Bitcoin माइनिंग फर्म ने बंद हो रहे कोल प्लांट से मिलाया हाथ, पर्यावरण ने भुगता नतीजा


क्रिप्‍टोकरेंसी माइनिंग की वजह से पर्यावरण पर पड़ रहे असर ने दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ाई है। क्रिप्‍टोकरेंसी माइनिंग में खर्च होने वाली बेतहाशा ऊर्जा की वजह से कई देशों में बिजली संकट बढ़ा है। अब इससे जुड़ी एक और खबर हैरान करने वाली है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल अमेरिका के मोंटाना (Montana) में क्रिप्टो माइनर्स ने एक खत्‍म होते कोयला प्‍लांट को फ‍िर से शुरू होने में मदद की। इसकी वजह से कार्बन उत्सर्जन में चौंकाने वाली बढ़ोतरी देखी गई। 

गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, मोंटाना के दक्षिणी हिस्‍से में मौजूद 115 मेगावॉट के कोयला प्‍लांट को साल 2018 में बंद होना था, क्योंकि इसे अच्‍छा बिजनेस नहीं मिल रहा था। यह प्‍लांट लगभग बंद होने वाला था कि साल 2020 के आखिर में बिटकॉइन (Bitcoin) माइनिंग कंपनी मैराथन (Marathon) ने एक डील की। इसके तहत वह कोयला प्‍लांट की अकेली कस्‍टमर बन गई। 

मोंटाना पर्यावरण सूचना केंद्र के को-डायरेक्‍टर ऐनी हेजेज ने गार्जियन को बताया कि यह सब होता देखकर वह डर गए थे। इस कोयला प्‍लांट की वजह से साल 2021 की दूसरी तिमाही में लगभग 1 लाख 87 हजार टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्‍सर्जन हुआ। साल 2020 में इसी अ‍व‍धि के दौरान यह लगभग 5000 फीसदी ज्‍यादा है। इसी तरह तीसरी तिमाही में 2 लाख 6 हजार टन और कार्बन डाइऑक्साइड का उत्‍सर्जन हुआ। यह 905 फीसदी की बढ़ोतरी थी।

2021 में वॉल स्ट्रीट जर्नल ने पहली बार मोंटाना प्‍लांट के बारे में बताया था। वैसे, बिटकॉइन माइनिंग के लिए इतनी बिजली इस्‍तेमाल करना कोई अनोखी बात नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017 में बिटकॉइन माइनिंग में 159 देशों की जरूरत से भी ज्‍यादा बिजली इस्‍तेमाल हो रही थी। क्रिप्‍टो माइनिंग में खर्च होने वाली इतनी ज्‍यादा बिजली को देखते हुए इसी साल जनवरी में दक्षिण-पूर्व यूरोप में स्थित कोसोवो (Kosovo) ने इस पर पूरी तरह बैन लगा दिया है।

इन आंकड़ों के बावजूद बिटकॉइन समर्थक इसके पक्ष में खड़े नजर आते हैं। बिटकॉइन माइनिंग कंपनी मैराथन के चीफ एग्‍जीक्‍यूविट फ्रेड थिएल ने कहा कि इससे ज्‍यादा ऊर्जा का इस्‍तेमाल तो अमेरिका में वॉशिंग मशीन करती हैं।
उन्‍होंने गार्जियन से कहा कि कुछ लोग बिटकॉइन माइनिंग को बैड बॉय के रूप में बताना चाहते हैं, लेकिन दूसरे उद्योगों से तुलना करें, तो इसका कोई महत्‍व नहीं है।

बिटकॉइन माइनिंग करने वाली मैराथन के अपने तर्क हैं। वह भविष्‍य में खुद का विस्‍तार करने की योजना भी रखती है, जिसके बारे में कंपनी की वेबसाइट पर भी बताया गया है। जाहिर है कि इससे समस्‍या और ज्‍यादा बढ़ेगी। इससे उन कंपनियों के मनोबल पर असर पड़ता है, जो आने वाले वक्‍त में जीरो कार्बन उत्‍सर्जन का लक्ष्‍य लेकर चल रही हैं। 
 

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Prem Tripathi

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