प्रतिभा: वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अमित का नाम दर्ज, छह अलग-अलग विषयों से किया है नेट क्वालीफाई


माई सिटी रिपोर्टर, कानपुर
Published by: Vikas Kumar
Updated Wed, 16 Feb 2022 12:31 AM IST

सार

लालबंगला निवासी अमित ने 2010 जून में कॉमर्स, दिसंबर 2010 में अर्थशास्त्र, 2012 में मैनेजमेंट, 2015 में एजुकेशन, 2019 में पॉलिटिकल साइंस और दिसंबर 2020 में समाजशास्त्र विषय से नेट की परीक्षा पास की थी। सभी विषयों में उन्होंने पहले प्रयास में ही सफलता अर्जित की है।

ख़बर सुनें

छह अलग-अलग विषयों से नेट क्वालीफाई करने वाले कानपुर के अमित निरंजन का नाम वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है। इस उपलब्धि के लिए 2021 में उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो चुका है। अमित का दावा है कि दोनों रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराने वाले वह इकलौते भारतीय हैं।

लालबंगला निवासी अमित ने 2010 जून में कॉमर्स, दिसंबर 2010 में अर्थशास्त्र, 2012 में मैनेजमेंट, 2015 में एजुकेशन, 2019 में पॉलिटिकल साइंस और दिसंबर 2020 में समाजशास्त्र विषय से नेट की परीक्षा पास की थी। सभी विषयों में उन्होंने पहले प्रयास में ही सफलता अर्जित की है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाले लोगों को इन रिकॉर्ड्स में शामिल किया जाता है। 2015 में उन्होंने आईआईटी कानपुर से इकोनॉमिक्स में पीएचडी पूरी की है। जीडी गोयनका स्कूल में कॉमर्स विभाग के हेड अमित निरंजन की नेट क्वालीफाई करने की यात्रा यहां रुकी नहीं है। इस बार उन्होंने सातवें विषय पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से नेट की परीक्षा दी है। इसके बाद वह दर्शनशास्त्र विषय से परीक्षा देने की तैयारी में जुटे हैं। 

कम नंबरों ने दी कुछ नया करने की प्रेरणा 
37 साल के अमित ने बताया कि पढ़ाई में बेहतर प्लानिंग न करने के कारण 10वीं में महज 59 प्रतिशत अंक आए थे। इसी फेज को टर्निंग प्वाइंट मानकर कुछ नया करने का विचार आया। इसलिए कई विषयों से नेट क्वालीफाई करने की ठानी। अमित का कहना है कि वह नेशनल पब्लिशिंग हाउस के प्रकाशक होने के साथ ही लेखक भी हैं। अब तक 84 देशों के उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभूतियों का नाम वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुके हैं।

विस्तार

छह अलग-अलग विषयों से नेट क्वालीफाई करने वाले कानपुर के अमित निरंजन का नाम वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है। इस उपलब्धि के लिए 2021 में उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो चुका है। अमित का दावा है कि दोनों रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराने वाले वह इकलौते भारतीय हैं।

लालबंगला निवासी अमित ने 2010 जून में कॉमर्स, दिसंबर 2010 में अर्थशास्त्र, 2012 में मैनेजमेंट, 2015 में एजुकेशन, 2019 में पॉलिटिकल साइंस और दिसंबर 2020 में समाजशास्त्र विषय से नेट की परीक्षा पास की थी। सभी विषयों में उन्होंने पहले प्रयास में ही सफलता अर्जित की है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाले लोगों को इन रिकॉर्ड्स में शामिल किया जाता है। 2015 में उन्होंने आईआईटी कानपुर से इकोनॉमिक्स में पीएचडी पूरी की है। जीडी गोयनका स्कूल में कॉमर्स विभाग के हेड अमित निरंजन की नेट क्वालीफाई करने की यात्रा यहां रुकी नहीं है। इस बार उन्होंने सातवें विषय पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से नेट की परीक्षा दी है। इसके बाद वह दर्शनशास्त्र विषय से परीक्षा देने की तैयारी में जुटे हैं। 

कम नंबरों ने दी कुछ नया करने की प्रेरणा 

37 साल के अमित ने बताया कि पढ़ाई में बेहतर प्लानिंग न करने के कारण 10वीं में महज 59 प्रतिशत अंक आए थे। इसी फेज को टर्निंग प्वाइंट मानकर कुछ नया करने का विचार आया। इसलिए कई विषयों से नेट क्वालीफाई करने की ठानी। अमित का कहना है कि वह नेशनल पब्लिशिंग हाउस के प्रकाशक होने के साथ ही लेखक भी हैं। अब तक 84 देशों के उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभूतियों का नाम वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुके हैं।



Source link

Enable Notifications OK No thanks