न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Thu, 17 Mar 2022 04:37 PM IST
सार
मध्य प्रदेश का बकाया 4,953.42 करोड़ रुपये है, इसके बाद महाराष्ट्र का 1,715.67 करोड़ रुपये और राजस्थान का 556.01 करोड़ रुपये बकाया है।
सरदार सरोवर नर्मदा परियोजना में भागीदारी वाले राज्यों ने गुजरात को अभी तक 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान नहीं किया है, जहां नर्मदा नदी पर बांध स्थित है। राज्य सरकार ने गुरुवार को विधानसभा को सूचित किया। गुजरात के अलावा तीन भाग लेने वाले अन्य राज्य मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान हैं। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक निरंजन पटेल के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सदन को बताया कि राज्य को अभी तक तीन अन्य भागीदारी वाले राज्यों से पूंजीगत शेयर लागत, संचालन और रखरखाव लागत के लिए 7,225.10 करोड़ रुपये की वसूली करनी है।
मध्य प्रदेश का सबसे अधिक बकाया
मध्य प्रदेश का बकाया 4,953.42 करोड़ रुपये है, इसके बाद महाराष्ट्र का 1,715.67 करोड़ रुपये और राजस्थान का 556.01 करोड़ रुपये बकाया है। नर्मदा पोर्टफोलियो संभालने वाले मुख्यमंत्री ने एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। सीएम पटेल ने कहा कि पिछले दो वर्षों में महाराष्ट्र ने 38.16 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि राजस्थान ने 12.41 करोड़ रुपये दिए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने इस अवधि के दौरान कुछ भी भुगतान नहीं किया। पटेल ने कहा कि तीन राज्यों से बकाया वसूलने के लिए राज्य सरकार ने अक्टूबर 2021 और जनवरी 2022 में नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण की बैठकों में प्रतिनिधित्व किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, लगातार बकाया चुकाने को लिखा जा रहा पत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे के जल्द समाधान के लिए गुजरात की ओर से इस संबंध में एक अभ्यावेदन दिए जाने के बाद एक समिति और एक उप-समूह समिति का गठन किया गया है, जिसमें भाग लेने वाले सभी चार राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड हर महीने तीन अन्य राज्यों के विभिन्न संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर बकाया चुकाने के लिए कह रहा है।
विस्तार
सरदार सरोवर नर्मदा परियोजना में भागीदारी वाले राज्यों ने गुजरात को अभी तक 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान नहीं किया है, जहां नर्मदा नदी पर बांध स्थित है। राज्य सरकार ने गुरुवार को विधानसभा को सूचित किया। गुजरात के अलावा तीन भाग लेने वाले अन्य राज्य मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान हैं। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक निरंजन पटेल के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सदन को बताया कि राज्य को अभी तक तीन अन्य भागीदारी वाले राज्यों से पूंजीगत शेयर लागत, संचालन और रखरखाव लागत के लिए 7,225.10 करोड़ रुपये की वसूली करनी है।
मध्य प्रदेश का सबसे अधिक बकाया
मध्य प्रदेश का बकाया 4,953.42 करोड़ रुपये है, इसके बाद महाराष्ट्र का 1,715.67 करोड़ रुपये और राजस्थान का 556.01 करोड़ रुपये बकाया है। नर्मदा पोर्टफोलियो संभालने वाले मुख्यमंत्री ने एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। सीएम पटेल ने कहा कि पिछले दो वर्षों में महाराष्ट्र ने 38.16 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि राजस्थान ने 12.41 करोड़ रुपये दिए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने इस अवधि के दौरान कुछ भी भुगतान नहीं किया। पटेल ने कहा कि तीन राज्यों से बकाया वसूलने के लिए राज्य सरकार ने अक्टूबर 2021 और जनवरी 2022 में नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण की बैठकों में प्रतिनिधित्व किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, लगातार बकाया चुकाने को लिखा जा रहा पत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे के जल्द समाधान के लिए गुजरात की ओर से इस संबंध में एक अभ्यावेदन दिए जाने के बाद एक समिति और एक उप-समूह समिति का गठन किया गया है, जिसमें भाग लेने वाले सभी चार राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड हर महीने तीन अन्य राज्यों के विभिन्न संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर बकाया चुकाने के लिए कह रहा है।
Source link