केएल राहुल बोले- कोई भी परफेक्ट नहीं होता, मैं अपने स्ट्राइक रेट पर काम कर रहा हूं


भारतीय उप कप्तान केएल राहुल को लगता है कि ‘रन की संख्या धोखा दे सकती है लेकिन यह पूरी दास्तां बयां नहीं करती’ और टी20 विश्व कप से पहले उनकी कोशिश पावरप्ले ओवरों में अपने ‘स्ट्राइक रेट’ को सुधारने की है।

भारतीय उप कप्तान केएल राहुल को लगता है कि ‘रन की संख्या धोखा दे सकती है लेकिन यह पूरी दास्तां बयां नहीं करती’ और टी20 विश्व कप से पहले उनकी कोशिश पावरप्ले ओवरों में अपने ‘स्ट्राइक रेट’ को सुधारने की है।
राहुल को पिछले कुछ समय से उनके स्ट्राइक रेट के कारण काफी आलोचनायें झेलनी पड़ रही है और इस स्टाइलिश बल्लेबाज का मानना है कि पूरी पारी के दौरान एक जैसी लय बनाये रखना मुश्किल है।
राहुल ने संयुक्त अरब अमीरात में एशिया कप के दौरान 122.22 के स्ट्राइक रेस से बल्लेबाजी की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह (स्ट्राइक रेट) ऐसी चीज है जिसके लिये हर खिलाड़ी काम करता है। कोई भी ‘परफेक्ट’ नहीं है। हर कोई किसी ना किसी चीज पर काम कर रहा है। ’’
हालांकि राहुल के करियर में टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों का स्ट्राइक रेट 61 मैचों में 140 से ज्यादा का है क्योंकि पारी के अंत में वह इसकी भरपायी कर लेते हैं।
उन्होंने इस बहस पर अपना तर्क देते हुए कहा, ‘‘स्ट्राइक रेट ‘ओवरऑल’ (कुल स्कोर के) आधार पर लिया जाता है। ’’

राहुल ने कहा, ‘‘आप एक बल्लेबाज को (पूरी पारी के दौरान) किसी एक निश्चित स्ट्राइक रेट पर खेलते हुए कभी नहीं देखते। उसके लिये 200 के स्ट्राइक रेट पर खेलना अहम था या फिर टीम 100 या 120 के स्ट्राइक रेट से खेलने से भी जीत सकती थी, इन चीजों के बारे में हमेशा आकलन नहीं किया जाता। इसलिये जब आप इसे पूर्ण रूप से देखते हैं तो यह धीमा दिखता है। ’’
लेकिन राहुल अपने स्ट्राइक रेट पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस पर काम कर रहा हूं।

निश्चित रूप से पिछले 10 से 12 महीनों में प्रत्येक खिलाड़ी के लिये लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। हर किसी के पास स्पष्ट समझ है कि उससे किस चीज की उम्मीद है। मैं बस इसी ओर काम कर रहा हूं कि मैं बतौर सलामी बल्लेबाज खुद को कैसे बेहतर कर सकता हूं। ’’
आस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती टी20 से पहले भारतीय उप कप्तान ने कहा, ‘‘टीम के माहौल ने हमेशा खिलाड़ियों को अपनी गलतियों से सीख लेने दी है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने ऐसा माहौल बनाया है जिसमें खिलाड़ी विफल होने से डरते नहीं हैं या गलतियां करने के बाद भय महसूस नहीं करते।

अगर गलतियां होती हैं तो ये हमने ये की हैं। हमें इनके लिये कड़ी मेहनत करनी होगी। ’’
आलोचनायें तो होती रहेंगी लेकिन यह भारतीय टीम खुद की आलोचना में भरोसा करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘आलोचना तो हर कोई करता है लेकिन हम ही सबसे ज्यादा आलोचना करते हैं। हम देश के लिये खेल रहे हैं और जब हम अच्छा नहीं कर पाते तो इससे हमें सबसे ज्यादा दुख होता है।

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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