NMC की सुप्रीम राहत : FMGE में भाग ले सकेंगे यूक्रेन-चीन से लौटे अंतिम वर्ष के छात्र, CRMI दो साल की होगी


FMGE 2022:  राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि अंतिम वर्ष के मेडिकल छात्र जो कोविड और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत लौटे और अधिसूचित होने की तारीख पर डिग्री प्राप्त की, उन्हें एफएमजी परीक्षा के लिए अनुमति दी जाएगी। 23 जून को एक हलफनामे में, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने कहा कि विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (FMGE) उत्तीर्ण करने पर, ऐसे विदेशी चिकित्सा स्नातकों को मौजूदा एक साल के बजाय दो साल के लिए अनिवार्य रोटेशनल मेडिकल इंटर्नशिप (CRMI) से गुजरना होगा। 

 

दो वर्ष तक करनी होगी सीआरएमआई (CRMI) 

एनएमसी के हलफनामे में कहा गया है कि विदेशी चिकित्सा स्नातक दो वर्ष तक सीआरएमआई (CRMI) पूरा करने के बाद ही पंजीकरण प्राप्त करने के पात्र होंगे। एनएमसी ने बताया कि क्लीनिकल ट्रेनिंग के लिए इंटर्नशिप की अवधि को दोगुना कर दिया गया है, जिसमें विदेशी चिकित्सा स्नातकों द्वारा विदेशों में संस्थानों में अपने पाठ्यक्रम के दौरान शारीरिक रूप से भाग नहीं लिया जा सका है और उन्हें क्लीनिकल ट्रेनिंग के लिए इंटर्नशिप की अवधि में भारतीय परिस्थितियों में मेडिकल प्रैक्टिस से परिचित कराया जाना जरूरी है। एनएमसी के रुख पर ध्यान देते हुए, शीर्ष अदालत ने 25 जुलाई के आदेश में कहा कि 23 जुलाई के हलफनामे के साथ दायर अनुपालन रिपोर्ट को रिकॉर्ड में ले लिया गया है और संबंधित मामलों का निस्तारण किया जाता है।

सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को दिया था निर्देश

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को नेशनल मेडिकल काउंसिल को रूस-यूक्रेन युद्ध और महामारी से प्रभावित एमबीबीएस छात्रों को एक बार के उपाय के रूप में यहां के मेडिकल कॉलेजों में अपना क्लीनिकल ट्रेनिंग पूरा करने की छूट देने दो महीने में एक योजना तैयार करने का निर्देश दिया था। इस पर एनएमसी ने अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (UGMEB) के साथ विचार-विमर्श किया। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के साथ भी विचार किया गया। विचार-विमर्श के बाद एनएमसी ने इस संबंध में यूक्रेन, चीन और रूस में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावासों को भी अवगत कराया। इस दौरान जानकारी में आया कि यूक्रेन के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 20,672 भारतीय छात्र नामांकित हैं, जो सभी उन्हें ऑनलाइन कक्षाएं प्रदान कर रहे हैं।

चीन ने छात्रों की वापसी के लिए प्रक्रिया शुरू की

एनएमसी ने अपने हलफनामे में कहा है कि यूक्रेन के मंत्रियों की कैबिनेट ने फैसला किया कि यदि विश्वविद्यालय युद्ध क्षेत्र या कब्जे वाले क्षेत्र में स्थित है, तो पिछले शैक्षणिक अंकों के आधार पर अंतिम अंक दिए जाएंगे। प्रायोगिक परीक्षा के बाद विश्वविद्यालय का अकादमिक बोर्ड छात्रों को डिग्री प्रदान करेगा। हालांकि, डिग्री प्राप्त करने से पहले, छात्रों को विश्वविद्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना चाहिए। वे अपनी डिग्री स्वयं या एफिडेविट के माध्यम से प्राप्त करने की व्यवस्था कर सकते हैं। डिग्री प्राप्त करने के बाद, छात्रों को एक डॉक्टर के रूप में अभ्यास शुरू करने से पहले एक इंटर्नशिप करने की आवश्यकता होती है। एनएमसी ने बताया कि चीन ने छात्रों की वापसी की सुविधा के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। 

रूस, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान ने दी अपने यहां पढ़ने की छूट

एनएमसी ने हलफनामे में यह भी कहा कि रूस ने यूक्रेन से निकाले गए भारतीय छात्रों को अपने संस्थानों में अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दे दी है। वहीं, कजाकिस्तान दूतावास ने कहा है कि वह यूक्रेन से निकाले गए छात्रों को उनके देश में अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति देने के लिए तैयार है। एनएमसी ने कहा कि किर्गिज नेशनल यूनिवर्सिटी ने भी सूचित किया है कि वे भारतीय छात्रों को मदद की के लिए तैयार है और सितंबर 2021 बैच में नामांकित लगभग 100 छात्रों की ट्यूशन फीस माफ करने की पेशकश की है, जिन्होंने यूक्रेन में फीस का भुगतान किया है। इसलिए, सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारतीय छात्रों के पास अब अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। 

 



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