राज्यसभा चुनाव: पांच महीने में 75 राज्यसभा सीटें हो रही खालीं, जानिए चुनाव बाद किसे फायदा और किसे होगा नुकसान


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छह राज्यों की 13 राज्यसभा सीटों पर चुनाव गुरुवार को संपन्न हो गए। इनमें से 10 सीटों पर पहले ही सांसदों का निर्विरोध निर्वाचन हो चुका था। गुरुवार को हुए मतदान के बाद बाकी तीनों सीट भाजपा और उसके सहयोगियों के खाते में गईं। कुल 13 में से पांच सीटें आप, चार भाजपा और एक उसकी सहयोगी यूपीपीएल, दो लेफ्ट और एक सीट कांग्रेस के खाते में गई। 

आने वाले पांच महीने राज्यसभा चुनाव के लिहाज से काफी अहम हैं। अगले पांच महीने में राज्यसभा के 30 फीसदी से ज्यादा सदस्य रिटायर होंगे और उनकी जगह नए सदस्य लेंगे। इसके साथ ही राज्यसभा का गणित भी काफी कुछ बदला दिखाई देगा। 

अभी कितनी सीटों पर चुनाव हुए हैं? नतीजे के बाद राज्यसभा का गणित कितना बदला है? पांच महीने में कितनी राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं? जिन सीटों पर अभी चुनाव है उनमें अभी किस पार्टी के पास कितनी सीटें हैं? चुनाव के बाद किस पार्टी की सीटें बढ़ सकती हैं? किन पार्टियों की सीटें घटने का आसार है? आइये जानते हैं…

अभी कितनी सीटों पर चुनाव  हुआ?

अप्रैल में राज्यसभा की 19 सीटें खाली होनी थीं। इनमें छह मनोनीत सांसदों की है। वहीं 13 पर चुनाव हुआ। जिन 13 सीटों पर चुनाव हुआ उनमें से 12 सांसद दो और नौ अप्रैल को रिटायर होंगे। वहीं, पंजाब विधानसभा चुनाव में जीते प्रताप सिंह बाजवा पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं।
 

अप्रैल में इन सांसदों का कार्यकाल हो रहा खत्म

राज्य

कितनी सीटें खाली हो रहीं

कौन सेवानिवृत्त हो रहा

कौन जीता

पंजाब

5

प्रताप सिंह बाजवा (कांग्रेस), शमशेर सिंह (कांग्रेस), श्वेत मलिक (भाजपा), सुखदेव ढींढसा (अकाली दल), नरेश गुजराल (अकाली दल)

पांचों सीटें आम आदमी पार्टी ने जीतीं

केरल

3

एके एंटनी (कांग्रेस), एम.वी. श्रेयम्स कुमार(लोकतांत्रिक जनता दल), के. सोमप्रसाद (सीपीएम)

एक सीट सीपीएम, एक सीपीआई और एक सीट कांग्रेस ने जीती

असम

2

रिपुन बोरा(कांग्रेस), रानी नरह (कांग्रेस)

एक सीट भाजपा, एक सीट यूपीपीएल

हिमाचल प्रदेश

1

आनंद शर्मा (कांग्रेस)

भाजपा

त्रिपुरा

1

झरना दास बैद्य (सीपीएम)

भाजपा

नगालैंड

1

केजी केन्ये (एनपीएफ)

भाजपा

मनोनीत सांसद

6

स्वप्न दास गुप्ता, रूपा गांगुली, नरेंद्र जाधव, एमसी मैरीकॉम, सुरेश गोपी और सुब्रमण्यम स्वामी

 

 

 चुनाव के बाद किस पार्टी की सीटें बढ़ीं?

जिन 13 सीटों पर चुनाव हुए उनमें सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी पार्टी को हुआ है। इनमें पंजाब की पांचों सीट आप के खाते में गई हैं। वहीं, असम, त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश में भाजपा को फायदा हुआ है तो केरल में लेफ्ट की सीटें बढ़ी हैं। इन 13 सीटों पर सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को हुआ है। चुनाव से पहले इन 13 में से छह सीटें उसके पास थीं। अब केवल एक सीट पर उसके सांसद को जीत मिली है। भाजपा के पास इन 13 में से केवल एक सीट थी। चुनाव में उसे तीन सीटों का फायदा हुआ है।  

इस साल कितनी राज्यसभा सीटें खाली हो रही है?

