‘द कश्मीर फाइल्स’ से इस्‍लामोफोबिया बढ़ने पर Pallavi Joshi का जोरदार पलटवार, गोधरा दंगे पर कही ये बात


‘द कश्‍मीर फाइल्‍स (The Kashmir Files)’ ने बॉक्‍स ऑफिस पर दमदार परफॉरमेंस किया है। हालांकि फिल्‍म की टायमिंग और नीयत पर भी सवाल उठे हैं। इसमें प्रोफेसर राधिका मेनन का रेाल प्‍ले करने वाली पल्‍लवी जोशी ने उन सभी सवालों पर अपने तर्क रखे हैं। पल्‍लवी इस फिल्‍म के डायरेक्‍टर विवेक रंजन अग्‍न‍िहोत्री की पत्‍नी भी हैं। पल्लवी जोशी (Pallavi Joshi) ने कहा कि, ‘सिर्फ इसलिए कि हमने कश्‍मीरी पंडितों पर फिल्‍म बनाई, हमसे गोधरा दंगों पर फिल्‍म बनाने को कहा जाना मजहबी तनाव बढ़ाने वाला सवाल है, सिर्फ फारुख अब्‍दुल्‍ला ही नहीं, हर उस इंसान को कश्‍मीरी पंडितों से माफी मांगनी चाहिए, जो पंडितों के गुनहगार हैं।’

अपने एक हालिया इंटरव्यू में पल्लवी ने बताया कि, ‘सोशल मीडिया पर उठ रहे सवाल कि इस फिल्‍म की वजह से इस्‍लामोफोबिया बढ़ेगा। ऐसा अगर नॉन इवॉल्‍व्‍ड ऑडिएंस कह रही है तो उसके मायने क्‍यों रखे जा रहें हैं? जो इवॉल्‍व्‍ड माइंड नहीं हैं वो तो कुछ भी नहीं बोलेंगे। बाकी हमारा इरादा आतंकवाद को एक्‍सपोज करने का था। वह हमने किया है। अब अनफॉरच्‍युनेटली वहां पर उस दौर में वहां मजहबी टेरेरिज्‍म हुआ, वह तो इतिहास है। उसे तो मैं नहीं बदल सकती और अगर उसकी जगह मैं झूठा इतिहास दिखाऊं तो बतौर फिल्‍मकार मेरी क्रेडिबिलि‍टी कहां जाएगी?’

द कश्मीर फाइल्स

फिल्म को लेकर की गई रिसर्च पर पल्लवी ने कहा, ‘हमने नॉर्मल रिसर्च तो किए ही, साथ ही हम उन कश्‍मीरी पंडितों से जाकर मिले, जिन्‍होंने किसी अपने को खोया या जिनके घर लुट गए या जिनकी मांओं और बेटियों के साथ बलात्‍कार हुए हैं। जिनके पिता की हत्‍या इस तरह की गई कि पचास टुकड़े कर दिए गए थे उनके शरीर के। उन लोगों से जाकर हम मिले और रिसर्च की। लिहाजा फिल्‍म में जो भी वीभत्‍स तरीके के सीन हैं, चाहे खून से सने चावल को खाने के इंसिडेंट हों या पेड़ से लटकी लाशें हों। ये सारी घटनाएं हमारे पास नाम के साथ हैं। उनके साथ नाइंसाफी नहीं, वहां नरसंहार हुआ था।’

पल्लवी जोशी

कश्‍मीरी पंडितों की तरह गोधरा या कहीं और मुसलमानों के साथ अन्‍याय हुए, इस पर फिल्म बनाने के बारे में उन्होंने कहा, ‘ये सवाल हमसे ही क्‍यों हो रहे हैं। बाकी लोग भी तो हैं इंडस्‍ट्री में। सिर्फ इसिलए कि हमने हिंदू पंडि़तों की कहानी कही, हमसे मुसलमानों की पीड़ा पर भी फिल्‍म बनाने को कहना मजहबी तनाव बढ़ाने वाला सवाल है। मैं मजहबी तनाव पैदा करने के इरादे से फिल्‍म नहीं बनाती। इस फिल्‍म के बनाने के पीछे तनाव बढ़ाने का मकसद नहीं था।’

पल्लवी जोशी

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