इस दौरान डीडीएमओ ने बर्फ हटाने में जुटे मजदूरों को भी सतर्क रहते हुए काम करने को कहा। जिलाधिकारी मनुज गोयल के निर्देश पर बीते शनिवार को डीडीएमओ नंदन सिंह रजवार, मास्टर ट्रेनर राजविंदर सिंह रावत, डीडीआरएफ के ललित सेमवाल व सुनील राणा केदारनाथ के लिए रवाना हुए थे।
ये भी पढ़ें…सियासत: उत्तराखंड पहुंचे भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने किया दावा, दो तिहाई बहुमत से बनाएंगे सरकार
गौरीकुंड से रामबाडा पहुंचने के बाद चारों लोग जैसे-तैसे लिनचोली तक पहुंच पाए। यहां पैदल मार्ग पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ है। साथ ही हिमखंड जोन अति संवेदनशील है, जिस कारण आगे आवाजाही मुश्किल थी। लिनचोली में ही गढ़वाल मंडल विकास निगम के हट्स में रात्रि प्रवास के बाद रविवार को जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी रजवार केदारनाथ तक पहुंचे।
उन्होंने बताया कि लिनचोली से केदारनाथ तक चारों तरफ बर्फ नजर आ रही है। यहां छह से 9 फीट तक बर्फ है। रामबाड़ा के बाद टीएफ चट्टी, भैरव गदेरा, हथनी गदेरा सहित अन्य स्थानों पर छोटे-बड़े हिमखंड तेजी से नीचे की तरफ खिसक रहे हैं।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी रजवार बताया कि लिनचोली में दो दिन और दो रातें बिस्कुट के सहारे गुजारी। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लोनिवि के 80 मजदूर रामबाड़ा से छोटी लिनचोली के बीच बर्फ की सफाई में जुटे हैं।
रास्ते में 5 से 8 फीट तक बर्फ है, जिस काटकर रास्ता तैयार किया जा रहा है। इधर, डीडीएमए-लोनिवि के अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि इसी सप्ताह मजदूरों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
बीते एक माह से लगे मजदूरों द्वारा छोटी लिनचोली के पहले मोड़ तक बर्फ को काटकर दो सौ मीटर रास्ता तैयार किया गया है। डीडीएमए (जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) के ईई प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर एक मार्च से बर्फ हटाने का काम शुरू किया गया है।