मां की गोली मारकर हत्या करने वाले नाबालिग से बुधवार को पीजीआई थाने में पिता का आमना-सामना हुआ। इस दौरान पिता के मुंह से सिर्फ यही निकला, बेटे तूने ये क्या किया…। फिर उनकी आंखें भर आईं, वहीं बेटा उन्हें एकटक देखता रहा। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। कुछ देर बाद पिता से बोला, ‘तुम भी तो ध्यान नहीं देते थे।’ बेटे को मां की हत्या का कोई गम नहीं था। वहीं, पुलिस ने दादी की तहरीर पर नाबालिग पर हत्या का केस दर्ज उसे बाल संरक्षण गृह मोहान रोड भेजवाया।
मूल रूप से बनारस निवासी नवीन सिंह सेना में जेसीओ हैं। उनकी आसनसोल में पोस्टिंग है। पीजीआई क्षेत्र के पंचमखेड़ा स्थित यमुनापुरम कॉलोनी में उनकी पत्नी साधना, 17 साल का बेटा और नौ साल की बेटी रहती थी। शनिवार रात करीब तीन बजे बेटे ने पिता की लाइसेंसी पिस्तौल से मां की गोली मारकर हत्या कर दी। इसका खुलासा मंगलवार रात करीब 9.30 बजे हुआ।
थाने में नाबालिग ने जुर्म कुबूलते हुए बताया कि मां उसे पबजी खेलने से मना करती और पढ़ने के लिए कहती थी। हत्या के तीन दिन तक वह मां का शव घर में छिपाए रहा और उसे केमिकल से गलाने का भी प्रयास किया। नाबालिग ने छोटी बहन को भी धमकी दी थी कि उसने पुलिस या किसी को बताया तो उसे भी गोली मार देगा।
नाबालिग से पूरा परिवार परेशान था। कई बार उसे ननिहाल भेजा गया, लेकिन वहां भी उसकी हरकतों के चलते कुछ समय बाद लौटा दिया गया। कई स्कूलों से भी उसका नाम काटा गया। किसी तरह साउथ सिटी के स्कूल में 10वीं में उसका प्रवेश कराया गया। नाबालिग एक साल पहले घर से भाग गया था और जब पैसे खत्म हो गए तो लौट आया था।
आस-पास रहने वालों का भी कहना है कि नाबालिग दिनभर मोबाइल पर पबजी व क्रिकेट खेलता था। इसे लेकर मां अक्सर उसे डांटती थी। कई बार उसे रोड पर पीटा भी था। पड़ोसियों का कहना है कि सरल स्वभाव की साधना मिलनसार थी और अकसर लोगों की मदद करती थीं।
पिता से बोला- तुम भी तो नहीं देते थे ध्यान
पत्नी साधना की मौत की जानकारी पाकर बुधवार को नवीन सिंह लखनऊ स्थित आवास पहुंचे। तब जाकर पुलिस उनके बेटे को थाने ले जा चुकी थी। थाने पहुंचे नवीन ने बेटे से पूछा, तुमने ऐसा क्यों किया तो उसका जवाब था कि तुम भी तो मुझ पर ध्यान नहीं देते थे और मां आए दिन भूखा रखती थी। इसके अलावा मारती थी और चोरी का इल्जाम भी लगाया था, जबकि वो पैसे अलमारी में ही रखे मिल गए थे, लेकिन मां ने मेरी एक न सुनी और हाथ जला दिया था।