अमर उजाला लघु फिल्म प्रतियोगिता सम्मान समारोह: उप-मुख्यमंत्री पाठक बोले- हिंदी भाषा भारत की बिंदी, पूरी दुनिया में चमक रही


अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: सुशील कुमार
Updated Sun, 03 Apr 2022 05:55 PM IST

सार

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि अमर उजाला फाउंडेशन लगातार सामाजिक क्रियाकलापों में सक्रिय रहता है। मैंने खुद इन कार्यक्रमों में भागीदारी की है। अमर उजाला ने हमारी संस्कृति खासतौर से हिंदी भाषा के क्षेत्र में अच्छा काम किया है।

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उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक रविवार को अमर उजाला लघु फिल्म प्रतियोगिता सम्मान समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने हिंदी को लेकर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा भारत की बिंदी है। माथे की बिंदी पूरी दुनिया में चमक रही है। 

उन्होंने कहा कि हिंदी सिर्फ भारत में ही नहीं बोली जाती है। कई ऐसे देश हैं जहां फर्राटे से हिंदी बोली जाती है। साथ ही हिंदी की उपभाषा भी कई देशों में बोली जाती है। उन्होंने समस्त भारत के लोगों से कहा कि हम सभी को हिंदी बोलनी चाहिए। हिंदी बोलने से हमारे देश का सम्मान बढ़ेगा। इससे भारत और मजबूत होगा। 

उदायीमान साहित्यकारों को मौका मिलेगा
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि अमर उजाला फाउंडेशन लगातार सामाजिक क्रियाकलापों में सक्रिय रहता है। मैंने खुद इन कार्यक्रमों में भागीदारी की है। अमर उजाला ने हमारी संस्कृति खासतौर से हिंदी भाषा के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। लघु फिल्म प्रतियोगिता से उदायीमान साहित्यकारों को मौका मिलेगा। अमर उजाला ने ऐसा मंच प्रदान किया है, जिससे सभी लोगों को आगे बढ़ने का और देखने का मौका मिलेगा।

हिंदी का नाम आते ही हमें मां की याद आती है
उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मंच व सभागार में सभी अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि फिल्म निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने समाज को सिखाया है कि हमें अपने मूल्यों की रक्षा के लिए सब कुछ त्याग कर देना चाहिए। कहा कि हिंदी का नाम आते ही हमें मां की याद आती है। दो सौ साल की गुलामी के बाद भी हमने अपनी परंपराओं को नहीं भूला। हमारी संस्कृति को ध्वस्त करने के बहुत प्रयास किए गए। इतिहास के पन्नों में सब कुछ दर्ज है। लेकिन हाल के वर्षों में भारत ने वो मुकाम बनाया है, जिसकी चर्चा विश्व में होती है। 

हमारी संस्कृति सर्वोपरि
हिंदी के लिए अभियान चलाने पड़ रहे हैं। पूरे देश मे इस प्रकार की परंपरा बनानी होगी कि हिंदी फले-फूले। हिंदी का शब्दकोश अनंत है। हिंदी प्रतिदिन कई शब्दों को खुद में शामिल करती है। वहीं, अंग्रेजी में कई उच्चारणों का कोई लिखित तर्क नहीं है। हमारे अंदर इस बात का गर्व होना चाहिए कि हम जो कह रहे हैं, वही सही है। वेद आज भी हमारी संस्कृति को दर्शाते हैं। हमारा सभी से आग्रह है कि अमर उजाला की इस मुहिम से जुड़कर हम सबको अपनी भाषा का और प्रचार-प्रसार करना चाहिए। विज्ञान कितना भी आगे बढ़ जाए लेकिन हमारी संस्कृति सर्वोपरि है।

विस्तार

उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक रविवार को अमर उजाला लघु फिल्म प्रतियोगिता सम्मान समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने हिंदी को लेकर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा भारत की बिंदी है। माथे की बिंदी पूरी दुनिया में चमक रही है। 

उन्होंने कहा कि हिंदी सिर्फ भारत में ही नहीं बोली जाती है। कई ऐसे देश हैं जहां फर्राटे से हिंदी बोली जाती है। साथ ही हिंदी की उपभाषा भी कई देशों में बोली जाती है। उन्होंने समस्त भारत के लोगों से कहा कि हम सभी को हिंदी बोलनी चाहिए। हिंदी बोलने से हमारे देश का सम्मान बढ़ेगा। इससे भारत और मजबूत होगा। 

उदायीमान साहित्यकारों को मौका मिलेगा

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि अमर उजाला फाउंडेशन लगातार सामाजिक क्रियाकलापों में सक्रिय रहता है। मैंने खुद इन कार्यक्रमों में भागीदारी की है। अमर उजाला ने हमारी संस्कृति खासतौर से हिंदी भाषा के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। लघु फिल्म प्रतियोगिता से उदायीमान साहित्यकारों को मौका मिलेगा। अमर उजाला ने ऐसा मंच प्रदान किया है, जिससे सभी लोगों को आगे बढ़ने का और देखने का मौका मिलेगा।

हिंदी का नाम आते ही हमें मां की याद आती है

उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मंच व सभागार में सभी अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि फिल्म निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने समाज को सिखाया है कि हमें अपने मूल्यों की रक्षा के लिए सब कुछ त्याग कर देना चाहिए। कहा कि हिंदी का नाम आते ही हमें मां की याद आती है। दो सौ साल की गुलामी के बाद भी हमने अपनी परंपराओं को नहीं भूला। हमारी संस्कृति को ध्वस्त करने के बहुत प्रयास किए गए। इतिहास के पन्नों में सब कुछ दर्ज है। लेकिन हाल के वर्षों में भारत ने वो मुकाम बनाया है, जिसकी चर्चा विश्व में होती है। 

हमारी संस्कृति सर्वोपरि

हिंदी के लिए अभियान चलाने पड़ रहे हैं। पूरे देश मे इस प्रकार की परंपरा बनानी होगी कि हिंदी फले-फूले। हिंदी का शब्दकोश अनंत है। हिंदी प्रतिदिन कई शब्दों को खुद में शामिल करती है। वहीं, अंग्रेजी में कई उच्चारणों का कोई लिखित तर्क नहीं है। हमारे अंदर इस बात का गर्व होना चाहिए कि हम जो कह रहे हैं, वही सही है। वेद आज भी हमारी संस्कृति को दर्शाते हैं। हमारा सभी से आग्रह है कि अमर उजाला की इस मुहिम से जुड़कर हम सबको अपनी भाषा का और प्रचार-प्रसार करना चाहिए। विज्ञान कितना भी आगे बढ़ जाए लेकिन हमारी संस्कृति सर्वोपरि है।



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