जेल से बाहर आएंगे आजम?: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को लगाई फटकार, कहा- 137 दिन में आदेश नहीं दे पाए


सार

शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि, 137 दिन से आदेश नहीं आया है। यह न्यायिक प्रक्रिया का मजाक है। कोर्ट ने कहा, हम इस मामले में उच्च न्यायालय के फैसले की प्रतीक्षा करना चाहते हैं। जरूरी हुआ तो इस पर आदेश देंगे।

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समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट पर कड़ी टिप्पणी की है। शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि, 137 दिन से आदेश नहीं आया है। यह न्यायिक प्रक्रिया का मजाक है। कोर्ट ने कहा, हम इस मामले में उच्च न्यायालय के फैसले की प्रतीक्षा करना चाहते हैं। जरूरी हुआ तो इस पर आदेश देंगे। कोर्ट 11 मई को इस प्रकरण में सुनवाई करेगा। दरअसल, आजम खां की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। 

दरअसल, आजम खां को 86 मामलों में कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। केवल एक मामले में उनकी याचिका पर सुनवाई लंबित है। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए  फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट अगले सप्ताह तक अपना फैसला सुना सकती है। अगर आजम खान की जमानत अर्जी मंजूर हो जाती है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे। क्योंकि, बाकी मामलों में कोर्ट ने उन्हें पहले ही जमानत दे रखी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की पीठ कर रही थी।

किस मामले में नहीं मिली है जमानत 
आरोप है कि आजम ने शत्रु संपत्ति को अवैध रूप से कब्जे में लेकर जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल कर लिया। हाईकोर्ट में इस मामले में पिछले वर्ष दिसंबर में सुनवाई पूरी हो चुकी है और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

मामले में पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार ने आजम खां की ओर से जमानत याचिका दाखिल होने के बाद हाईकोर्ट में अर्जी देकर कुछ और तथ्य प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा था। अदालत ने चार मई को सुनवाई की तारीख तय की थी, लेकिन ईद के अवकाश की वजह से चीफ जस्टिस के आदेश के तहत दो मई के सभी केस की सुनवाई चार मई को हुई, जबकि चार मई के सभी केस की सुनवाई पांच मई यानी बृहस्पतिवार को हुई। प्रदेश सरकार की ओर से 29 अप्रैल को ही हलफनामा दाखिल किया जा चुका है।

विस्तार

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट पर कड़ी टिप्पणी की है। शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि, 137 दिन से आदेश नहीं आया है। यह न्यायिक प्रक्रिया का मजाक है। कोर्ट ने कहा, हम इस मामले में उच्च न्यायालय के फैसले की प्रतीक्षा करना चाहते हैं। जरूरी हुआ तो इस पर आदेश देंगे। कोर्ट 11 मई को इस प्रकरण में सुनवाई करेगा। दरअसल, आजम खां की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। 

दरअसल, आजम खां को 86 मामलों में कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। केवल एक मामले में उनकी याचिका पर सुनवाई लंबित है। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए  फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट अगले सप्ताह तक अपना फैसला सुना सकती है। अगर आजम खान की जमानत अर्जी मंजूर हो जाती है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे। क्योंकि, बाकी मामलों में कोर्ट ने उन्हें पहले ही जमानत दे रखी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की पीठ कर रही थी।

किस मामले में नहीं मिली है जमानत 

आरोप है कि आजम ने शत्रु संपत्ति को अवैध रूप से कब्जे में लेकर जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल कर लिया। हाईकोर्ट में इस मामले में पिछले वर्ष दिसंबर में सुनवाई पूरी हो चुकी है और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

मामले में पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार ने आजम खां की ओर से जमानत याचिका दाखिल होने के बाद हाईकोर्ट में अर्जी देकर कुछ और तथ्य प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा था। अदालत ने चार मई को सुनवाई की तारीख तय की थी, लेकिन ईद के अवकाश की वजह से चीफ जस्टिस के आदेश के तहत दो मई के सभी केस की सुनवाई चार मई को हुई, जबकि चार मई के सभी केस की सुनवाई पांच मई यानी बृहस्पतिवार को हुई। प्रदेश सरकार की ओर से 29 अप्रैल को ही हलफनामा दाखिल किया जा चुका है।



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