आने वाले 5 महीने में हर महीने राज्यसभा में सासंदों का रिटायरमेंट है। अप्रैल में कुल 19 सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। वहीं, मई में एक, जून में 20, जुलाई में 33 और अगस्त में 2 सीटें खाली हो रही हैं। इस तरह अगले पांच महीन में कुल 75 राज्यसभा सीटें खाली होंगी। 

मई में मनोनीत सासंद संभाजी छत्रपति का कार्यकाल खत्म हो रहा है। जून में  20 सीटें खाली हो रही हैं। इनमें तमिलनाडु की छह, आंध्र प्रदेश की चार, मध्य प्रदेश और कर्नाटक की तीन, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की दो-दो सीटें शामिल हैं।  जुलाई में  33 सीटें खाली हो रही हैं। इनमें उत्तर प्रदेश की 11, महाराष्ट्र की छह, राजस्थान और बिहार की चार-चार, ओडिशा की तीन, झारखंड और पंजाब की दो-दो, उत्तराखंड की एक सीट शामिल है। अगस्त में खाली हो रही दोनों सीटें हरियाणा की हैं। अभी इन सीटों से भाजपा के दुष्यंत गौतम और भाजपा समर्थित निर्दलीय डॉक्टर सुभाष चंद्रा सांसद हैं।

जून में जिन सीटों पर चुनाव वहां किसे फायदा किसे नुकसान?

जून में कुल 20 सीटें खाली हो रही हैं। इनमें सबसे ज्यादा छह तमिलनाडु से हैं। इन पर अभी तीन डीएमके और तीन एआईएडीएमके के सांसद है। जून में होने वाले चुनाव में डीएमके गठबंधन की कम से कम एक सीट बढ़ सकती है तो एआईएडीएमके गठबंधन की एक सीट घट सकती है। आंध्र प्रदेश से खाली हो रही चारों सीटें सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस को मिलना लगभग तय है। इससे यहां भाजपा को तीन सीटों का नुकसान होगा। मध्य प्रदेश और कर्नाटक में मौजूदा स्थिति बनी रहने का आसार है। वहीं, छत्तसीगढ़ में भाजपा को नुकसान तो कांग्रेस को फायदा होगा। तो तेलंगाना में टीआरएस फिर से दोनों सीटों जीतने में सफल रह सकती है। कुल मिलाकर जून में होने वाले चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को होगा। उसके कम से कम चार सांसद कम हो सकते हैं। वहीं, उसकी सहयोगी एआईएडीएमके की भी सीटें घटेंगी। कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में एक सीट का फायदा हो सकता है। सबसे ज्यादा फायदे में वाईएसआर कांग्रेस रहेगी।

जुलाई में जिन 33 सीटों पर चुनाव होना है वहां किसे फायदा किसे नुकासान?

जून में कुल 33 सीटें खाली हो रही हैं। इनमें सबसे ज्यादा 11 उत्तर प्रदेश से हैं। यहां भाजपा की तीन सीटें बढ़ सकती हैं, तो बसपा और कांग्रेस को अपनी सीटें गंवानीं पड़ेंगी। सपा गठबंधन अपनी तीनों सीटें बचाने सफल रह सकता है। महाराष्ट्र में भाजपा को एक सीट का नुकसान हो सकता है तो शिवसेना गठबंधन को एक सीट का फायदा हो सकता है। बिहार में भाजपा गठबंध को एक सीट का नुकसान तो राजद गठबंधन को एक सीट का फायदा हो सकता है। हालांकि, राज्य में चौथी सीट के लिए कांटे का संघर्ष भी दिखाई दे सकता है। राजस्थान में खाली हो रही चारों सीटें भाजपा के पास हैं। यहां भाजपा को दो से तीन सीट का नुकसान हो सकता है। वहीं, कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा। पंजाब में कांग्रेस और अकाली दल को नुकासन होगा और इसका फायदा आप को मिलेगा। वहीं, झारखंड में भाजपा को एक सीट का  नुकसान होगा। उत्तराखंड और ओडिशा में मौजूदा स्थिति बनी रहेगी। 

कुल मिलाकर जुलाई में होने वाले राज्यसभा चुनाव में भाजपा की तीन सीटें कम हो सकती हैं। बसपा का राज्यसभा में केवल एक सांसद रह जाएगा तो अकाली दल का राज्यसभा में कोई प्रतिनिधि नहीं बचेगा। वहीं, कांग्रेस को एक या दो सीट का फायदा हो सकता है। अगस्त में हरियाणा में जिन दो सीटों पर चुनाव हैं उनमें से एक सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है। वहीं, दूसरी भाजपा के पास बरकरार रह सकती है। 

अगस्त के बाद कैसी रहेगी तस्वीर?

