Assam Floods : असम में बाढ़ का तांडव जारी, 24 घंटे में आठ की मौत और आठ लापता, 32 जिलों में 31 लाख लोग प्रभावित


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असम में मानसून के पूर्व ही नदियों का रौद्र रूप जारी है। बाढ़ से बदतर हालात के बीच पिछले 24 घंटे में आठ लोगों की डूबने से मौत हो गई, वहीं आठ अब भी लापता हैं। राज्य में इस साल अब तक 62 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 11 की मौत भूस्खलन की चपेट में आने से हुई है। यह जानकारी असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने दी। 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बरपेटा और करीमगंज में जिले में दो-दो लोग डूब गए, वहीं, दरंग, हैलाकांदी, नलबाड़ी और शोणितपुर में एक-एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई। राज्य में फिलहाल 32 जिलों के 31 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। 

केवल बरपेटा जिले में अकेले 7.31 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं, दरंग 3.54 लाख, बजाली में 3.52 लाख, होजाई में 1.25 लाख और बंगाईगांव में 1.13 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और पड़ोसी देश भूटान में लगातार बारिश की वजह से असम समेत अन्य पड़ोसी राज्यों की नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

असम के कई हिस्से में  ब्रह्मपुत्र, पागलादिया, बेकी, मानस, कपिली, जिया भराली का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है। लगातार बारिश की वजह से राजधानी गुवाहाटी के विभिन्न इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा राज्य में बाढ़ के हालात की समीक्षा की और सभी जिला प्रशासनों को राहत सामग्री की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

डेढ़ लाख से अधिक लोग राहत शिविरों में 
बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रशासन ने 514 राहत शिविर और 302 राहत वितरण केंद्र स्थापित किए हैं। राहत शिविरों में 1,56,365 लोग शरण लिए हुए हैं। इसके अलावा भी लोगों ने सड़कों, तटबंधों और ऊंचे स्थानों पर शरण ले रखी है। एएसडीएमए की रिपोर्ट के मुताबिक 118 राजस्व चक्रों के तहत 4,291 गांव जलमग्न हैं। वहीं, 66,455.82 हेक्टेयर कृ षि भूमि जल में समा चुकी है। 25.54 लाख से अधिक जानवर इससे प्रभावित हुए हैं। 

अब तक 9,102 लोगों को बचाया 
सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीएफआर), अग्नि एवं आपात सेवा और प्रशासन ने 22 जिलों से अब तक 9,102 लोगों को बचाया है, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी थीं। वहीं बुलेटिन के अनुसार अब तक 20,983 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है।

त्रिपुरा में बाढ़ के हालत में मामूली सुधार, एक बहा  
त्रिपुरा में रविवार को बारिश नहीं हुई और बाढ़ के हालात में मामूली सुधार दर्ज किया गया। हालांकि काटाखाल में तेज बहाव में व्यक्ति के बह जाने की सूचना है। फिलहाल हावड़ा नदी का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है। लापता व्यक्ति की पहचान मायलाखोला के सिराज मियां के तौर पर हुई है। एसडीएमए अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार से शुरू हुई बारिश की वजह से आई बाढ़ में तीन जिलों के 12,000 लोग विस्थापित हो गए। प्रभावितों के लिए 45 राहत शिविर तैयार किए गए हैं।  

असम सरकार ड्रोन सर्वे के लिए आईआईटी, गुवाहाटी की लेगी मदद 
असम सरकार बाढ़ से राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने व उसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी से मदद लेगी। आईआईटी, गुवाहाटी की टीम ड्रोन सर्वे के जरिये अभियान में मदद करेगी। संस्थान के डीन परमेश्वर अय्यर ने कहा, सरकार ने हमसे संपर्क किया है और हम जल्द ही इस दिशा में काम शुरू करेंगे। आईआईटी, गुवाहाटी की ओर से ड्रोन स्टार्ट अप के तौर पर तैयार किया गया था। 

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असम में मानसून के पूर्व ही नदियों का रौद्र रूप जारी है। बाढ़ से बदतर हालात के बीच पिछले 24 घंटे में आठ लोगों की डूबने से मौत हो गई, वहीं आठ अब भी लापता हैं। राज्य में इस साल अब तक 62 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 11 की मौत भूस्खलन की चपेट में आने से हुई है। यह जानकारी असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने दी। 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बरपेटा और करीमगंज में जिले में दो-दो लोग डूब गए, वहीं, दरंग, हैलाकांदी, नलबाड़ी और शोणितपुर में एक-एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई। राज्य में फिलहाल 32 जिलों के 31 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। 

केवल बरपेटा जिले में अकेले 7.31 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं, दरंग 3.54 लाख, बजाली में 3.52 लाख, होजाई में 1.25 लाख और बंगाईगांव में 1.13 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और पड़ोसी देश भूटान में लगातार बारिश की वजह से असम समेत अन्य पड़ोसी राज्यों की नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

असम के कई हिस्से में  ब्रह्मपुत्र, पागलादिया, बेकी, मानस, कपिली, जिया भराली का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है। लगातार बारिश की वजह से राजधानी गुवाहाटी के विभिन्न इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा राज्य में बाढ़ के हालात की समीक्षा की और सभी जिला प्रशासनों को राहत सामग्री की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।



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