मौका दिया जाएगा। 

बिना सहमति पत्र के नहीं मिलेगा प्रवेश

शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि स्कूल पहुंचने के लिए छात्रों को अपने साथ अभिभावकों से मिला सहमति पत्र ले जाना होगा। यदि बच्चा बिना सहमति पत्र के स्कूल पहुंचता है तो उसे स्कूल प्रशासन की ओर से प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस दिशा में स्कूलों की ओर से पूर्व में ही सहमति पत्र को जारी कर दिया गया था। स्कूल पहुंचने पर सहमति पत्र को स्कूल प्रशासन को जमा करना होगा। 

क्षमता के हिसाब से बच्चों को बुला रहे हैं स्कूल

स्कूल खुलने के आदेश के बाद सभी स्कूलों ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस दिशा में शुरुआती दिनों में कुछ स्कूलों ने अपनी क्षमता के हिसाब से बच्चों को स्कूल बुलाने की योजना बनाई है। ऐसे में कई निजी स्कूलों की ओर से अलग-अलग कक्षा के बच्चों को अलग-अलग दिन आने के लिए संदेश जारी किए गए हैं। स्कूलों की ओर से हाईब्रिड मोड यानि ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। 

अधिकांश स्कूलों में बंद रहेगी कैंटीन सेवा

कोरोनो को देखते हुए अधिकांश स्कूलों में कैंटिन सेवा को बंद रखा जाएगा। ऐसे में स्कूल प्रशासन ने बच्चों को घर से ही लंच व पानी लाने के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं। साथ ही बच्चों के अपने साथ स्टेशनरी का पूरा सामान लाने का भी निर्देश है, जिससे बच्चों के बीच चीजों का आदान-प्रदान कम से कम हो सके। स्कूल में रहने के दौरान बच्चों को मास्क अनिवार्य रूप से लगाकर रहना होगा। साथ ही स्कूलों की ओर से थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइजेशन की सुविधा दी जाएगी। कक्षा में बच्चों के बैठने के लिए अतिरिक्त बेंच की सुविधा के साथ जगह-जगह चिन्ह भी बनाए गए हैं,  जिससे शारीरिक दूरी का पालन किया जा सके।

कुछ अभिभावकों ने जताई असहमति

सोमावर से स्कूल खुलने पर बच्चों को स्कल भेजने को लेकर कुछ अभिभावकों ने असहमति जताई है। लक्ष्मी नगर स्थित बाल भवन स्कूल की एक शिक्षिका ने बताया कि एक कक्षा में करीब 13 बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल भेजने की सहमति दी है। हालांकि, कुछ अभिभावक अपने बच्चों के भेजने के लिए भयभीत हैं। ऐसे में कुछ अभिभावक अपने बच्चों की ऑनलाइन मोड में पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं। विश्वास नगर स्थित एक अभिभावक ने कहा कि उनका बच्चा स्थानीय इलाके में कक्षा सातवीं का छात्र है। क्योंकि, अभी कोरोना के मामले एक हजार के करीब बने हुए हैं। ऐसे में  बच्चे को स्कूल भेजना चिंताजनक है। थोड़े और हालात सुधरने पर बच्चे को स्कूल भेजने पर विचार किया जाएगा। 



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