कृष्णकुमार कुनाथ (Krishnakumar Kunnath), जिन्हें केके के नाम से जाना जाता है, का पिछले सप्ताह 53 वर्ष की उम्र में कोलकाता में एक कॉन्सर्ट के बाद कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन (KK Death) हो गया। गुलजार, जिन्होंने पहली बार केके के साथ 1996 में बनी उनकी फिल्म ‘माचिस’ में काम किया था, ने कहा कि हाल ही में रिलीज हुआ गाना उनके लिए हमेशा खास रहेगा। उन्होंने कहा, ‘श्रीजीत ने ‘शेरदिल’ में मुझ पर एहसान किया है। इतनी खूबसूरत फिल्म के लिए न सिर्फ मुझे लिखने को मिला, बल्कि केके से सदियों बाद मिलने का मौका मिला। केके ने सबसे पहले माचिस में मेरा एक गाना ‘छोड़ आए हम वो गलियां…’ गाया था।
वो अलविदा कहने आए थे- गुलजार साहब
गुलजार साहब ने आगे कहा, ‘जब वह ‘शेरदिल’ के लिए गाने आए, तो इसने मेरा दिल खुशी से भर दिया लेकिन यह शर्म की बात है कि इसे उनके अंतिम गानों में से एक के रूप में जाना जाएगा। ऐसा लगता है कि वह अलविदा कहने आए थे।’ केके को ‘तड़प तड़प’, ‘बीते लम्हें’, ‘आंखों में तेरी’ और साथ ही इंडी पॉप गाने ‘पल’ और ‘यारों’ जैसे ट्रैक्स के लिए जाना जाता है। मुखर्जी ने कहा कि उनकी फिल्म के लिए गुलजार और केके का मिलना एक सपने के सच होने जैसा है।
‘शेरदिल’ की कहानी
उन्होंने कहा, ‘हम गुलज़ार साहब की शायरी सुनकर बड़े हुए हैं। हम दिल की हर बात में केके की आवाज से दोस्ती करते हुए बड़े हुए हैं। इसलिए, यह मेरे लिए दोहरे सपने के सच होने जैसा है।’ सच्ची घटनाओं से प्रेरित, ‘शेरदिल’ को एक फैमिली फिल्म के रूप में पेश किया गया है और यह शहरीकरण, मानव के संघर्ष और गरीबी की कहानी पेश करता है, जो कि किनारे पर रहने वाले एक गांव में एक अजीब सी प्रथा की ओर ले जाता है। इसमें पंकज त्रिपाठी, नीरज काबी और सयानी गुप्ता मुख्य भूमिका में हैं।
केके का लास्ट सॉन्ग
केके के गाने (KK Last Song) ‘धूप पानी बहने दे’ गाने को हाल ही में लॉन्च किया गया। शांतनु मोइत्रा ने गाने को कंपोज किया है। मोइत्रा ने कहा, ‘उन्होंने मुझे बताया कि इस गाने ने गुलज़ार साहब को दो दशक बाद उन्हें वापस दे दिया है। वह इस बात से भी खुश थे कि वह इस गाने को लाइव कॉन्सर्ट में गाएंगे क्योंकि यह बड़ी बात है और युवाओं को इसे सुनने की जरूरत है।’ ‘शेरदिल: द पीलीभीत सागा’ 24 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।