ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव: 32 लाख लोगों को मिलेंगी नौकरियां, ऊर्जा राज्यमंत्री ने कहा- व्यापार संतुलन की स्थिति सुधरेगी


एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 23 Mar 2022 02:49 AM IST

सार

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम में ऊर्जा राज्यमंत्री भगवंत खुबा ने कहा कि ऊर्जा बदलाव बढ़ती मांग को पूरा करने के लिहाज से महत्वपूर्ण कदम है। इससे अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही ऊर्जा बदलाव से आयातित ईंधन पर निर्भरता कम हो सकेगी।

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ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव बढ़ती मांग को पूरा करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इससे न सिर्फ आयातित ईंधन पर देश की निर्भरता कम होगी बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री भगवंत खुबा ने मंगलवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि, बढ़ती समृद्धि, शहरीकरण की बढ़ती दर और प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत में बढ़ोतरी से देश में ऊर्जा की मांग बढ़ रही है। बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए हमें ऊर्जा बदलाव की जरूरत पर जोर देना चाहिए। इससे 2050 तक रोजगार के 32 लाख नए अवसर के सृजन में मदद मिलेगी।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम में खुंबा ने कहा कि ऊर्जा बदलाव बढ़ती मांग को पूरा करने के लिहाज से महत्वपूर्ण कदम है। इससे अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही ऊर्जा बदलाव से आयातित ईंधन पर निर्भरता कम हो सकेगी। इससे व्यापार संतुलन की स्थिति सुधरेगी और ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में भी कमी आएगी। 

ऊर्जा का निर्यातक बन सकता है भारत
राज्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था महामारी के प्रकोप से उबर रही है। मैं आप सभी से आह्वान करता हूं कि इस अवसर का लाभ उठाएं और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को नए सिरे से परिभाषित करें ताकि भारत को शुद्ध ऊर्जा निर्यातक बनाया जा सके। वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत में ब्राजील के राजदूत आंद्रे अरान्हा कोरियो डो लोगो ने कहा कि हम भारत को सौर पैनल के संभावित विनिर्माण निर्यात भागीदार के रूप में देखते हैं। ब्राजील का इरादा 52,000 मेगावॉट सौर ऊर्जा की स्थापना करना है। उन्होंने कहा, भारत एथेनॉल ईंधन के साथ ब्राजील के अनुभव का लाभ उठा सकता है और अपने उद्योग को बढ़ावा दे सकता है।

अप्रैल-जून तिमाही में तेजी से भर्ती करेंगी कंपनियां
देश में 38 फीसदी कंपनियां अगले तीन महीने यानी अप्रैल-जून तिमाही में तेजी से भर्तियां करने की योजना बना रही हैं। मैनपावर ग्रुप के रोजगार सर्वे के मुताबिक, विभिन्न क्षेत्रों में नियुक्ति गतिविधियां पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले कहीं अधिक मजबूत हैं। हालांकि, तिमाही आधार पर जनवरी-मार्च के मुकाबले शुद्ध रोजगार परिदृश्य में 11 फीसदी की कमी आ सकती है। 3,090 कंपनियों से बातचीत पर आधारित सर्वे में कहा गया है कि कार्यबल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अब भी चिंता का विषय बना हुआ है।

  • सर्वे में शामिल 55 फीसदी नियोक्ताओं ने कहा कि पेरोल बढ़ेगा, जबकि 17 फीसदी ने इसमें कमी की आशंका जताई है। 36 फीसदी ने किसी भी बदलाव से इनकार किया है।
  • आईटी और प्रौद्योगिकी भूमिकाओं के लिए परिदृश्य सबसे मजबूत 51 फीसदी है। रेस्टोरेंट एवं होटल के लिए 38 फीसदी और शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कार्य एवं सरकारी नियुक्ति संबंधी परिदृश्य 37 फीसदी है।
  • समूह के एमडी संदीप गुलाटी ने कहा कि देश महामारी के असर से बाहर आ रहा है, लेकिन वैश्विक भू-राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ती महंगाई जैसी नई चुनौतियां सामने हैं।

विस्तार

ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव बढ़ती मांग को पूरा करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इससे न सिर्फ आयातित ईंधन पर देश की निर्भरता कम होगी बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री भगवंत खुबा ने मंगलवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि, बढ़ती समृद्धि, शहरीकरण की बढ़ती दर और प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत में बढ़ोतरी से देश में ऊर्जा की मांग बढ़ रही है। बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए हमें ऊर्जा बदलाव की जरूरत पर जोर देना चाहिए। इससे 2050 तक रोजगार के 32 लाख नए अवसर के सृजन में मदद मिलेगी।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम में खुंबा ने कहा कि ऊर्जा बदलाव बढ़ती मांग को पूरा करने के लिहाज से महत्वपूर्ण कदम है। इससे अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही ऊर्जा बदलाव से आयातित ईंधन पर निर्भरता कम हो सकेगी। इससे व्यापार संतुलन की स्थिति सुधरेगी और ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में भी कमी आएगी। 

ऊर्जा का निर्यातक बन सकता है भारत

राज्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था महामारी के प्रकोप से उबर रही है। मैं आप सभी से आह्वान करता हूं कि इस अवसर का लाभ उठाएं और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को नए सिरे से परिभाषित करें ताकि भारत को शुद्ध ऊर्जा निर्यातक बनाया जा सके। वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत में ब्राजील के राजदूत आंद्रे अरान्हा कोरियो डो लोगो ने कहा कि हम भारत को सौर पैनल के संभावित विनिर्माण निर्यात भागीदार के रूप में देखते हैं। ब्राजील का इरादा 52,000 मेगावॉट सौर ऊर्जा की स्थापना करना है। उन्होंने कहा, भारत एथेनॉल ईंधन के साथ ब्राजील के अनुभव का लाभ उठा सकता है और अपने उद्योग को बढ़ावा दे सकता है।

अप्रैल-जून तिमाही में तेजी से भर्ती करेंगी कंपनियां

देश में 38 फीसदी कंपनियां अगले तीन महीने यानी अप्रैल-जून तिमाही में तेजी से भर्तियां करने की योजना बना रही हैं। मैनपावर ग्रुप के रोजगार सर्वे के मुताबिक, विभिन्न क्षेत्रों में नियुक्ति गतिविधियां पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले कहीं अधिक मजबूत हैं। हालांकि, तिमाही आधार पर जनवरी-मार्च के मुकाबले शुद्ध रोजगार परिदृश्य में 11 फीसदी की कमी आ सकती है। 3,090 कंपनियों से बातचीत पर आधारित सर्वे में कहा गया है कि कार्यबल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अब भी चिंता का विषय बना हुआ है।

  • सर्वे में शामिल 55 फीसदी नियोक्ताओं ने कहा कि पेरोल बढ़ेगा, जबकि 17 फीसदी ने इसमें कमी की आशंका जताई है। 36 फीसदी ने किसी भी बदलाव से इनकार किया है।
  • आईटी और प्रौद्योगिकी भूमिकाओं के लिए परिदृश्य सबसे मजबूत 51 फीसदी है। रेस्टोरेंट एवं होटल के लिए 38 फीसदी और शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कार्य एवं सरकारी नियुक्ति संबंधी परिदृश्य 37 फीसदी है।
  • समूह के एमडी संदीप गुलाटी ने कहा कि देश महामारी के असर से बाहर आ रहा है, लेकिन वैश्विक भू-राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ती महंगाई जैसी नई चुनौतियां सामने हैं।



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