यूपी में बिजली संकट: गांवों में 5 से 10 रुपए खर्च कर मोबाइल चार्ज कर रहे लोग, 6 से 8 घंटे ही मिल रही बिजली


संवाद न्यूज एजेंसी, बलरामपुर
Published by: ishwar ashish
Updated Sun, 01 May 2022 01:49 PM IST

सार

यूपी के गांवों में ‘बिजली’ यानि कि जनरेटर का व्यवसाय एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। लोग पैसा देकर जनरेटर का कनेक्शन ले रहे हैं। लघु उद्योग बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। इलेक्ट्रानिक, आइसक्रीम, होटल व मेडिकल की दुकानें करने वाले लोग भी बिजली कटौती के कारण व्यवसाय नहीं कर पा रहे हैं।

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भीषण गर्मी के बीच लगातार हो रही अघोषित विद्युत कटौती से एक बार फिर ‘बिजली’ यानि कि जनरेटर का कारोबार चमकने लगा है। ग्रामीण बाजारों में दुकानदार शाम के समय रोशनी के लिए पैसा देकर जनरेटर का कनेक्शन ले रहे हैं। ग्रामीण 5 से 10 रुपए खर्च कर मोबाइल चार्ज कराने को विवश हैं। गर्मी के मौसम में लोड बढ़ने के कारण बिजली आने पर ट्रांसफार्मर भी जल जाते हैं।

बिजली आपूर्ति बाधित होने पर शनिवार को गौरा चौराहा थाना क्षेत्र के भोजपुर संतरी गांव में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर रोस्टर के अनुसार बिजली आपूर्ति किए जाने की मांग की है।

जिले में बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। शहरी क्षेत्रों में 10 से 12 घंटे तो ग्रामीण क्षेत्र में 6 से 8 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। बार-बार ट्रिपलिंग व लोकल फाल्ट के नाम पर बिजली कटौती किए जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में ‘बिजली’ यानि कि जनरेटर का व्यवसाय एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। लोग पैसा देकर जनरेटर का कनेक्शन ले रहे हैं।

इतना ही नहीं इर्न्वटर व सौर ऊर्जा से मोबाइल चार्ज करने का व्यवसाय भी खूब फलफूल रहा है। लोग 5 से 10 रुपए देकर अपना मोबाइल चार्ज कराने को विवश हैं। गांवों में स्थापित लघु उद्योग बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। समय से बिजली न मिल पाने के कारण आटा-चक्की व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। आटा चक्की न चलने के कारण लोगों के घर रोटी के लाले भी पड़ गए हैं।

इसी तरह इलेक्ट्रानिक, आइसक्रीम, होटल, व मेडिकल की दुकानें करने वाले लोग भी बिजली कटौती होने के कारण व्यवसाय नहीं कर पा रहे हैं। गौरा चौराहा थाना क्षेत्र के भोजपुर संतरी गांव के ग्रामीणों ने बिजली विभाग की मनमानी पर आक्रोश जताते हुए शनिवार को जमकर प्रदर्शन किया।

ग्रामीण शिव कुमार त्रिपाठी, विनय सिंह, अश्वनी सिंह व गुलाम रजा आदि का कहना है कि गांव में लगा ट्रांसफार्मर लोड अधिक होने के कारण करीब 9 बार जल चुका है। अधिक पावर का ट्रांसफार्मर न लगाकर उसी ट्रांसफार्मर को बार-बार बदल दिया जाता है, जिससे वह कुछ ही दिनों में जल जाता है।

इन लोगों ने प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर गांव में उच्च क्षमता वाला ट्रांसफार्मर लगवाए जाने तथा रोस्टर के अनुसार बिजली आपूर्ति किए जाने की मांग की है।

विस्तार

भीषण गर्मी के बीच लगातार हो रही अघोषित विद्युत कटौती से एक बार फिर ‘बिजली’ यानि कि जनरेटर का कारोबार चमकने लगा है। ग्रामीण बाजारों में दुकानदार शाम के समय रोशनी के लिए पैसा देकर जनरेटर का कनेक्शन ले रहे हैं। ग्रामीण 5 से 10 रुपए खर्च कर मोबाइल चार्ज कराने को विवश हैं। गर्मी के मौसम में लोड बढ़ने के कारण बिजली आने पर ट्रांसफार्मर भी जल जाते हैं।

बिजली आपूर्ति बाधित होने पर शनिवार को गौरा चौराहा थाना क्षेत्र के भोजपुर संतरी गांव में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर रोस्टर के अनुसार बिजली आपूर्ति किए जाने की मांग की है।

जिले में बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। शहरी क्षेत्रों में 10 से 12 घंटे तो ग्रामीण क्षेत्र में 6 से 8 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। बार-बार ट्रिपलिंग व लोकल फाल्ट के नाम पर बिजली कटौती किए जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में ‘बिजली’ यानि कि जनरेटर का व्यवसाय एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। लोग पैसा देकर जनरेटर का कनेक्शन ले रहे हैं।

इतना ही नहीं इर्न्वटर व सौर ऊर्जा से मोबाइल चार्ज करने का व्यवसाय भी खूब फलफूल रहा है। लोग 5 से 10 रुपए देकर अपना मोबाइल चार्ज कराने को विवश हैं। गांवों में स्थापित लघु उद्योग बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। समय से बिजली न मिल पाने के कारण आटा-चक्की व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। आटा चक्की न चलने के कारण लोगों के घर रोटी के लाले भी पड़ गए हैं।



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