इस साल नए धुनों पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी, ड्रोन से आसमान की रोशनी


‘सारे जहां से अच्छा’ ने महात्मा गांधी के पसंदीदा ईसाई भजन एबाइड विद मी की जगह ले ली।

नई दिल्ली:

बीटिंग रिट्रीट समारोह – एक सदियों पुरानी सैन्य परंपरा उन दिनों से चली आ रही है जब सूर्यास्त के समय सैनिकों ने ‘बगलर्स’ ने ‘रिट्रीट’ की आवाज सुनी थी – इस साल नई धुनों पर सेट किया गया था।

समारोह हर साल 29 जनवरी को किया जाता है और गणतंत्र दिवस समारोह के अंत का प्रतीक है।

देश की आजादी के 75 साल (आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है) के उपलक्ष्य में समारोह में कई नई धुनें जोड़ी गईं। इनमें ‘केरल’, ‘हिंद की सेना’ और ‘ऐ मेरे वतन के लोग’ शामिल हैं।

इस आयोजन को और अधिक भारतीय बनाने के प्रयास में रक्षा मंत्रालय ने बीटिंग द रिट्रीट समारोह में देशभक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगो’ को शामिल किया।

‘सारे जहां से अच्छा’ ने महात्मा गांधी के पसंदीदा ईसाई भजन एबाइड विद मी की जगह ले ली।

एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो आजादी का अमृत महोत्सव इस साल एक प्रमुख आकर्षण बनकर उभरा।

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