देवबंद : इस्लाम में नाजायज है ई-श्रम कार्ड बनवाना… सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दारुल उलूम का फतवा


न्यूज डेस्क अमर उजाला, सहारनपुर
Published by: Dimple Sirohi
Updated Thu, 24 Feb 2022 12:07 AM IST

सार

मुफ्तियों ने कहा कि ई-श्रम कार्ड बनवाने में अगर बीमा पॉलिसी शामिल है तो यह हराम है क्योंकि पॉलिसी में सूद एवं जुए का मिश्रण होता है जिसके चलते इसका इस्तेमाल करना जायज नहीं है।

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ई-श्रम कार्ड बनवाने को लेकर  देवबंद के दारुल उलूम का एक फतवा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि अगर इसमें बीमा पॉलिसी और सूद शामिल है तो इसका इस्तेमाल करना नाजायज है। सरकार अपने खर्च से कार्ड बनवा कर दे रही है तो  इसके इस्तेमाल में कुछ गुंजाइश है। 

बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फतवे में एक शख्स ने दारुल इफ्ता विभाग के मुफ्ती-ए-कराम से पूछा कि सरकार की तरफ ई-श्रम कार्ड बनवाए जा रहे हैं। जिसके माध्यम से किसी भी सरकारी योजना का लाभ कार्ड बनवाने वाले ले सकेंगे।

यह भी पूछा कि ई-श्रम कार्ड में सरकार की तरफ से बीमा पॉलिसी भी शामिल है। जिसमे यह सुविधा दी गई है कि यदि कार्ड धारक के साथ कोई हादसा हो जाता है तो सरकार से गुजारिश पर उसे मुआवजा भी दिया जाएगा।

जिस पर मुफ्तियों के जवाब में कहा गया कि ई-श्रम कार्ड बनवाने में अगर बीमा पॉलिसी शामिल है तो यह हराम है। क्योंकि पॉलिसी में सूद एवं जुए का मिश्रण होता है। जिसके चलते इसका इस्तेमाल करना जायज नहीं है।

मुफ्तियों ने यह भी कहा कि यह कार्ड सरकार की तरफ से बनवाए जा रहे हैं और इनमे कोई रकम कार्ड धारक को अदा नहीं करनी पड़ रही है तो फिर इसके इस्तेमाल में कुछ गुंजाईश है। फतवा दिसंबर माह का लिया हुआ है। जिसे अब सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है। हालांकि इस संबंध में संस्था के किसी जिम्मेदार से संपर्क नहीं हो सका।

विस्तार

ई-श्रम कार्ड बनवाने को लेकर  देवबंद के दारुल उलूम का एक फतवा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि अगर इसमें बीमा पॉलिसी और सूद शामिल है तो इसका इस्तेमाल करना नाजायज है। सरकार अपने खर्च से कार्ड बनवा कर दे रही है तो  इसके इस्तेमाल में कुछ गुंजाइश है। 

बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फतवे में एक शख्स ने दारुल इफ्ता विभाग के मुफ्ती-ए-कराम से पूछा कि सरकार की तरफ ई-श्रम कार्ड बनवाए जा रहे हैं। जिसके माध्यम से किसी भी सरकारी योजना का लाभ कार्ड बनवाने वाले ले सकेंगे।

यह भी पूछा कि ई-श्रम कार्ड में सरकार की तरफ से बीमा पॉलिसी भी शामिल है। जिसमे यह सुविधा दी गई है कि यदि कार्ड धारक के साथ कोई हादसा हो जाता है तो सरकार से गुजारिश पर उसे मुआवजा भी दिया जाएगा।

जिस पर मुफ्तियों के जवाब में कहा गया कि ई-श्रम कार्ड बनवाने में अगर बीमा पॉलिसी शामिल है तो यह हराम है। क्योंकि पॉलिसी में सूद एवं जुए का मिश्रण होता है। जिसके चलते इसका इस्तेमाल करना जायज नहीं है।

मुफ्तियों ने यह भी कहा कि यह कार्ड सरकार की तरफ से बनवाए जा रहे हैं और इनमे कोई रकम कार्ड धारक को अदा नहीं करनी पड़ रही है तो फिर इसके इस्तेमाल में कुछ गुंजाईश है। फतवा दिसंबर माह का लिया हुआ है। जिसे अब सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है। हालांकि इस संबंध में संस्था के किसी जिम्मेदार से संपर्क नहीं हो सका।



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