नई दिल्ली. क्या आपने एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट यानी एआईएस (AIS) लॉन्च होने से पहले इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल किया था? संभावना है कि यदि आपने वित्तीय वर्ष के दौरान प्राप्त कुछ एसेंशियल इनकम (Essential Income) को नजरअंदाज कर दिया था, तो आपके टैक्स रिटर्न पर नोटिस मिल सकता है.
अब तक किसी को रिटर्न दाखिल करने से पहले एनुअल टैक्स स्टेटमेंट या फॉर्म 26AS का उल्लेख करना पड़ता था. एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट को 1 नवंबर, 2021 को लॉन्च किया गया था. यह स्टेटमेंट 26AS की तुलना में ज्यादा जानकारी प्रदान करता है. केवल हाई वैल्यू के ट्रांजैक्शन और टीडीएस का उल्लेख फॉर्म 26AS में किया जाता है जबकि एआईएस में सेविंग बैंक इंटरेस्ट, डिविडेंड, कैपिटल गेन और शेयर ट्रांजैक्शन के सभी विवरण शामिल होते हैं.
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फॉर्म 26AS (एनएसडीएल) और प्री-फील्ड इनकम टैक्स फॉर्म (इनकम टैक्स डिपार्टमेंट) के बीच डेटा बेमेल होने के कारण कई टैक्सपेयर्स को इस साल कम रिफंड मिला.
38 वर्षीय कीर्ति मिसाल एक पुराने अकाउंट से सेविंग बैंक अकाउंट के ब्याज का उल्लेख करना भूल गई थी जिसका वह शायद ही उपयोग करती है. उन्होंने कहा, “मेरे पास उस अकाउंट के लिए पासबुक या ऑनलाइन एक्सेस नहीं थी. रिटर्न दाखिल करने की हड़बड़ी में, मैंने सेविंग इंटरेस्ट का उल्लेख नहीं किया.”
चूंकि कीर्ति ने अक्टूबर 2021 में अपना रिटर्न दाखिल किया था, इसलिए उसकी एआईएस तक एक्सेस नहीं थी और उसने नोटिस का जवाब देने के लिए एक चार्टर्ड एकाउंटेंट को नियुक्त किया है.
चार्टर्ड क्लब के फाउंडर करण बत्रा कहते हैं, ”हाल ही में लॉन्च किया गया एआईएस एक व्यापक डॉक्यूमेंट है और इसमें सेविंग बैंक इंटरेस्ट, डिविडेंड जैसी जानकारी होती है. मौजूदा फॉर्म 26AS में केवल एफडी ब्याज होता था और इसमें डिविडेंड का विवरण नहीं होता था. इसलिए जिनके पास पहले एआईएस की जानकारी उपलब्ध नहीं थी और केवल फॉर्म 26AS के आधार पर रिटर्न दाखिल किया, उन्हें नोटिस मिल रहे हैं.”
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वास्तविक टैक्सेबल अमाउंट और रिपोर्ट की गई ट्रांजैक्शन अमाउंट में अंतर से कई नोटिस मिले हैं. अहमदाबाद स्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट राजू शाह कहते हैं, “कई एडजस्टमेंट से जुड़े नोटिस हैं जो हमें अपने ग्राहकों के लिए प्राप्त हुए हैं. इसलिए कैपिटेल गेन के संबंध में एआईएस में एक्चुअल कॉस्ट पर विचार किया गया है. लेकिन कैपिटेल गेन के तहत एक इन्डेक्स्ड कॉस्ट पर विचार किया जाना है. नेट और ग्रॉस टैक्सेबल इनकम में अंतर के कारण सेक्शन 143(1) के तहत इनकम टैक्स नोटिस मिला है.”
अगर आपको ईमेल या पोस्ट के माध्यम से ऐसा कोई नोटिस प्राप्त हुआ है तो नोटिस का जवाब देने के लिए टाइमलाइन की जांच करें और देरी से बचें. आकलन करें कि क्या गलती वास्तविक है या एक अलग गणना पर विचार किया गया है.
यदि टैक्स की मांग वैध है, तो आगे बढ़ें और नियत प्रक्रिया का पालन करें. यदि आपको सुधार के लिए फाइल करने या किसी बेमेल की रिपोर्ट करने की आवश्यकता है, तो नए इनकम टैक्स पोर्टल में लॉग इन करने के बाद ऑनलाइन विकल्प उपलब्ध है.
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