काम की बात: गाढ़ी कमाई को सोच समझकर करें निवेश, जहां सुरक्षा के साथ मिले ज्यादा रिटर्न


सार

भाग-दौड़ की जिंदगी में हर कोई अपना पैसा वहां लगाना चाहता है, जहां उसे सुरक्षा के साथ ज्यादा रिटर्न भी मिल सके। हालांकि, कई बार ज्यादा फायदे के लालच में लोग ऐसी स्कीम में निवेश कर देते हैं, जहां उनके पैसे पर जोखिम ज्यादा रहता है। ऐसे में रिटर्न के साथ सुरक्षित निवेश का पूरा गणित बताती अजीत सिंह की रिपोर्ट-

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हाल के वर्षों में आपने शारधा घोटाला और पीएसीएल जैसी तमाम कंपनियों के नाम सुने होंगे जो रातों-रात आती हैं और दोगुना करने या ज्यादा ब्याज का लालत देकर पैसे वसूलती हैं। कुछ दिन तक कंपनियां निवेशकों को पैसा तो देती हैं, पर जब यह ज्यादा पैसा जुटा लेती हैं तो फिर रातों-रात फरार हो जाती हैं। इनसे बचने के साथ सुरक्षित निवेश के लिए आप फिक्स्ड डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड, किसान विकास पत्र या फिर अन्य सरकारी साधनों में निवेश कर सकते हैं, जहां बेहतर रिटर्न मिलता है। 

कितना रिटर्न ठीक होता है?
निवेश पर रिटर्न को महंगाई के हिसाब से देखना चाहिए। आज महंगाई दर 6% है। इसलिए उन योजनाओं में निवेश करें, जहां से सालाना 10 फीसदी रिटर्न मिल सके।

  • 6 फीसदी का रिटर्न तो आपको महंगाई से पीछा छुड़ाने के लिए चाहिए और फिर कम से कम 4 फीसदी रकम आपके पास बचनी चाहिए।
  • कभी भी ब्याज की दर महंगाई से 4 फीसदी ज्यादा होनी चाहिए। इसके लिए किसी एक योजना के बदले कई साधनों में निवेश करना चाहिए। 
  • 14 फीसदी तक मिला औसत रिटर्न हर साल एसआईपी में निवेश पर पिछले कुछ वर्षों में
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट : पसंदीदा निवेश
यह पुराने जमाने से निवेश का पसंदीदा साधन है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर पैसा की सुरक्षा सबसे ज्यादा होती है। हालांकि, इसमें ब्याज दर सबसे कम है। इससे लोगों में एफडी का आकर्षण कम हो रहा है। इसके बावजूद बैंको का डिपॉजिट इस समय 160 लाख करोड़ रुपये के करीब है। हालांकि, लोगों में एफडी के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए सरकार पांच साल के फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स में छूट दे रही है। 

एसआईपी: म्यूचुअल फंड एसआईपी पिछले कुछ वर्षों से चर्चा में है। इसमें निवेशकों को 12-14 फीसदी तक रिटर्न मिल जाता है। कुछ ने तो 50 फीसदी तक रिटर्न दिया है। म्यूचुअल फंड का एक फायदा यह भी है कि यहां आपको चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है। यानी आपने 10 रुपये का निवेश किया और वह एक साल मे 11 रुपये हो गया तो फिर दूसरे साल 11 रुपये पर रिटर्न मिलता है। आंकड़ों के मुताबिक, लोगों ने एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में सात माह में 10 हजार करोड़ से ज्यादा निवेश किया है। 

एनसीडी: देश की प्रमुख कंपनियां जैसे टाटा, बिड़ला या अन्य कंपनियां नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर्स (एनसीडी) लेकर आती हैं। इस पर तय ब्याज देती हैं, जो अमूमन 8-9 फीसदी होता है। लेकिन इसमें भी यह देखना जरूरी है कि कौन सी कंपनी सही है और किसका ब्याज देने का रिकॉर्ड अच्छा है। उदाहरण के तौर पर हाल में रेलिगेयर और फ्यूचर रिटेल अपने निवेशकों को ब्याज नहीं दे पाईं। इसलिए ऐसे साधनों में निवेश करने से पहले उनकी वित्तीय स्थितियां देखनी जरूरी है।

शेयर बाजार: अगर आपको शेयर बाजार की जानकारी और थोड़ा जोखिम लेना चाहते हैं तो बेहतर मुनाफा कम सकते हैं। हालांकि कई बार आंकलन गलत हो सकता है और इससे आपको घाटा भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपके पास विकल्प है कि इक्विटी म्यूचुअल फंड खरीदें जहां पर आपको ठीक-ठाक रिटर्न मिलेगा। यह कंपनियां आपके पैसों को सीधे शेयर में ही निवेश करती हैं और मामूली कमीशन लेती हैं।

सरकारी प्रतिभूतियां: आप चाहें तो एक औसत दर्जे के और सुरक्षित रिटर्न के लिए किसान विकास पत्र, पोस्ट ऑफिस योजना, पीपीएफ या फिर किसी और साधन में निवेश कर सकते हैं। यहां भी पैसा सुरक्षित रहता है पर कम ब्याज मिलता है। इनके अलावा, कुछ पैसों को रियल एस्टेट और सोने में भी निवेश कर सकते हैं, जहां लंबे समय में ठीक-ठाक फायदा मिलने की उम्मीद रहती है।

