फर्म की ओर से जारी एक स्टेटमेंट में कहा गया है कि मैक्रो इकोनॉमिक स्थिति के कारण यह कदम उठाना जरूरी था। 2TM ने बताया कि इंटरेस्ट रेट बढ़ने, इन्फ्लेशन अधिक होने और वैश्विक वित्तीय स्थिति की वजह से उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ब्राजील के एक समाचार पत्र ने 2TM में छंटनी के बारे में रिपोर्ट दी थी। फर्म ने पिछले वर्ष नवंबर में ट्राइब कैपिटल सहित कुछ इनवेस्टर्स से लगभग 5 करोड़ डॉलर का फंड हासिल किया था। इस वर्ष की शुरुआत में Coinbase के साथ फर्म की संभावित डील के बारे में जानकारी मिली थी। इससे Coinbase को इस फर्म में कंट्रोलिंग स्टेक मिल सकता था। हालांकि, पिछले महीने की शुरुआत में डील को लेकर बातचीत समाप्त हो गई।
Coinbase के लिए भी वित्तीय मुश्किलें बढ़ी हैं। Coinbase ने हाल ही में कहा था कि फर्म हायरिंग पर रोक को बढ़ाएगी। Coinbase की प्रेसिडेंट और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर Emilie Choi ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया था, “इस वर्ष की शुरुआत में हमने फर्म का साइज तिगुना करने की योजना बनाई थी। मार्केट की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, हमारा मानना है कि हायरिंग को कम करना समझदारी होगी।” Coinbase के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा क्रिप्टो ट्रेडिंग से आता है। एक्सचेंज की इस वर्ष की पहली तिमाही में ट्रेडिंग वॉल्यूम 309 अरब डॉलर की थी। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में लगभग 547 अरब डॉलर की ट्रेडिंग वॉल्यूम से काफी कम है। क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़ी कुछ अन्य फर्मों ने भी हायरिंग पर रोक लगाने या वर्कफोर्स में कमी करने की घोषणा की है। इनमें बहरीन की Rain Financial भी शामिल है।
जापान के Softbank से इनवेस्टमेंट हासिल करने वाली 2TM ऐसी दूसरी फर्म है जिसने लैटिन अमेरिका में अपनी वर्कफोर्सम को घटाया है। पिछले महीने सॉफ्टबैंक के इनवेस्टमेंट वाले मेक्सिको के क्रिप्टो एक्सचेंज Bitso ने अपने 700 से अधिक एंप्लॉयीज में से लगभग 80 की छंटनी की थी। क्रिप्टो मार्केट में हाल के महीनों में बिकवाली से Bitcoin और Ether जैसी क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज हाई लेवल से काफी नीचे आ गए हैं।
भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें
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