LIC IPO में अनिश्चितता के कारण तीन अन्य सरकारी कंपनियों के आईपीओ में हो सकती है देरी, पढ़िए डिटेल


IPO Update :  रूस-यूक्रेन युद्ध, महंगाई और ब्याज दर बढ़ने की आशंका से दुनिया भर के शेयर बाजारों में अस्थिरता का माहौल है. भारतीय शेयर बाजार भी इन कारणों से उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहे हैं. इसका चौतरफा असर देखने को मिल रहा है. इसी वजह से केंद्र सरकार ने एलआईसी के आईपीओ को मार्च की बजाय मई में टाल दिया.

एलआईसी आईपीओ की अनिश्चितता की वजह से तीन अन्य सरकारी कंपनियों का आईपीओ भी लेट हो सकता है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबित, Export Credit Guarantee Corp. of India (ECGC), WAPCOS और National Seeds Corp. Ltd के अपकमिंग आईपीओ में देरी हो सकती है.

विनिवेश लक्ष्य मुश्किल 

एलआईसी आईपीओ में देरी की वजह से अन्य सरकारी कंपनियों की लिस्टिंग योजना पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा. इस कारण वित्त वर्ष- 23 के लिए विनिवेश लक्ष्य को प्राप्त करने में दिक्कत आएगी. अधिकारी ने बताया कि एलआईसी के तुरंत बाद पहली तिमाही में 3 अन्य सरकारी कंपनियों की आईपीओ प्रक्रिया शुरु होने वाली थी. लेकिन अब बाकी आईपीओ भी आगे खिसक गई है.

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हालांकि वित्त मंत्रालय ने इस मामले में अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने फरवरी में केंद्रीय बजट की घोषणाओं के बाद कहा कि केंद्र WAPCOS के साथ तीन सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की लिस्टिंग प्रक्रिया शुरू करेगा. विभाग ने फरवरी 2021 में विनिवेश प्रक्रिया के लिए एक रजिस्ट्रार और एक विज्ञापन एजेंसी को नियुक्त करने के लिए पहले ही निविदाएं मंगाई थीं.

WAPCOS IPO

WAPCOS जल शक्ति मंत्रालय के तहत काम करता है और जून 1969 में शामिल किया गया था. यह एक परामर्श और इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC) कंपनी है. यह पानी, बिजली और बुनियादी ढांचे के सतत विकास के लिए समाधान पेश करती है.

नेशनल सीड्स कॉर्प आईपीओ

पिछले नवंबर में, दीपम ने नेशनल सीड्स कॉर्प में 25% सरकारी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया भी शुरू की थी. यह केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम कृषि मंत्रालय के अंदर मुनाफा कमाने वाला मिनी-रत्न है. इसकी कुल संपत्ति 646.37 करोड़ रुपए है.

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भारत के निर्यात क्रेडिट गारंटी कार्पोरेशन के लिस्टिंग की प्रक्रिया सितंबर में शुरू हुई थी. केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है. सरकार निर्यात को बढ़ाकर 5.28 ट्रिलियन रुपए करने के लिए 4,400 करोड़ रुपये के निवेश पर भी सहमति व्यक्त की है.

एलआईसी सबसे बड़ा आईपीओ

एलआईसी का आईपीओ भारतीय शेयर बाजारों में सबसे बड़ा इश्यू होगा. इससे सरकार को वित्त वर्ष 2013 के लिए 65,000 करोड़ रुपये के अपने विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलने की उम्मीद है. 19 अप्रैल तक, सरकार ने तेल और प्राकृतिक गैस कार्पोरेशन लिमिटेड की बिक्री के प्रस्ताव से ₹3,026 करोड़ एकत्र किए हैं.

सरकार अपने विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड, शिपिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड और पवन हंस सहित अन्य की रणनीतिक बिक्री को भी इस वित्तीय वर्ष में पूरा करने की उम्मीद कर रही है.

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