RSS-PFI Controversy: पटना एसएसपी ढिल्लों की सफाई, कहा- मैने नहीं की तुलना, बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया


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पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लों की पीएफआई  के साथ आरएसएस की तुलना के बाद सियासी गलियारों में सरगर्मी बढ़ गई है। भाजपा एसएसपी पर हमलावर है और उनसे मांफी मांगने या पद से इस्तीफा देने की मांग की है। वहीं, शुक्रवार को  एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इस मामले में सफाई दी है। उनका कहना है कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान उन्होंने जो कहा वहीं मैने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा। उन्होंने ये भी कहा कि उनके बयान की ‘चुनिदा व्याख्या’ की गई। जिसके कारण ये विवाद खड़ा हुआ है। 

मानवजीत सिंह ढिल्लों ने दी सफाई
मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि ‘मुझसे पत्रकारों ने पीएफआई के तौर-तरीकों के बारे में पूछा, जिसके एक नेटवर्क का हमने बुधवार को भंड़ाफोड़ किया था। इसका जवाब देते हुए हमने वही कहा जो पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कहा था। जब आरोपियों से उनके काम करने के तरीके के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जैसे अन्य संगठन अपने लोगों को शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने के नाम पर प्रशिक्षण देते हैं, वे भी ऐसा ही करते हैं।’

मैनें कभी नहीं की तुलना
इस दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने कभी भी ‘एक संगठन की दूसरे के साथ तुलना नहीं की।’ उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि विवाद उनके बयान की ‘चयनात्मक व्याख्या’ के काऱण खड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘हम किसी भी विवाद से विचलित हुए बिना जांच पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’

सफाई पर बोले- भाजपा नेता
इस बीच, भाजपा नेताओं ने कहा कि ढिल्लों के स्पष्टीकरण पर एक चालाक और शातिर लोमड़ी की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया। भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने ढिल्लों के स्पष्टीकरण को और भी खतरनाक और परोक्ष रूप से पीएफआई को क्लीन चिट देने के समान बताया। उन्होंने ढिल्लों पर राजनीतिक बयानबाजी करने का आरोप भी लगाया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या था एसएसपी का पूरा बयान?
पटना के एसएसपी ने पीएफआई दफ्तर पर छापों को लेकर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था- “इसका जो मोडस था कि ये लोग, जैसे शाखा होती है, आरएसएस अपनी शाखा ऑर्गेनाइज करते हैं, और लाठी की ट्रेनिंग देते हैं, उसी तरह से ये लोग शारीरिक शिक्षा के नाम पर युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे थे। उसी के साथ अपना एजेंडा और प्रोपेगेंडा के जरिए युवकों का ब्रेनवाश कर रहे थे।”

एसएसपी के बयान पर भाजपा की क्या प्रतिक्रिया?
एसएसपी के इसी बयान को लेकर भाजपा ने उन पर निशाना साधा है। भाजपा पिछड़ा वर्ग के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने सख्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को राजनीति और वैचारिक प्रभाव से ऊपर माना जाता है। पटना एसएसपी का पीएफआई की आरएसएस से तुलना करने वाला बयान शर्मनाक है। इसकी निंदा होनी चाहिए। इन अधिकारियों के पास कोई पूर्वाग्रह और पूर्वकल्पित धारणा नहीं होनी चाहिए। वे माफी मांगे और राजनीति करना है तो इस्तीफा दें।”

पीएफआई से जुड़े दो लोगों की हुई गिरफ्तारी
गौरतलब है कि बिहार पुलिस ने पटना के फुलवारीशरीफ इलाके से चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ संबंधों के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार करते हुए ‘‘भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकी मॉड्यूल’’ का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। फुलवारी शरीफ के अपर पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया था कि बुधवार देर रात झारखंड के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार किया गया। आरोपी पीएफआई से जुड़े हैं।’’ उन्होंने यह भी जानकारी दी थी कि जलालुद्दीन पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा था।

26 लोगों को किया नामजद
एसएसपी ढिल्लो ने बताया कि इस्लामिक कट्टरपंथ के बारे में गुप्त सूचना के आधार पर फुलवारी शरीफ में छापा मारा गया था। यहां पर करीब 26 लोग शारीरिक तौर पर प्रशिक्षण ले रहे थे, जिनको नामजद कर लिया गया है। एसएसपी के अनुसार, इनका प्रशिक्षण संघ की शाखा की तरह था, जैसे लाठियों से प्रशिक्षण करना। यह लोगों को ब्रेनवॉश कर रहे थे। यहां पर जांच के दौरान देश की सुरक्षा व अखंडता से संबंधित सामग्री बरामद हुई। इनमें से कुछ लोग केरल, तमिलनाडु से थे, जबकि कुछ बिहार से ही थे।

