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देश में एक बार फिर से बढ़ रहे कोरोना मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने जिन जिलों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, उनपर ध्यान केंद्रित करने और RTPCR टेस्टिंग के साथ ही उच्च अनुपात के साथ पर्याप्त टेस्टिंग करने पर जोर दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। गौरतलब है कि कल यानी शुक्रवार को कोरोना को लेकर वे एक और अहम बैठक में शामिल होंगे।
इसके अलावा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को टीकाकरण की गति बढ़ाने के साथ-साथ किसी भी संभावित सब वैरिएंट के लिए निगरानी और संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण (WGS) पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश भी दिया। देश में पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना वायरस संक्रमण में वृद्धि देखी जा रही है। 10 राज्यों महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात में 1,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं।
ओमिक्रॉन और इसके वैरिएंट जिम्मेदार
किसी भी नए उभरते हुए वैरिएंट या सब-वैरिएंट की संभावना की जांच करने और संक्रमण के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए निर्देश जारी किया गया था। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के विशेषज्ञों के अनुसार, ओमिक्रॉन और इसके वैरिएंट मुख्य रूप से बीए.2 (BA.2)और बीए.2.38 (BA.2.38) कोविड के मामलों में मौजूदा वृद्धि के पीछे हैं। बीए.2 और इससे जुड़े वायरस 85 फीसदी मामलों में मिले हैं, 33 फीसदी सैंपर में बीए.2.38 मिला है।
सूत्र ने कहा कि 10 प्रतिशत से कम नमूनों में बीए.4 और बीए.5, पाया गया है। पिछली समीक्षा बैठक में कहा गया था कि अब तक देश में चिंता में डालने वाला कोई वैरिएंट नहीं है। भारत में अब बीए.2 के अलावा बीए.4 और बीए.5 हैं, जिनमें अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनेज की तुलना में थोड़ी अधिक संक्रामकता है।
केरल के 11, मिजोरम के छह और महाराष्ट्र के पांच सहित भारत के 43 जिलों में साप्ताहिक कोविड संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक है। सूत्रों ने कहा कि 42 जिलों में, जिनमें राजस्थान के आठ, दिल्ली के पांच और तमिलनाडु के चार जिले शामिल हैं, साप्ताहिक संक्रमण दर 5 से 10 प्रतिशत के बीच है।