महंगी ईएमआई के लिए रहिए तैयार, फिच ने कहा-रिजर्व बैंक दिसंबर अंत तक ब्याज दरों को 5.9 फीसदी तक बढ़ाएगा


नई दिल्ली . फिच रेटिंग्स ने बुधवार को कहा कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों को बढ़ाकर दिसंबर तक 5.9 फीसदी पर ले जाएगा. महंगाई की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को बढ़ाना जारी रखेगा. ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक के अपने अपडेट में, फिच ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बिगड़ते बाहरी माहौल, कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी और सख्त वैश्विक मौद्रिक नीति का सामना कर रही है.

रेटिंग्स एजेंसी कहा, “मुद्रास्फीति के लिए बिगड़ते दृष्टिकोण को देखते हुए, अब हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई दिसंबर 2022 तक 5.9 प्रतिशत और 2023 के अंत तक 6.15 प्रतिशत ब्याज दरों को ले जाएगा. साल 2024 में इसके अपरिवर्तित रहने की उम्मीद कर सकते हैं.”

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बढ़ती महंगाई चिंता का विषय
पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दरों को 40 आधार अंकों से बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत कर दिया. फिर पिछले सप्ताह .50 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ ब्याज दरों को 4.9 प्रतिशत कर दिया. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक महंगाई दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. मई में खुदरा महंगाई 7.04 फीसदी पर आ गई. बाजार जानकारों की कहना है कि महंगाई जब तक नियंत्रित नहीं होती आरबीआई ब्याज दरों को बढ़ाता रहेगा.

आगे सुधार की उम्मीद
फिच ने कहा कि मुद्रास्फीति आठ साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. यह दूसरे सेक्टर में भी फैल गई है, जो उपभोक्ताओं के लिए एक गंभीर चुनौती है. पिछले तीन महीनों में, खाद्य मुद्रास्फीति में साल-दर-साल औसतन 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि स्वास्थ्य देखभाल बिल भी समान गति से बढ़ रहे हैं.” फिच के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही की वृद्धि में खपत में सुधार की संभावना है क्योंकि मार्च के अंत में COVID-19 मामले कम हो गए थे.

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विकास दर प्रभावित होगी
फिच ने कहा, अब हम उम्मीद करते हैं कि इस साल (2022-2023) अर्थव्यवस्था में 7.8 फीसदी की वृद्धि होगी, जो हमारे पिछले अनुमान 8.5 फीसदी से कम है. हमारे मार्च के 4.8 प्रतिशत के पूर्वानुमान की तुलना में जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष-दर-वर्ष 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई. फिच ने पिछले हफ्ते भारत की सॉवरेन रेटिंग पर आउटलुक को दो साल के बाद ‘नकारात्मक’ से ‘स्थिर’ कर दिया था.

अगर ब्याज दर अनुमान के मुताबिक बढ़ती रहीं तो महंगे ईएमआई के लिए उपभोक्ताओं को तैयार रहना होगा. इस समय होम लोन रिकॉर्ड स्तर पर नीचे चल रहे हैं. लेकिन पिछले 40 दिन के अंदर .90 फीसदी ब्याज दर बढ़ने से ईएमआई बढ़नी शुरू हो गई है. अगर ब्याज दर 6 फीसदी तर पहुंचती है तो आपको यहां से लगभग 2 फीसदी ज्यादा ब्याज देना पड़ेगा.

Tags: Inflation, Interest Rates, RBI, Rbi policy

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