विस्तार

पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लों की पीएफआई  के साथ आरएसएस की तुलना के बाद सियासी गलियारों में सरगर्मी बढ़ गई है। भाजपा एसएसपी पर हमलावर है और उनसे मांफी मांगने या पद से इस्तीफा देने की मांग की है। वहीं, शुक्रवार को  एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इस मामले में सफाई दी है। उनका कहना है कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान उन्होंने जो कहा वहीं मैने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा। उन्होंने ये भी कहा कि उनके बयान की ‘चुनिदा व्याख्या’ की गई। जिसके कारण ये विवाद खड़ा हुआ है। 

मानवजीत सिंह ढिल्लों ने दी सफाई

मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि ‘मुझसे पत्रकारों ने पीएफआई के तौर-तरीकों के बारे में पूछा, जिसके एक नेटवर्क का हमने बुधवार को भंड़ाफोड़ किया था। इसका जवाब देते हुए हमने वही कहा जो पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कहा था। जब आरोपियों से उनके काम करने के तरीके के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जैसे अन्य संगठन अपने लोगों को शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने के नाम पर प्रशिक्षण देते हैं, वे भी ऐसा ही करते हैं।’

मैनें कभी नहीं की तुलना

इस दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने कभी भी ‘एक संगठन की दूसरे के साथ तुलना नहीं की।’ उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि विवाद उनके बयान की ‘चयनात्मक व्याख्या’ के काऱण खड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘हम किसी भी विवाद से विचलित हुए बिना जांच पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’

सफाई पर बोले- भाजपा नेता

इस बीच, भाजपा नेताओं ने कहा कि ढिल्लों के स्पष्टीकरण पर एक चालाक और शातिर लोमड़ी की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया। भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने ढिल्लों के स्पष्टीकरण को और भी खतरनाक और परोक्ष रूप से पीएफआई को क्लीन चिट देने के समान बताया। उन्होंने ढिल्लों पर राजनीतिक बयानबाजी करने का आरोप भी लगाया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या था एसएसपी का पूरा बयान?

पटना के एसएसपी ने पीएफआई दफ्तर पर छापों को लेकर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था- “इसका जो मोडस था कि ये लोग, जैसे शाखा होती है, आरएसएस अपनी शाखा ऑर्गेनाइज करते हैं, और लाठी की ट्रेनिंग देते हैं, उसी तरह से ये लोग शारीरिक शिक्षा के नाम पर युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे थे। उसी के साथ अपना एजेंडा और प्रोपेगेंडा के जरिए युवकों का ब्रेनवाश कर रहे थे।”

एसएसपी के बयान पर भाजपा की क्या प्रतिक्रिया?

एसएसपी के इसी बयान को लेकर भाजपा ने उन पर निशाना साधा है। भाजपा पिछड़ा वर्ग के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने सख्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को राजनीति और वैचारिक प्रभाव से ऊपर माना जाता है। पटना एसएसपी का पीएफआई की आरएसएस से तुलना करने वाला बयान शर्मनाक है। इसकी निंदा होनी चाहिए। इन अधिकारियों के पास कोई पूर्वाग्रह और पूर्वकल्पित धारणा नहीं होनी चाहिए। वे माफी मांगे और राजनीति करना है तो इस्तीफा दें।”

पीएफआई से जुड़े दो लोगों की हुई गिरफ्तारी

गौरतलब है कि बिहार पुलिस ने पटना के फुलवारीशरीफ इलाके से चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ संबंधों के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार करते हुए ‘‘भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकी मॉड्यूल’’ का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। फुलवारी शरीफ के अपर पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया था कि बुधवार देर रात झारखंड के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार किया गया। आरोपी पीएफआई से जुड़े हैं।’’ उन्होंने यह भी जानकारी दी थी कि जलालुद्दीन पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा था।

26 लोगों को किया नामजद

एसएसपी ढिल्लो ने बताया कि इस्लामिक कट्टरपंथ के बारे में गुप्त सूचना के आधार पर फुलवारी शरीफ में छापा मारा गया था। यहां पर करीब 26 लोग शारीरिक तौर पर प्रशिक्षण ले रहे थे, जिनको नामजद कर लिया गया है। एसएसपी के अनुसार, इनका प्रशिक्षण संघ की शाखा की तरह था, जैसे लाठियों से प्रशिक्षण करना। यह लोगों को ब्रेनवॉश कर रहे थे। यहां पर जांच के दौरान देश की सुरक्षा व अखंडता से संबंधित सामग्री बरामद हुई। इनमें से कुछ लोग केरल, तमिलनाडु से थे, जबकि कुछ बिहार से ही थे।



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