Twitter Vs Government: सरकार के खिलाफ ट्विटर ने कर्नाटक हाईकोर्ट में दी याचिका, केंद्र ने कहा- जवाबदेह बनाकर मानेंगे


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सरकार के साथ टकराव बढ़ाते हुए सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने भारतीय कानूनों को मानने के लिए केंद्र की सख्ती के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

ट्विटर ने कर्नाटक हाईकोर्ट में सरकारी आदेशों को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है, कुछ आदेश अफसरों की ओर से सत्ता के दुरुपयोग का मामला है। वहीं, केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ किया कि सोशल मीडिया को जवाबदेह बनना ही होगा। इसके लिए इकोसिस्टम बनाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी कंपनी ने कहा कि कुछ आदेश भारत के आईटी कानून के प्रक्रियागत जरूरतों को पूरा नहीं करते। ऐसे में आदेशों की न्यायिक समीक्षा जरूरी है। भारत में करीब 2.4 करोड़ उपयोगकर्ताओं वाली ट्विटर ने याचिका में कहा है, कुछ मामलों में सरकार ने सामग्री के लेखकों को नोटिस दिए बिना उन्हें हटाने का आदेश दिया है। कुछ सामग्री राजनीतिक दलों के अधिकृत खातों से पोस्ट हैं। यदि इन्हें हटाया गया, तो यह अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन होगा।

खालिस्तान समर्थक, कोविड की भ्रामक पोस्ट पर कार्रवाई

केंद्र सरकार ने एक साल में ट्विटर को खालिस्तान समर्थक, किसान आंदोलन और कोविड-19 के दौरान सरकार की आलोचना या गलत जानकारी फैलाने वाले ट्विटर खातों पर कार्रवाई के लिए लिखा था।
 

नहीं माने आदेश

भारत सरकार ने सार्वजनिक रूप से बयान दिया था कि ट्विटर समेत सोशल मीडिया कंपनियां कानूनी बाध्यता के बावजूद सामग्री हटाने के अनुरोध का पालन नहीं कर रही हैं।
 

चार जुलाई तक का दिया था वक्त

जून के अंत में आईटी मंत्रालय ने चेतावनी दी थी कि 4 जुलाई तक आदेशों का पालन नहीं हुआ, तो ट्विटर का इंटरमीडियरी दर्जा खत्म कर दिया जाएगा। तब ट्विटर ने आदेशों का पालन किया। इससे हर ट्वीट के लिए कंपनी जिम्मेदार ठहराई जा सकेगी।

पक्षपात के आरोप
भारत में ट्विटर पर पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं। आरोप है कि कई राजनेताओं समेत प्रभावशाली व्यक्तियों के खातों को नीतियों के उल्लंघन के नाम पर ब्लॉक कर दिया है।

नुकसानदेह सामग्री हटे,  जवाबदेही के लिए आत्म नियंत्रण पहला कदम
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि सोशल मीडिया बेहद ताकतवर माध्यम है, जिसका हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए इसे कैसे जवाबदेह बनाया जाए यह बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा, भारत सहित पूरी दुनिया में इसके लिए इकोसिस्टम बनाया जा रहा है। वैष्णव ने कहा, सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने की दिशा में आत्मनियंत्रण पहला कदम है। इसके बाद उद्योगों का नियमन और अंत में सरकारी नियमों की बारी आती है। जो भी सामग्री समाज पर नुकसानदेह प्रभाव डालती है उसे हटाया जाना चाहिए।

विस्तार

सरकार के साथ टकराव बढ़ाते हुए सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने भारतीय कानूनों को मानने के लिए केंद्र की सख्ती के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

ट्विटर ने कर्नाटक हाईकोर्ट में सरकारी आदेशों को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है, कुछ आदेश अफसरों की ओर से सत्ता के दुरुपयोग का मामला है। वहीं, केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ किया कि सोशल मीडिया को जवाबदेह बनना ही होगा। इसके लिए इकोसिस्टम बनाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी कंपनी ने कहा कि कुछ आदेश भारत के आईटी कानून के प्रक्रियागत जरूरतों को पूरा नहीं करते। ऐसे में आदेशों की न्यायिक समीक्षा जरूरी है। भारत में करीब 2.4 करोड़ उपयोगकर्ताओं वाली ट्विटर ने याचिका में कहा है, कुछ मामलों में सरकार ने सामग्री के लेखकों को नोटिस दिए बिना उन्हें हटाने का आदेश दिया है। कुछ सामग्री राजनीतिक दलों के अधिकृत खातों से पोस्ट हैं। यदि इन्हें हटाया गया, तो यह अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन होगा।

खालिस्तान समर्थक, कोविड की भ्रामक पोस्ट पर कार्रवाई

केंद्र सरकार ने एक साल में ट्विटर को खालिस्तान समर्थक, किसान आंदोलन और कोविड-19 के दौरान सरकार की आलोचना या गलत जानकारी फैलाने वाले ट्विटर खातों पर कार्रवाई के लिए लिखा था।

 

नहीं माने आदेश

भारत सरकार ने सार्वजनिक रूप से बयान दिया था कि ट्विटर समेत सोशल मीडिया कंपनियां कानूनी बाध्यता के बावजूद सामग्री हटाने के अनुरोध का पालन नहीं कर रही हैं।

 

चार जुलाई तक का दिया था वक्त

जून के अंत में आईटी मंत्रालय ने चेतावनी दी थी कि 4 जुलाई तक आदेशों का पालन नहीं हुआ, तो ट्विटर का इंटरमीडियरी दर्जा खत्म कर दिया जाएगा। तब ट्विटर ने आदेशों का पालन किया। इससे हर ट्वीट के लिए कंपनी जिम्मेदार ठहराई जा सकेगी।


पक्षपात के आरोप

भारत में ट्विटर पर पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं। आरोप है कि कई राजनेताओं समेत प्रभावशाली व्यक्तियों के खातों को नीतियों के उल्लंघन के नाम पर ब्लॉक कर दिया है।

नुकसानदेह सामग्री हटे,  जवाबदेही के लिए आत्म नियंत्रण पहला कदम

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि सोशल मीडिया बेहद ताकतवर माध्यम है, जिसका हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए इसे कैसे जवाबदेह बनाया जाए यह बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा, भारत सहित पूरी दुनिया में इसके लिए इकोसिस्टम बनाया जा रहा है। वैष्णव ने कहा, सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने की दिशा में आत्मनियंत्रण पहला कदम है। इसके बाद उद्योगों का नियमन और अंत में सरकारी नियमों की बारी आती है। जो भी सामग्री समाज पर नुकसानदेह प्रभाव डालती है उसे हटाया जाना चाहिए।



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