सरकार का बड़ा फैसला, J&K के पूर्व मुख्यमंत्रियों से SSG सुरक्षा कवच के बाद एंबुलेंस-जैमर भी वापस लिए


श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिली सुरक्षा एक बार फिर घटा दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासन ने श्रीनगर जिले के भीतर आवाजाही के दौरान अब पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिली जैमर और एंबुलेंस (ambulance jammers withdrawn) की सुविधा को हटाने का निर्णय लिया है. इसके पहले फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah), गुलाम नबी आजाद(Ghulam Nabi Azad), उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) और महबूबा मुफ्ती ( Mehbooba Mufti) को मिले विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) के सुरक्षा कवच को वापस ले लिया गया था. अधिकारियों ने कहा कि अंतरजनपदीय आवाजाही के दौरान चारों पूर्व मुख्यमंत्रियों (Four former Chief Ministers) को जैमर और एम्बुलेंस की सुविधा मिलती रहेगी.

अनुभवी राजनेता और लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को श्रीनगर की मशहूर हजरतबल दरगाह और दसगीर साब में प्रार्थना की, लेकिन वहां कोई एंबुलेंस या जैमर नहीं दिखा. जैमर सिग्नल को रोकने का काम करता है, ताकि आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में आईईडी जैसे विस्फोटक पदार्थों में रिमोट के जरिये दूर से विस्फोट नहीं किया जा सके. एंबुलेंस की सुविधा यात्रा के दौरान किसी आपतकालीन चिकित्सा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए दी जाती है.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा द्वारा वर्ष 2020 में कानून बनाकर एसएसजी का प्रावधान किया गया था. इसके तहत मुख्यमंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों को एसएसजी सुरक्षा प्रदान की जा रही थी. लेकिन अब केंद्रशासित प्रदेश के सभी चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की एसएसजी सुरक्षा कवच वापस लेकर उनकी सुरक्षा जम्मू-कश्मीर पुलिस की सुरक्षा शाखा को सौंपी गई है, जिसमें केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल सहायता करेंगे.

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यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब श्रीनगर में पिछले साल से आतंकवाद से संबंधित हिंसा देखी जा रही है. प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट द्वारा नागरिकों की लक्षित हत्याओं के अलावा सुरक्षा बलों और आतंकवादियों में मुठभेड़ के मामले बढ़े हैं.

फिलहाल एसएसजी की सुरक्षा वर्तमान मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों को मिली हुई है. लेकिन फारूक अब्दुल्ला और आजाद को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है, इसलिए इन दोनों को नेशनल सुरक्षा गार्ड का सुरक्षा घेरा मिलेगा. एनएसजी के सुरक्षाकर्मियों को ब्लैक कैट कमांडो कहते हैं. जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला और महबूबा को भी जेड प्लस सुरक्षा मिलती रहेगी, लेकिन केंद्रशासित प्रदेश से बाहर इनकी सुरक्षा व्यवस्था में कमी किए जाने की संभावना है.

एसएसजी के कुछ सुरक्षाकर्मियों को जम्मू-कश्मीर पुलिस के ‘निकट रक्षा टीम’ में शामिल किया जाएगा. अधिकारियेां ने बताया कि अन्य एसएसजी सुरक्षाकर्मियों को पुलिस की अन्य शाखाओं में शामिल किया जाएगा. इसी तरह एसएसजी के वाहनों और अन्य गैजेट पुलिस की सुरक्षा शाखा को सौंप दिए जाएंगे.

Tags: Farooq Abdullah, Jammu and kashmir, Mehbooba mufti



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