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अगर आप किसी भी बैंक में कर्ज या क्रेडिट कार्ड लेने जाते हैं तो बैंक या वित्तीय संस्थान सबसे पहले आपका सिबिल स्कोर देखते हैं। बैंक या वित्तीय कंपनी से किस ब्याज पर कितना लोन मिलेगा, यह इस बात पर निर्भर है कि आपका सिबिल स्कोर कितना अच्छा है।
आसान भाषा में कहें तो सिबिल स्कोर जितना अच्छा होगा, उतनी ही कम ब्याज दर आसानी से लोन मिल जाएगा। खराब होने पर लोन मिलना मुश्किल है और मिलेगा भी तो मंहगे ब्याज पर। सिबिल स्कोर रिपोर्ट में आपकी सभी व्यक्तिगत जानकारी, नौकरी संबंधी डिटेल्स, बैंक खाते और पुराने लोन की जानकारी होती है। बीमा कंपनियां भी आजकल यह स्कोर देखती हैं। सिबिल स्कोर 0 से 900 के बीच होता है।
सिबिल स्कोर अच्छा/खराब
550 बहुत बुरा
550-650 बुरा
650-750 औसत
750 से ज्यादा अच्छा
750-900 सबसे अच्छा
व्यावसायिक संस्थाओं के लिए सिबिल स्कोर एक से 10 के बीच होता है। एक को सबसे अच्छा माना जाता है, जबकि 10 का स्कोर सबसे खराब होता है।
अगर आजतक आपका किसी कर्ज का इतिहास नहीं है या आपने किसी बैंक या एनबीएफसी या फिनटेक कंपनी से लोन नहीं लिया है तो आपका सिबिल स्कोर शून्य से भी नीचे चला जाएगा। अगर आपने समय पर नियमित रूप से कर्ज का भुगतान करते हैं तो सिबिल स्कोर 750 या उससे ज्यादा रहेगा।
ये चार एजेंसियां तैयार करती हैं स्कोर
आरबीआई ने सिबिल स्कोर से जुड़ीं सूचनाएं जुटाने के लिए चार एजेंसियों को अधिकृत किया है। सिबिल, एक्सपेरियन, एक्वीफाक्स और हाईमार्क्स। ये संस्थाएं बैंक, एनबीएफसी, फिनटेक कंपनियों जैसे विभिन्न स्रोतों से कर्ज लेने, चुकाने समेत अन्य सूचनाएं जुटाती हैं। इनके आधार पर ही सिबिल स्कोर तैयार करती हैं।
- संस्थाएं यह भी देखती हैं कि आपने कर्ज लेने को कितनी बार बैंकों या वित्तीय संस्थाओं से पूछताछ की है।
- व्यावसायिक संस्था के लिए लेखा परीक्षक, कोर्ट में लंबित मामले जैसी जानकारियां भी जुटाती हैं।
- समय पर कर्ज चुकाएं। किस्त न छूटे, इसके लिए उचित प्रबंध करें।
- अपनी कमाई का 30 फीसदी से ज्यादा कर्ज न लें।
- लोन के लिए बार-बार आवेदन न करें और न ही इसके लिए किसी को स्वीकृति दें।
- जरूरत के हिसाब से कर्ज लें। लुभावने प्रस्ताव और आकर्षण ब्याज की वजह से कर्ज न लें।
- लंबी अवधि के लिए कर्ज लें। इससे किस्त भी कम होगी, जिससे भुगतान करने में आसानी होगी।