फिर मुश्किल में फेसबुक : टेक्सास में चेहरा पहचानने की तकनीक में गोपनीयता के उल्लंघन को लेकर मुकदमा दर्ज


वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन।
Published by: योगेश साहू
Updated Tue, 15 Feb 2022 02:49 AM IST

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मेटा नाम रखकर विवादों से पीछा छुड़ाने की कोशिश कर रही फेसबुक एक बार फिर मुश्किल में फंसती नजर आ रही है। इस बार उस पर टेक्सास में चेहरा पहचानने की तकनीक में सुरक्षा और गोपनीयता के उल्लंघन का आरोप लगा है। इसे लेकर यहां मुकदमा भी दर्ज हो गया है।

टेक्सास के अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने सोमवार को बताया कि मेटा (एफबी.ओ) फेसबुक पर मुकदमा दायर किया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने चेहरा पहचानने की तकनीक के माध्यम से गोपनीयता और सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन किया है। उसमें बिना सहमति लिए टेक्सास के लाखों लोगों का बायोमेट्रिक डाटा एकत्र किया है।

मुकदमे में फेसबुक पर आरोप है उसने उन तस्वीरों और वीडियो से भी बायोमेट्रिक जानकारी हासिल की जिनको यूजर्स ने अपलोड किया, परंतु गोपनीय जानकारी साझा करने की सहमति नहीं दी थी। फेसबुक ने इन जानकारियों को अन्य के साथ साझा किया और उचित समय रहते इस नष्ट करने में भी विफल रही।

अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन ने इस मामले को लेकर अपने एक बयान में कहा कि यह बड़ी तकनीकी कंपनियों की धोखेबाज व्यावसायिक प्रथाओं का एक और उदाहरण है और इसे रोकना चाहिए। मैं टेक्सास की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए लड़ाई जारी रखूंगा।

जानकारी के अनुसार, इस मुकदमे से जुड़ी रिपोर्ट सबसे पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित हुई थी। इस रिपोर्ट में मामले से जुड़े एक जानकार के हवाले से कहा गया था कि फेसबुक पर अरबों डॉलर का भारी अर्थदंड लगाया गया है। वहीं, इस मुकदमे के बारे में पूछे जाने पर मेटा के एक प्रवक्ता ने कहा कि ये दावे सही नहीं हैं और हम पूरी क्षमता से अपना बचाव करेंगे।

मेटा नाम रखकर विवादों से पीछा छुड़ाने की कोशिश कर रही फेसबुक एक बार फिर मुश्किल में फंसती नजर आ रही है। इस बार उस पर टेक्सास में चेहरा पहचानने की तकनीक में सुरक्षा और गोपनीयता के उल्लंघन का आरोप लगा है। इसे लेकर यहां मुकदमा भी दर्ज हो गया है।

टेक्सास के अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने सोमवार को बताया कि मेटा (एफबी.ओ) फेसबुक पर मुकदमा दायर किया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने चेहरा पहचानने की तकनीक के माध्यम से गोपनीयता और सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन किया है। उसमें बिना सहमति लिए टेक्सास के लाखों लोगों का बायोमेट्रिक डाटा एकत्र किया है।

मुकदमे में फेसबुक पर आरोप है उसने उन तस्वीरों और वीडियो से भी बायोमेट्रिक जानकारी हासिल की जिनको यूजर्स ने अपलोड किया, परंतु गोपनीय जानकारी साझा करने की सहमति नहीं दी थी। फेसबुक ने इन जानकारियों को अन्य के साथ साझा किया और उचित समय रहते इस नष्ट करने में भी विफल रही।

अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन ने इस मामले को लेकर अपने एक बयान में कहा कि यह बड़ी तकनीकी कंपनियों की धोखेबाज व्यावसायिक प्रथाओं का एक और उदाहरण है और इसे रोकना चाहिए। मैं टेक्सास की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए लड़ाई जारी रखूंगा।

जानकारी के अनुसार, इस मुकदमे से जुड़ी रिपोर्ट सबसे पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित हुई थी। इस रिपोर्ट में मामले से जुड़े एक जानकार के हवाले से कहा गया था कि फेसबुक पर अरबों डॉलर का भारी अर्थदंड लगाया गया है। वहीं, इस मुकदमे के बारे में पूछे जाने पर मेटा के एक प्रवक्ता ने कहा कि ये दावे सही नहीं हैं और हम पूरी क्षमता से अपना बचाव करेंगे।



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