ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स पर फेक रिव्यू पर लगेगी लगाम, मंत्रालय ने उपाय पर चर्चा के लिए बुलाई बैठक


नई दिल्लीः ऐसा कई बार होता है कि ई-कॉमर्स साइट पर किसी प्रोडक्ट को केवल अच्छे रीव्यू ही मिलते. इसमें बहुत बड़ा योगदान फेक रिव्यू का होता जिसे प्रोडक्ट निर्माता कंपनी खरीदती या अन्य माध्यमों से हासिल करती है. अब केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स वेबसाइट पर प्रोडक्ट्स को दिए जाने वाले फेक रिव्यू पर संज्ञान लिया है. उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय और भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) के एकसाथ मिलकर ई-कॉमर्स कंपनियों सहित सभी पक्षो के साथ एक बैठक करेंगे.

इस बैठक में फेक रिव्यू से ग्राहकों को होने वाले नुकसान और उन्हें ऑनलाइन उत्पादों को लेकर गुमराह किए जाने पर चर्चा होगी. मंत्रालय के अनुसार, इस बैठक में फेक रिव्यू का ग्राहकों पर कैसा असर होता है इसका आकलन करना है. साथ ही इन्हें रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं इस पर भी बैठक में चर्चा होगी. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने इस संबंध में सभी पक्षों को पत्र लिखा है.

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55 फीसदी वेबसाइट कर रहीं गाइडलाइन्स का उल्लंघन
समीक्षा में फ्लिपकार्ट, अमेज़न, टाटा संस, रिलायंस रिटेल जैसी प्रमुख ई-कॉमर्स इकाइयां शामिल हैं. रोहित कुमार ने यूरोपीयन यूनियन में 223 बड़ी वेबसाइट पर ऑनलाइन रिव्यू की स्क्रीनिंग सभी पक्षधारकों के साथ साझा की. स्क्रीनिंग में सामने आया कि करीब 55 फीसदी वेबसाइट्स ईयू की बिजनेस प्रैक्टिस को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करती हैं. इनमें 144 वेबसाइट ने फेक रिव्यू पर लगाम कसने के लिए कोई प्रयास नहीं किए हैं. कई दफा ऐसा हुआ कि किसी बगैर प्रोडक्ट या सर्विस खरीदे ही उसका रिव्यू कर दिया है और वह वेबसाइट पर दिख रहा है.

ऑनलाइन बिक्री के दौर में रिव्यू से मिलती है मदद
सचिव ने पत्र में कहा कि लगातार ऑनलाइन सामान और सेवाओं की खरीदारी करने वाले ग्राहकों की संख्या में इजाफा हो रहा है. उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर प्रॉडक्ट सिर्फ तस्वीर देखकर खरीदे जाते हैं. ग्राहक सामान को हाथ में लेकर नहीं देखता और ज्यादातर ग्राहक कोई भी सामान खरीदने से पहले उसके रिव्यू को देखकर उस पर भरोसा करते हैं. रिव्यू में जैसा भी अनुभव साझा किया गया होता है ग्राबक उसी को आधार बनाकर प्रोडक्ट खरीदता है. बता दें कि फेक और भ्रामक रिव्यू कंज्यूमर प्रोटेक्शन ऐक्ट 2019 के तहत दिए गए राइट टू बी इनफॉर्म्ड का उल्लंघन हैं.

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