संगरूर लोकसभा उपचुनाव: शिरोमणि अकाली दल ने राजोआना की बहन कमलदीप कौर को बनाया अपना प्रत्याशी


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटियाला (पंजाब)
Published by: ajay kumar
Updated Sat, 04 Jun 2022 08:47 PM IST

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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बेअंत सिंह कत्ल मामले में सजायाफ्ता बलवंत सिंह राजोआना की बहन कमलदीप कौर को शिरोमणि अकाली दल ने संगरूर लोकसभा उपचुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है। वह शनिवार को यहां पटियाला की केंद्रीय जेल में बंद अपने भाई बलवंत सिंह राजोआना से मुलाकात करने पहुंची थीं। 

जेल से बाहर निकलने पर कमलदीप कौर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाई ने भी उनके चुनाव लड़ने पर सहमति जता दी है। आगे बताया कि शनिवार सुबह शिअद के वरिष्ठ नेताओं ने संगरूर लोकसभा उपचुनाव लड़ने की पेशकश उनके सामने रखी थी। इसके अलावा संत समाज, बंदी सिंहों के परिवारों, निहंग जत्थेबंदियों ने भी चुनाव लड़ने को कहा था। 

इस बारे में शनिवार की मुलाकात के दौरान भाई राजोआना को अवगत कराया गया। भाई राजोआना ने उन्हें चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी है। कमलजीत कौर ने कहा कि वह आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने में समर्थ नहीं हैं, इसलिए शिअद की टिकट पर वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जेलों में बंद सिंहों की रिहाई के मसले पर सारे पंथ को एक होने की जरूरत है और इसलिए उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।

विस्तार

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बेअंत सिंह कत्ल मामले में सजायाफ्ता बलवंत सिंह राजोआना की बहन कमलदीप कौर को शिरोमणि अकाली दल ने संगरूर लोकसभा उपचुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है। वह शनिवार को यहां पटियाला की केंद्रीय जेल में बंद अपने भाई बलवंत सिंह राजोआना से मुलाकात करने पहुंची थीं। 

जेल से बाहर निकलने पर कमलदीप कौर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाई ने भी उनके चुनाव लड़ने पर सहमति जता दी है। आगे बताया कि शनिवार सुबह शिअद के वरिष्ठ नेताओं ने संगरूर लोकसभा उपचुनाव लड़ने की पेशकश उनके सामने रखी थी। इसके अलावा संत समाज, बंदी सिंहों के परिवारों, निहंग जत्थेबंदियों ने भी चुनाव लड़ने को कहा था। 

इस बारे में शनिवार की मुलाकात के दौरान भाई राजोआना को अवगत कराया गया। भाई राजोआना ने उन्हें चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी है। कमलजीत कौर ने कहा कि वह आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने में समर्थ नहीं हैं, इसलिए शिअद की टिकट पर वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जेलों में बंद सिंहों की रिहाई के मसले पर सारे पंथ को एक होने की जरूरत है और इसलिए उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।



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