न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Thu, 07 Apr 2022 09:12 PM IST
सार
जेलेंस्की ने कहा, ‘मैं आपको और आपके देश की जनता को बताना चाहता हूं कि मैं बूचा नरसंहार को लेकर रूस के विदेश मंत्री लावरोव के आरोपों का जवाब के लिए तैयार नहीं हूं। उनका कहना है कि बूचा नरसंहार फर्जी है, जबकि ऐसा नहीं है। इस मामले में रूसी फेडरेशन राजनीति कर रहा है और उनका कहना है कि यूक्रेन झूठ फैला रहा है। वह कोई भी बात सुनने और समझने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन आपको यह बात समझनी चाहिए कि आप लोगों की जान नहीं ले सकते हैं।’
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विस्तार
बूचा नरसंहार पर ऐसे रखा अपना पक्ष
बूचा नरसंहार के आरोपों को रूस लगातार नकार रहा है। इस मामले में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बयान भी जारी किया था और वीडियो फर्जी बताए थे। जेलेंस्की ने कहा, ‘मैं आपको और आपके देश की जनता को बताना चाहता हूं कि मैं बूचा नरसंहार को लेकर रूस के विदेश मंत्री लावरोव के आरोपों का जवाब के लिए तैयार नहीं हूं। उनका कहना है कि बूचा नरसंहार फर्जी है, जबकि ऐसा नहीं है। इस मामले में रूसी फेडरेशन राजनीति कर रहा है और उनका कहना है कि यूक्रेन झूठ फैला रहा है। वह कोई भी बात सुनने और समझने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन आपको यह बात समझनी चाहिए कि आप लोगों की जान नहीं ले सकते हैं।’
जेलेंस्की ने किया यूक्रेन के हालात का जिक्र
इस इंटरव्यू से पहले तक यूक्रेन में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और लाखों लोग देश छोड़कर जा चुके हैं। यहां हालात बेहद खराब हो चुके हैं। लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है। महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। रूस सूचनाओं का इस्तेमाल अपने हिसाब से कर रहा है। इसके अलावा बूचा के हालात को लेकर भी लगातार झूठ फैला रहा है।
बूचा के बाद क्या पुतिन से करेंगे बातचीत?
जेलेंस्की से पूछा गया कि आपने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत करने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन बूचा नरसंहार सामने आने के बाद भी क्या आप बात करने के इच्छुक हैं? इस सवाल के जवाब पर जेलेंस्की ने कहा, ‘मुझे लगता है कि तबाही रोकने के लिए रूस और पुतिन से बातचीत की जा सकती है। हमारे इलाके में युद्ध हो रहा है, जिसका नुकसान हमें उठाना पड़ रहा है। हमारे लोग परेशान हो रहे हैं और हमें आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। यूक्रेन का राष्ट्रपति होने के नाते मैं अपने देश और लोगों का नुकसान नहीं होने देना चाहता हूं। 24 फरवरी को रूस के हमले के बाद से ही मैं लगातार बातचीत करके मामले को सुलझाने का प्रयास कर रहा था। मैं युद्ध रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाना चाहता हूं। मैं अस्थायी रूप से कब्जे वाले क्रीमिया और डोनाबास में बात करने के लिए तैयार हूं। मैं रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ किसी भी विषय पर बातचीत के लिए तैयार हूं। इस युद्ध को समाप्त करने के अलावा हमारी कोई इच्छा नहीं है।’
संयुक्त राष्ट्र को लेकर क्या बोले जेलेंस्की?
जेलेंस्की ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र बहुत कुछ कर सकता है। अब रूस को अलग-थलग करना ही एकमात्र रास्ता है। अगर दुनिया इस युद्ध को खत्म करना चाहती है तो हमें भारी मात्रा में हथियार दिए जाने चाहिए। हम रूस के किसी भी हिस्से पर कब्जा नहीं करना चाहते हैं। हम बस अपनी जमीन बचाना चाहते हैं। हमने सिर्फ अपनी रक्षा के लिए हथियारों का इस्तेमाल किया है। अगर रूस को रोकना है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। आज की तारीख में प्रतिबंध किसी भी हथियार से कम नहीं हैं।
भारत के रुख पर भी रखा पक्ष
जेलेंस्की ने कहा, ‘भारत के संबंध रूस से नहीं, सोवियत संघ से है। मैं समझता हूं कि यूक्रेन और रूस के साथ संबंधों के बीच संतुलन बनाए रखना मुश्किल है। हम मानवीय सहायता के लिए भारत को धन्यवाद देते हैं, लेकिन पीएम (मोदी) यूक्रेन के सुरक्षा गारंटर बनने के बारे में भी विचार करें।