सियासत: यूपी में जगह-जगह लगे चंद्रशेखर राव के पोस्टर, प्रशांत किशोर संग गठजोड़ की अटकलें


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद
Published by: Amit Mandal
Updated Sat, 19 Mar 2022 06:48 PM IST

सार

अगले साल तेलंगाना होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर और टीआरएस के बीच कुछ गठजोड़ के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं, इसी बीच इस पोस्टर ने हर किसी का ध्यान खींचा है। 

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तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को ‘देश का नेता’ बताने वाले और उत्तर प्रदेश में विभिन्न जगहों पर लगाए गए प्रशांत किशोर का अभिवादन करने वाले पोस्टरों ने कई लोगों का ध्यान खींचा है। लोग हैरत में हैं कि उत्तरी राज्य में केसीआर के होर्डिंग क्यों लगे हैं। राव को केसीआर के नाम से जाना जाता है। ऐसा लगता है कि टीआरएस के एक पदाधिकारी ने अपने नेता की लोकप्रियता को हिंदी भाषी क्षेत्र में फैलाने के लिए ऐसा किया है। यहां तक कि राव भाजपा के खिलाफ बंदूक ताने हुए हैं और भगवा पार्टी के खिलाफ बाकी दलों का एक मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रशांत किशोर और टीआरएस के बीच गठजोड़ की अटकलें  
अगले साल तेलंगाना होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर और टीआरएस के बीच कुछ गठजोड़ के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं, हालांकि अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। दिलचस्प है कि किशोर को जन्मदिन की बधाई दी जा रही है। एक पोस्टर में लगभग सभी गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेसी नेताओं और मुख्यमंत्रियों की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं। इनमें एमके स्टालिन, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, हेमंत सोरेन और भगवंत मान हैं। अन्य में एनसीपी के शरद पवार और सपा नेता व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और रालोद के तेजस्वी यादव शामिल हैं।

इन पोस्टरों को लगाने के पीछे शहर के टीआरएस कार्यकर्ता तेलंगाना साई का दिमाग है। उन्होंने कहा कि वह यूपी और देश भर के लोगों को राव के बारे में बताना चाहते हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री गैर-भाजपा नेताओं के समर्थन से दिल्ली में शीर्ष पद पर काबिज होने में सक्षम हैं। साई ने कहा कि राव तेलंगाना और पड़ोसी आंध्र प्रदेश में प्रसिद्ध हैं, लेकिन वे उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और अन्य राज्यों में ज्यादा प्रसिद्ध नहीं हैं। पोस्टरों में राव को ‘देश का नेता’ बताया गया है।

राज्य के सिद्दीपेट जिले में हाल ही में एक जनसभा में राव ने कहा था कि वह राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और वह अपनी सभी क्षमताओं का उपयोग देश में चीजों को ठीक करने के लिए करेंगे। यहां तक कि रक्त की आखिरी बूंद भी बहाकर भी ऐसा करेंगे। उन्होंने इससे पहले क्रमशः तमिलनाडु और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों, स्टालिन और ठाकरे से मुलाकात की थी।

विस्तार

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को ‘देश का नेता’ बताने वाले और उत्तर प्रदेश में विभिन्न जगहों पर लगाए गए प्रशांत किशोर का अभिवादन करने वाले पोस्टरों ने कई लोगों का ध्यान खींचा है। लोग हैरत में हैं कि उत्तरी राज्य में केसीआर के होर्डिंग क्यों लगे हैं। राव को केसीआर के नाम से जाना जाता है। ऐसा लगता है कि टीआरएस के एक पदाधिकारी ने अपने नेता की लोकप्रियता को हिंदी भाषी क्षेत्र में फैलाने के लिए ऐसा किया है। यहां तक कि राव भाजपा के खिलाफ बंदूक ताने हुए हैं और भगवा पार्टी के खिलाफ बाकी दलों का एक मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रशांत किशोर और टीआरएस के बीच गठजोड़ की अटकलें  

अगले साल तेलंगाना होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर और टीआरएस के बीच कुछ गठजोड़ के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं, हालांकि अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। दिलचस्प है कि किशोर को जन्मदिन की बधाई दी जा रही है। एक पोस्टर में लगभग सभी गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेसी नेताओं और मुख्यमंत्रियों की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं। इनमें एमके स्टालिन, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, हेमंत सोरेन और भगवंत मान हैं। अन्य में एनसीपी के शरद पवार और सपा नेता व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और रालोद के तेजस्वी यादव शामिल हैं।

इन पोस्टरों को लगाने के पीछे शहर के टीआरएस कार्यकर्ता तेलंगाना साई का दिमाग है। उन्होंने कहा कि वह यूपी और देश भर के लोगों को राव के बारे में बताना चाहते हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री गैर-भाजपा नेताओं के समर्थन से दिल्ली में शीर्ष पद पर काबिज होने में सक्षम हैं। साई ने कहा कि राव तेलंगाना और पड़ोसी आंध्र प्रदेश में प्रसिद्ध हैं, लेकिन वे उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और अन्य राज्यों में ज्यादा प्रसिद्ध नहीं हैं। पोस्टरों में राव को ‘देश का नेता’ बताया गया है।

राज्य के सिद्दीपेट जिले में हाल ही में एक जनसभा में राव ने कहा था कि वह राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और वह अपनी सभी क्षमताओं का उपयोग देश में चीजों को ठीक करने के लिए करेंगे। यहां तक कि रक्त की आखिरी बूंद भी बहाकर भी ऐसा करेंगे। उन्होंने इससे पहले क्रमशः तमिलनाडु और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों, स्टालिन और ठाकरे से मुलाकात की थी।



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