चीन का अभियान: जापान के पास से होकर गुजरा विमान वाहक पोत, संभावित सैन्य संघर्षों के लिए तैयारी


सार

चीनी मीडिया में उसकी नौसेना के इस अभियान को ताईवान जलडमरूमध्य में एक संभावित सैन्य संघर्ष के साथ अन्य अभियानों की तैयारी के लिए युद्धक क्षमताओं में उल्लेखनीय इजाफा बChinaताया गया है। 

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चीन की नौसेना के विमान वाहक पोत लिओनिंग आठ चीनी युद्धपोतों के साथ सोमवार को दक्षिणी जापान के ओकिनावा द्वीप श्रृंखला के बीच से गुजरा था। चीन के सरकारी मीडिया के अनुसार यह अभियानों की तैयारी है जिनमें एक ताइवान के जलडमरूमध्य में एक संभावित सैन्य विवाद भी शामिल है। 

ये युद्धपोत मुख्य ओकिनावा द्वीप और मियाकोजिमा के बीच से गुजरे। जापान के रक्षा मंत्रालय और चीन के सरकारी मीडिया ने कहा कि इस दौरान जापान के अधिकार वाले जल क्षेत्र में कोई घुसपैठ नहीं हुई। लिओनिंग विमान वाहक पोत पर मौजूद हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरी और लैंडिंग की। 

चीन के इस बेड़े के साथ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर, एक गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट और टाइप 901 सप्लाई शिप हुलुन्हु भी था। पिछले साल दिसंबर के बाद पहली बार इस बात की पुष्टि हुई है कि एक चीनी विमान वाहक इस इलाके से गुजरा है। पिछले कुछ महीनों में पीएलए ने ताईवान जलडमरूमध्य में बड़ी संख्या में युद्धपोत तैनात किए हैं और उसके लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी है।

चीन की नौसेना के सिद्धांतों के अनुसाप ये द्वीप पहली द्वीप श्रृंखला है और इनको पार करना उसकी ओर से अपनी शक्ति का प्रदर्शन है। जापान के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि चीनी विमान वाहक पोत की निकासी पर निगरानी के लिए हमारी मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स ने एक हेलिकॉप्टर वाहक पोत इजुमो के साथ पी-1 मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट और पी-3सी एंटी सबमरीन विमान को भेजा था। 

ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम आठ युद्धपोतों और डेस्ट्रॉयर के साथ यह समुद्र में निकला सबसे बड़ा विमान वाहक समूह है। रिपोर्ट में चीन के इस अभियान को ताईवान जलडमरूमध्य में एक संभावित सैन्य संघर्ष के साथ अन्य अभियानों की तैयारी के लिए युद्धक क्षमताओं में उल्लेखनीय इजाफा बताया गया है। 

इस समय चीन के पास लिओनिंग और शैनडोंग, दो विमान वाहक पोत हैं। वहीं, तीसरे विमान वाहक के इस साल नौसेना में शामिल होने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार पिछली यात्राओं के आधार पर, मियाको जलडमरूमध्य को पार करने के बाद चीन का बेड़ा प्रशांत महासागर में सुदूर पूर्व की ओर जा सकता है या फिर बाशी चैनल के रास्ते ताइवान की ओर रुख कर सकता है और दक्षिणी चीन सागर में अभ्यास कर सकता है।

विस्तार

चीन की नौसेना के विमान वाहक पोत लिओनिंग आठ चीनी युद्धपोतों के साथ सोमवार को दक्षिणी जापान के ओकिनावा द्वीप श्रृंखला के बीच से गुजरा था। चीन के सरकारी मीडिया के अनुसार यह अभियानों की तैयारी है जिनमें एक ताइवान के जलडमरूमध्य में एक संभावित सैन्य विवाद भी शामिल है। 

ये युद्धपोत मुख्य ओकिनावा द्वीप और मियाकोजिमा के बीच से गुजरे। जापान के रक्षा मंत्रालय और चीन के सरकारी मीडिया ने कहा कि इस दौरान जापान के अधिकार वाले जल क्षेत्र में कोई घुसपैठ नहीं हुई। लिओनिंग विमान वाहक पोत पर मौजूद हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरी और लैंडिंग की। 

चीन के इस बेड़े के साथ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर, एक गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट और टाइप 901 सप्लाई शिप हुलुन्हु भी था। पिछले साल दिसंबर के बाद पहली बार इस बात की पुष्टि हुई है कि एक चीनी विमान वाहक इस इलाके से गुजरा है। पिछले कुछ महीनों में पीएलए ने ताईवान जलडमरूमध्य में बड़ी संख्या में युद्धपोत तैनात किए हैं और उसके लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी है।

चीन की नौसेना के सिद्धांतों के अनुसाप ये द्वीप पहली द्वीप श्रृंखला है और इनको पार करना उसकी ओर से अपनी शक्ति का प्रदर्शन है। जापान के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि चीनी विमान वाहक पोत की निकासी पर निगरानी के लिए हमारी मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स ने एक हेलिकॉप्टर वाहक पोत इजुमो के साथ पी-1 मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट और पी-3सी एंटी सबमरीन विमान को भेजा था। 

ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम आठ युद्धपोतों और डेस्ट्रॉयर के साथ यह समुद्र में निकला सबसे बड़ा विमान वाहक समूह है। रिपोर्ट में चीन के इस अभियान को ताईवान जलडमरूमध्य में एक संभावित सैन्य संघर्ष के साथ अन्य अभियानों की तैयारी के लिए युद्धक क्षमताओं में उल्लेखनीय इजाफा बताया गया है। 

इस समय चीन के पास लिओनिंग और शैनडोंग, दो विमान वाहक पोत हैं। वहीं, तीसरे विमान वाहक के इस साल नौसेना में शामिल होने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार पिछली यात्राओं के आधार पर, मियाको जलडमरूमध्य को पार करने के बाद चीन का बेड़ा प्रशांत महासागर में सुदूर पूर्व की ओर जा सकता है या फिर बाशी चैनल के रास्ते ताइवान की ओर रुख कर सकता है और दक्षिणी चीन सागर में अभ्यास कर सकता है।



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