जो 75 सीटें अगले पांच महीने में खाली होनी हैं उनमें से 7 मनोनीत सांसदों की हैं। उन्हें हटाकर बाकी 68 सीटों में से 27 अभी भाजपा के पास हैं। अगस्त के बाद उसकी सीटों में दो से तीन सीटों की कमी हो सकती है। वहीं, कांग्रेस के पास 68 में से 12 सीटें हैं। अगस्त के बाद उसके पास इनमें से 10 सीटें रह सकती हैं। यानीं, उसे कुल मिलाकर दो सीटों का नुकसान हो सकता है। वहीं, सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी पार्टी को होगा जिसके कुल 7 सांसद बढ़ेंगे। वहीं, वाईएसआर कांग्रेस को भी करीब तीन सीटों का फायदा हो सकता है।

विस्तार

छह राज्यों की 13 राज्यसभा सीटों पर चुनाव गुरुवार को संपन्न हो गए। इनमें से 10 सीटों पर पहले ही सांसदों का निर्विरोध निर्वाचन हो चुका था। गुरुवार को हुए मतदान के बाद बाकी तीनों सीट भाजपा और उसके सहयोगियों के खाते में गईं। कुल 13 में से पांच सीटें आप, चार भाजपा और एक उसकी सहयोगी यूपीपीएल, दो लेफ्ट और एक सीट कांग्रेस के खाते में गई। 

आने वाले पांच महीने राज्यसभा चुनाव के लिहाज से काफी अहम हैं। अगले पांच महीने में राज्यसभा के 30 फीसदी से ज्यादा सदस्य रिटायर होंगे और उनकी जगह नए सदस्य लेंगे। इसके साथ ही राज्यसभा का गणित भी काफी कुछ बदला दिखाई देगा। 

अभी कितनी सीटों पर चुनाव हुए हैं? नतीजे के बाद राज्यसभा का गणित कितना बदला है? पांच महीने में कितनी राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं? जिन सीटों पर अभी चुनाव है उनमें अभी किस पार्टी के पास कितनी सीटें हैं? चुनाव के बाद किस पार्टी की सीटें बढ़ सकती हैं? किन पार्टियों की सीटें घटने का आसार है? आइये जानते हैं…

अभी कितनी सीटों पर चुनाव  हुआ?

अप्रैल में राज्यसभा की 19 सीटें खाली होनी थीं। इनमें छह मनोनीत सांसदों की है। वहीं 13 पर चुनाव हुआ। जिन 13 सीटों पर चुनाव हुआ उनमें से 12 सांसद दो और नौ अप्रैल को रिटायर होंगे। वहीं, पंजाब विधानसभा चुनाव में जीते प्रताप सिंह बाजवा पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं।

 

अप्रैल में इन सांसदों का कार्यकाल हो रहा खत्म

राज्य

कितनी सीटें खाली हो रहीं

कौन सेवानिवृत्त हो रहा

कौन जीता

पंजाब

5

प्रताप सिंह बाजवा (कांग्रेस), शमशेर सिंह (कांग्रेस), श्वेत मलिक (भाजपा), सुखदेव ढींढसा (अकाली दल), नरेश गुजराल (अकाली दल)

पांचों सीटें आम आदमी पार्टी ने जीतीं

केरल

3

एके एंटनी (कांग्रेस), एम.वी. श्रेयम्स कुमार(लोकतांत्रिक जनता दल), के. सोमप्रसाद (सीपीएम)

एक सीट सीपीएम, एक सीपीआई और एक सीट कांग्रेस ने जीती

असम

2

रिपुन बोरा(कांग्रेस), रानी नरह (कांग्रेस)

एक सीट भाजपा, एक सीट यूपीपीएल

हिमाचल प्रदेश

1

आनंद शर्मा (कांग्रेस)

भाजपा

त्रिपुरा

1

झरना दास बैद्य (सीपीएम)

भाजपा

नगालैंड

1

केजी केन्ये (एनपीएफ)

भाजपा

मनोनीत सांसद

6

स्वप्न दास गुप्ता, रूपा गांगुली, नरेंद्र जाधव, एमसी मैरीकॉम, सुरेश गोपी और सुब्रमण्यम स्वामी

 

 



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