यशवंत सिन्हा बोले- नीतीश कुमार ने नहीं उठाया मेरा फोन, मैं बिहार में जन्मा इसलिए समर्थन का हकदार


हाइलाइट्स

सिन्हा बोले- यह बिहार के लिए अच्छा होगा यदि 60 साल बाद इस मिट्टी का बेटा राष्ट्रपति बने
मैंने पटना विश्वविद्यालय में पढ़ाया, बिहार काडर से आईएएस के रूप में सेवा दी- यशवंत सिन्हा
यह लड़ाई सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि संवैधौनिक मूल्यों की रक्षा की भी लड़ाई है- यशवंत सिन्हा

पटना: विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने समर्थन मांगने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई बार फोन किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की. यशवंत सिन्हा 15 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव में अपने लिए विभिन्न दलों से समर्थन मांगने पटना पहुंचे थे. इस दौरान संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन के लिए देश भर के नेताओं से बात कर रहा हूं. मैंने बिहार के मुख्यमंत्री को बार-बार कॉल की, संदेश भेजे, लेकिन ऐसा लगता है कि मेरा स्टेटस इतना छोटा है कि नीतीश कुमार मेरे साथ बात करना अनुचित मानते हैं. मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई है.’

यशवंत सिन्हा ने कहा कि वह बिहार के हैं, इसलिए राज्य से समर्थन के हकदार हैं. बिहार को तो उनकी मदद करनी ही चाहिए. उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर मैंने उनसे बात की होती तो मैंने उनसे वही कहा होता जो मैंने आज सभी से कहा, कि मेरा मानना ​​है कि नीतीश जी को बिहार के बारे में सोचना चाहिए. अगर कोई उम्मीदवार बिहार से है, तो वह समर्थन क्यों नहीं करेंगे? जिस दिन द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा की गई थी, उसी दिन ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्पष्ट कर दिया था कि वह उनका ही समर्थन करेंगे. क्योंकि वह ओडिशा की बेटी हैं.’

यशवंत सिन्हा बोले- पटना में मेरा जन्म हुआ है, मैंने अपनी शिक्षा यहीं प्राप्त की

उन्होंने कहा कि इसके पहले भी प्रतिभा पाटिल के उम्मीदवार बनने पर शिवसेना ने उनके समर्थन की घोषणा कर दी थी. सिन्हा ने कहा, ‘यह बिहार के लिए अच्छा होगा यदि 60 साल के अंतराल के बाद मिट्टी का एक और बेटा शीर्ष पद पर आसीन हो, जो कभी डॉ. राजेंद्र प्रसाद के पास था. विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार ने यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘यह वह शहर है, जहां मेरा जन्म हुआ, मैंने अपनी शिक्षा प्राप्त की, पटना विश्वविद्यालय में पढ़ाया और बिहार काडर के आईएएस अधिकारी के रूप में मैंने सेवा दी.’ इस मौके पर यशवंत सिन्हा के साथ बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, बॉलीवुड अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के करीबी सुधींद्र कुलकर्णी भी मौजूद थे.

यशवंत सिन्हा ने तेजस्वी यादव की तारीफ करते हुए कहा, ‘उन्होंने विपक्षी दलों को साथ लाने का बेहतर काम किया है. देश की तरह राज्य भी गलत​ हाथों में पड़ गया है. मुझे उम्मीद है आप लोग उन पर भरोसा जताएंगे.’ नौकरशाह से नेता बने पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा आरोप लगाते रहे हैं कि द्रौपदी मुर्मू अगर राष्ट्रपति बनती हैं तो वह एक ‘रबर स्टैंप’ होंगी. उन्होंने लोगों से कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में राजग की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने की तस्वीर को याद करें. उन्होंने कहा, ‘लोग प्रतिभा पाटिल के बारे में बात करते हैं कि वह एक रबर स्टैंप थीं, लेकिन जब वह मैदान में उतरीं, तो उन्होंने अपने कागजात स्वयं सौंपे थे. मुर्मू के मामले में यह वर्तमान प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने कागजात सौंपे. यह आने वाली चीजों के बारे में स्पष्ट संकेत हैं.’

यह सिर्फ राजनीतिक नहीं, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की लड़ाई है: यशवंत सिन्हा

संवाददाता सम्मेलन से इतर बोलते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने आशा व्यक्त की कि यशवंत सिन्हा को राज्य से पूरे दिल से समर्थन मिलेगा. आसनसोल के सांसद ने कहा, ‘यह एक ऐसा चुनाव है, जिसमें कोई व्हिप जारी नहीं किया जाता है. यह अपने विवेक पर ध्यान देने और राष्ट्रहित में कार्य करने का एक ऐतिहासिक अवसर है. वोट डाले जाने तक खेल खत्म नहीं हुआ है. यशवंत सिन्हा ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि संवैधौनिक मूल्यों की रक्षा की भी लड़ाई है. आपको बता दें कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू पिछले दिनों राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान कर चुकी है. तेजस्वी यादव की आरजेडी, कांग्रेस, वाम दल समेत अन्य विपक्षी दल यशवंत सिन्हा के समर्थन में हैं.

Tags: Chief Minister Nitish Kumar, Presidential election 2022, Yashwant sinha



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