बहुत ही कम लोग होंगे जिन्हें ये पता होगा कि सिम कार्ड आखिर क्यों कटा हुआ होता है। लेकिन आज भी कई लोग ऐसे हैं जिन्हें इस बात की जानकारी नहीं होगी। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर सिम कार्ड का एक कोना कटा हुआ क्यों होता है। तो चलिए जानते हैं।
कैसे थे पहले के सिम कार्ड्स: पहले सिम कार्ड क्रेडिट और बैंक कार्ड के आकार के थे। इस आकार वाले सिम कार्ड्स ने वर्षों तक काम किया। इन कार्ड्स को आमतौर पर विद्युत संपर्कों को एक जैसा रखा गया था जिससे एक बड़े कार्ड को छोटे साइज में काटा जा सके। सिम कार्ड को डिवाइस से अलग कर इन्हें किसी भी डिवाइस में लगाया जा सकता था।
ये है कारण: जब मोबाइल फोन के लिए सिम कार्ड बनाया गया था तब फोन का डिजाइन काफी नॉर्मल था। पहले के फोन्स में सिम स्लॉट बिना कट के साथ आता था। ऐसे में लोगों को कई बार सिम कार्ड लगाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ऐसा कहा जाता है कि काफी पहले जो सिम आती थी वो कार्ड की शेप में होती थीं। हालांकि, यह काफी पहले की बात है। सिर्फ यही नहीं, लोगों को यह समझने में भी परेशानी आती थी कि वो सिम सीधा लगा रहे हैं या फिर उल्टा। इससे सिम खराब होने का पूरा खतरा रहता था। इस परेशानी को देखते हुए टेलीकॉम कंपनियों ने सिम कार्ड का डिजाइन ही बदल दिया।
बस इसी के चलते सिम कार्ड के कोने को काट दिया गया था। फिर सिम कार्ड स्लॉट को भी इसी के हिसाब से बदल दिया गया। ऐसा करने से लोगों को सिम कार्ड लगाने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आई। बस यही छोटी-सी वजह रही कि कंपनियों ने सिम का कोना काट दिया और फिर इसी को चलन भी बना लिया। स्मार्टफोन में सिम कार्ड ट्रे के डिजाइन में भी एक तरफ कट का निशान लगा दिया गया था। ट्रे और सिम कार्ड के इस कट के निशान के बाद से ही लोगों को फिर कभी दिक्कत नहीं आई।