लंबी अवधि में मुनाफा: हमेशा उन साधनों में निवेश करना चाहिए, जहां आपका पैसा सुरक्षित रहे और मंहगाई से ज्यादा रिटर्न मिले। ऐसे में आप शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड का रास्ता अपना सकते हैं। ध्यान रखें कि बिना किसी सलाहकार के खुद से निवेश का फैसला न करें। पिछले कुछ वर्षों में शेयर बाजार लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न दिया है। -किशोर ओस्तवाल चेयरमैन, सीएनआई रिसर्च

विस्तार

हाल के वर्षों में आपने शारधा घोटाला और पीएसीएल जैसी तमाम कंपनियों के नाम सुने होंगे जो रातों-रात आती हैं और दोगुना करने या ज्यादा ब्याज का लालत देकर पैसे वसूलती हैं। कुछ दिन तक कंपनियां निवेशकों को पैसा तो देती हैं, पर जब यह ज्यादा पैसा जुटा लेती हैं तो फिर रातों-रात फरार हो जाती हैं। इनसे बचने के साथ सुरक्षित निवेश के लिए आप फिक्स्ड डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड, किसान विकास पत्र या फिर अन्य सरकारी साधनों में निवेश कर सकते हैं, जहां बेहतर रिटर्न मिलता है। 

कितना रिटर्न ठीक होता है?

निवेश पर रिटर्न को महंगाई के हिसाब से देखना चाहिए। आज महंगाई दर 6% है। इसलिए उन योजनाओं में निवेश करें, जहां से सालाना 10 फीसदी रिटर्न मिल सके।

  • 6 फीसदी का रिटर्न तो आपको महंगाई से पीछा छुड़ाने के लिए चाहिए और फिर कम से कम 4 फीसदी रकम आपके पास बचनी चाहिए।
  • कभी भी ब्याज की दर महंगाई से 4 फीसदी ज्यादा होनी चाहिए। इसके लिए किसी एक योजना के बदले कई साधनों में निवेश करना चाहिए। 
  • 14 फीसदी तक मिला औसत रिटर्न हर साल एसआईपी में निवेश पर पिछले कुछ वर्षों में

बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट : पसंदीदा निवेश

यह पुराने जमाने से निवेश का पसंदीदा साधन है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर पैसा की सुरक्षा सबसे ज्यादा होती है। हालांकि, इसमें ब्याज दर सबसे कम है। इससे लोगों में एफडी का आकर्षण कम हो रहा है। इसके बावजूद बैंको का डिपॉजिट इस समय 160 लाख करोड़ रुपये के करीब है। हालांकि, लोगों में एफडी के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए सरकार पांच साल के फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स में छूट दे रही है। 

एसआईपी: म्यूचुअल फंड एसआईपी पिछले कुछ वर्षों से चर्चा में है। इसमें निवेशकों को 12-14 फीसदी तक रिटर्न मिल जाता है। कुछ ने तो 50 फीसदी तक रिटर्न दिया है। म्यूचुअल फंड का एक फायदा यह भी है कि यहां आपको चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है। यानी आपने 10 रुपये का निवेश किया और वह एक साल मे 11 रुपये हो गया तो फिर दूसरे साल 11 रुपये पर रिटर्न मिलता है। आंकड़ों के मुताबिक, लोगों ने एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में सात माह में 10 हजार करोड़ से ज्यादा निवेश किया है। 

एनसीडी: देश की प्रमुख कंपनियां जैसे टाटा, बिड़ला या अन्य कंपनियां नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर्स (एनसीडी) लेकर आती हैं। इस पर तय ब्याज देती हैं, जो अमूमन 8-9 फीसदी होता है। लेकिन इसमें भी यह देखना जरूरी है कि कौन सी कंपनी सही है और किसका ब्याज देने का रिकॉर्ड अच्छा है। उदाहरण के तौर पर हाल में रेलिगेयर और फ्यूचर रिटेल अपने निवेशकों को ब्याज नहीं दे पाईं। इसलिए ऐसे साधनों में निवेश करने से पहले उनकी वित्तीय स्थितियां देखनी जरूरी है।

शेयर बाजार: अगर आपको शेयर बाजार की जानकारी और थोड़ा जोखिम लेना चाहते हैं तो बेहतर मुनाफा कम सकते हैं। हालांकि कई बार आंकलन गलत हो सकता है और इससे आपको घाटा भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपके पास विकल्प है कि इक्विटी म्यूचुअल फंड खरीदें जहां पर आपको ठीक-ठाक रिटर्न मिलेगा। यह कंपनियां आपके पैसों को सीधे शेयर में ही निवेश करती हैं और मामूली कमीशन लेती हैं।

सरकारी प्रतिभूतियां: आप चाहें तो एक औसत दर्जे के और सुरक्षित रिटर्न के लिए किसान विकास पत्र, पोस्ट ऑफिस योजना, पीपीएफ या फिर किसी और साधन में निवेश कर सकते हैं। यहां भी पैसा सुरक्षित रहता है पर कम ब्याज मिलता है। इनके अलावा, कुछ पैसों को रियल एस्टेट और सोने में भी निवेश कर सकते हैं, जहां लंबे समय में ठीक-ठाक फायदा मिलने की उम्मीद रहती है।

लंबी अवधि में मुनाफा: हमेशा उन साधनों में निवेश करना चाहिए, जहां आपका पैसा सुरक्षित रहे और मंहगाई से ज्यादा रिटर्न मिले। ऐसे में आप शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड का रास्ता अपना सकते हैं। ध्यान रखें कि बिना किसी सलाहकार के खुद से निवेश का फैसला न करें। पिछले कुछ वर्षों में शेयर बाजार लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न दिया है। -किशोर ओस्तवाल चेयरमैन, सीएनआई रिसर्च



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