न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेंगलुरु
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Fri, 25 Mar 2022 10:46 PM IST
सार
इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के सिवान ने शुक्रवार को अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की योजनाओं और तैयारियों के बारे में बात की। इस दौरान उन्होंने चंद्रयान-2 मिशन की नाकामी के बाद प्रधानमंत्री मोदी से मिली सहानुभूति और प्रोत्साहन का जिक्र भी किया।
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विस्तार
डॉ. सिवान ने कहा कि जल्द ही इसरो चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की भी पुष्टि करने की स्थिति में आ जाएगा। मैं आश्वस्त हूं कि इस बार के मिशन में हमें सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी मिशन के लिए चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का उपयोग किया जाएगा, यह हमारे लिए काफी किफायती होगा।
इसरो के पूर्व चेयरमैन ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी का हमारी सभी परियोजनाओं पर असर पड़ा था लेकिन इसके साथ ही इसरो ने अपनी अलग रणनीति पर काम किया। उन्होंने कहा कि इस रणनीति से हम मुश्किल और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी अपने काम का प्रबंधन करने में सफल रहे हैं।
‘महामारी ने हमें रॉकेट लॉन्चिंग के नए तरीके दिए’
सिवान ने कहा कि महामारी ने हमें रॉकेट लॉन्च करने के लिए नए तरीके दिए हैं, जिन्हें हम हर मिशन में लागू करेंगे। चंद्रयान-2 को लेकर उन्होंने कहा कि यह इसरो का अब तक का सबसे मुश्किल अभियान था। हम सौभाग्यशाली रहे कि प्रधानमंत्री हमारे साथ थे और हम पहले चरण की सफल लैंडिंग करा सके।
उन्होंने कहा कि हालांकि अंतिम चरण में असफल रहे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारा उत्साह बढ़ाया। प्रधानमंत्री को यह बताते हुए कि मैं 130 करोड़ भारतीयों की उम्मीद पूरी नहीं कर सका, मैं रो पड़ा था। जब उन्होंने मुझे इस हालत में देखा तो तुरंत गले लगाया और मेरे पर्ति सहानुभूति व्यक्त की थी।
गगनयान मिशन को लेक डॉ. सिवान ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य एक भारतीय रॉकेट से एक भारतीय नागरिक को अंतरिक्ष में भेजना है। दो से तीन अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में यात्रा करेंहे और तीन दिन से एक सप्ताह के लिए 400 किलोमीटर के ऑर्बिट में रहेंगे। इसके बाद वह सुरक्षित वापस धरती पर लौटेंगे।