EPFO की ब्याज दर एक बार फिर चर्चा में, फंड को कहां निवेश कर पैसा कमाता है ईपीएफओ


नई दिल्ली . EPFO यानी इंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाजेशन ने शनिवार को PF पर इंट्रेस्ट रेट को घटा दिया है. अब पीएफ पर ब्याज दरें 40 साल के निचले स्तर पर आ गई हैं. घटती ब्याज दरें एक बार फिर चर्चा में हैं. फाइनेंशियल ईयर 2021-2022 के लिए 8.1% इंट्रेस्ट रेट की सिफारिश की है. यह पिछले 40 साल में पीएफ पर सबसे कम ब्याज है. पिछले हफ्ते फाइनेंस मिनस्ट्री ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 8.5 फीसदी इंट्रेस्ट रेट के प्रस्ताव को एप्रूव कर दिया था.

अब प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के अकाउंट में ब्याज का पैसा आ जाएगा. क्या आप जानते हैं ईपीएफओ यह इंट्रेस्ट कैसे कमाता है, वह अपना फंड कहां इनवेस्ट करता है, आपके अकाउंट में ब्याज किस तरह डाला जाता है? आइन इन सवालों के जवाब जानते हैं.

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अगले दो से तीन हफ्ते में यह पैसा सबक्राइबर के अकाउंट में आएगा
ईपीएफओ का सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (CBT) पीएफ पर इंट्रेस्ट रेट की सिफारिश करता है. फिर, लेबर मिनिस्ट्री इस पर फाइनेंस मिनिस्ट्री का एप्रूवल लेती है. पिछले हफ्ते फाइनेंस मिनिस्ट्री ने 2020-21 के लिए 8.5 फीसदी इंट्रेस्ट रेट को मंजूरी दी थी. अब ईपीएफओ इसकी अधिसूचना जारी करेगा. इसके बाद अगले दो से तीन हफ्ते में यह पैसा सबक्राइबर के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.

क्या है सीबीटी? 
सीबीटी फैसला लेने वाली ईपीएफओ की सबसे पावरफुल बॉडी है. केंद्रीय श्रम मंत्री इसके प्रमुख होते हैं. केंद्र सरकार का लेबर सेक्रेटरी इसका वाइस-चेयरमैन होता है. इसमें केंद्र सरकार के 5 और राज्य सरकारों के 15 प्रतिनिधि शामिल होते हैं. इसमें कर्मचारियों के 10 और नियोक्ताओं (Employer) के 10-10 प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं.

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 फंड कहां निवेश होता है ?
ईपीएफओ अपना 85 फीसदी पैसा डेट (जैसे बॉन्ड) में और बाकी 15 फीसदी शेयरों में इनवेस्ट करता है. डेट के तहत इसे कम से कम 45 फीसदी और मैक्समम 65 फीसदी पैसा सरकारी सिक्योरिटीज और इससे जुड़े इंस्ट्रूमेंट में इनवेस्ट करने की इजाजत है.

वह मिनिमम 20 फीसदी और ज्यादा से ज्यादा 45 फीसदी पैसा कंपनियों की डेट सिक्योरिटीज में कर सकता है. वह बैंक और सरकारी वित्तीय संस्थाओं के सिक्योरिटी में भी इनवेस्ट कर सकता है. शर्त यह है कि ऐसे इंस्ट्रूमेंट की बाकी मैच्योरिटी पीरियड कम से कम 3 साल होना चाहिए. फंड मैनेजर्स 5 फीसदी फंड छोटी अवधि के डेट में लगा सकते हैं. इसके तहत कमर्शियल पेपर जैसे इंस्ट्रूमेंट आते हैं.

जहां तक शेयरों में निवेश की बात है तो ईपीएफ को म्यूचुअल फंड्स और सेबी रेगुलेटेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में भी निवेश की इजाजत है.

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